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Tata Group ने 32, 500 करोड़ में किया था इस कंपनी का अधिग्रहण, अब टाटा स्टील में होगी समाहित करने की तैयारी

टाटा स्टील ने भूषण स्टील लिमिटेड (बीएसएल) को दिवाला प्रक्रिया के तहत 32500 करोड़ रुपये में अधिग्रहण किया था। अधिग्रहण के बाद इसे टाटा स्टील-बीएसएल लिमिटेड के नाम से अलग कंपनी बना दिया था। अब इसकी विलय की प्रक्रिया शुरू होगी।

By Jitendra SinghEdited By: Published: Fri, 02 Jul 2021 01:13 PM (IST)Updated: Fri, 02 Jul 2021 01:13 PM (IST)
Tata Group ने 32, 500 करोड़ में किया था इस कंपनी का अधिग्रहण,  अब टाटा स्टील में होगी समाहित करने की तैयारी
Tata Group ने 32, 500 करोड़ में किया था इस कंपनी का अधिग्रहण

जमशेदपुर, जासं। टाटा स्टील ने वर्ष 2018 में जिस भूषण स्टील का अधिग्रहण किया था, उसे अब टाटा स्टील में समाहित करने की प्रक्रिया हो रही है। यह बात टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कही है। ऐसा घरेलू स्टील की मांग में तेजी और भारत में आधारभूत संरचना को मजबूत बनाने और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में तेजी को देखते हुए किया जा रहा है।

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यहां यह बताना लाजिमी है कि टाटा स्टील ने भूषण स्टील लिमिटेड (बीएसएल) को दिवाला प्रक्रिया के तहत 32,500 करोड़ रुपये में अधिग्रहण किया था। अधिग्रहण के बाद इसे टाटा स्टील-बीएसएल लिमिटेड के नाम से अलग कंपनी बना दिया था। चंद्रशेखरन ने बुधवार को मुंबई में हुई 114वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए कहा कि "हमने टाटा स्टील के साथ टाटा स्टील-बीएसएल के विलय की प्रक्रिया को भी आगे बढ़ाया है, जिससे भविष्य में कंपनी के लिए और सहक्रियाएं भी होंगी। हम टाटा स्टील के भारत के कारोबार को चार क्लस्टर लांग प्रोडक्ट्स, माइनिंग, डाउनस्ट्रीम और उपयोगिताओं और बुनियादी ढांचा सेवाओं के पुनर्गठन और समेकन पर भी अच्छी तरह से प्रगति कर रहे हैं।’

कलिंगनगर प्रोजेक्ट भी पांच से बढ़कर आठ एमटीपीए होगा

इसी बैठक में चेयरमैन ने कहा कि ओडिशा स्थित टाटा स्टील के कलिंगनगर प्रोजेक्ट का भी विस्तार किया जा रहा है। यहां की स्टील उत्पादन क्षमता को पांच मिलियन टन प्रतिवर्ष से बढ़ाकर आठ मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) करने की योजना भी प्रगति पर है। महामारी के कारण भारतीय इस्पात उद्योग को वित्तीय वर्ष 2020-21 की पहली दो तिमाहियों में काफी घाटा हुआ। हालांकि अब घरेलू स्टील की मांग बढ़ रही है। निर्माण कार्य या गतिविधियों में तेजी आने लगी। इससे स्टील सेक्टर तीसरी और चौथी तिमाही में धीरे-धीरे ठीक हो गया। टाटा स्टील के लिए भी पहली तिमाही काफी चुनौतीपूर्ण रही। हालांकि कर्मचारियों द्वारा प्रदर्शित प्रयासों और प्रतिबद्धता के साथ कंपनी ने न केवल संकट पर काबू पाया, बल्कि अपने इतिहास में सबसे अच्छा अंतर्निहित वित्तीय प्रदर्शन भी किया।

समेकित लाभ बढ़कर 8,190 करोड़ रुपये हो गया

चंद्रशेखरन ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में समेकित राजस्व पांच प्रतिशत बढ़कर 1,56,294 करोड़ रुपये हो गया है। अपने भारतीय कारोबार के बहुत मजबूत परिचालन प्रदर्शन के दम पर टाटा स्टील ने 30,892 करोड़ रुपये का अपना अब तक का उच्चतम एबीटीडीए हासिल किया, जो सालाना आधार पर 71 फीसदी की वृद्धि है। कर के बाद समेकित लाभ भी बढ़कर 8,190 करोड़ रुपये हो गया।

टाटा स्टील का मेरे दिल में विशेष स्थान : रतन टाटा

वार्षिक आमसभा को टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन और टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा ने कहा कि टाटा स्टील का मेरे दिल में विशेष स्थान है। मैंने 57 साल पहले टाटा स्टील से ही अपना कॅरियर शुरू किया था। यहां मुझे तीन साल तक शॉप फ्लोर पर काम करने, कंपनी को विकसित होते देखने, जेआरडी टाटा, रूसी मोदी और नानावती जैसे लोगों के साथ देखने और बातचीत करने का अवसर मिला। दुनिया भर में कोविड महामारी की चुनौतियों और मांग में गिरावट के बावजूद टाटा स्टील ने घोषित परिणामों को हासिल किया है। विशेष रूप से अपने इतिहास में अब तक का सबसे अधिक लाभांश, जो कंपनी के साथ खड़े सभी शेयरधारकों को बहुत आभारी और खुश करेगा।


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