टाटा कमिंंस कर्मियों की दो टूक,वैकल्पिक व्यवस्था बगैर नहीं खाली करेंगे क्वार्टर Jamshedpur News
टाटा कमिंंस कर्मियों ने दो टूक कहा है कि वैकल्पिक व्यवस्था बगैर क्वार्टर खाली नहीं करेंगे। पहले वे टाटा मोटर्स और फििर कमिंंस के कर्मचारी बने।
जमशेदपुर, जासं। टाटा कमिंस कर्मचारियों को क्वार्टर खाली कराने का मामला गरमाने लगा है। कंपनी के कर्मचारी क्वार्टर खाली कराने के मामले में गोलबंद होकर आवाज बुलंद करने लगे हैं। इसे लेकर कर्मचारी यूनियन के नेता भी आपे से बाहर हैं।
शुक्रवार को कंपनी के स्थानीय प्रबंधन के साथ यूनियन स्टीयङ्क्षरग कमेटी की एक बैठक हुई जिसमें नेताओं ने स्पष्ट कहा कि जब तक उनके क्वार्टर की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होगी वे आवास खाली नहीं करेंगे। इस पर कंपनी के अधिकारियों ने कहा कि वे इस मामले को प्रबंधन के वरीय अधिकारियों के पास पहुंचाने का काम करेंगे। यूनियन नेताओं का कहना था कि पहले टाटा मोटर्स था उसके बाद ही यहां कमिंस बनी है। ऐसे में टाटा मोटर्स कर्मचारियों को जब क्वार्टर की वैकल्पिक व्यवस्था हो रही है तो उन्हें क्यों नहीं?
एमडी के समक्ष उठा क्वार्टर का मुद्दा
टाटा कमिंस के नए एमडी अंजली पांडेय के साथ हुई यूनियन स्टीयङ्क्षरग कमेटी की परिचयात्मक बैठक में कर्मचारियों को क्र्वाटर खाली कराने के फरमान पर चर्चा की गई। शुक्रवार को कंपनी परिसर में ग्यारह बजे से प्रबंधन-यूनियन की बैठक शुरू हुई। इसमें नए एमडी अंजली पांडेय के साथ कमिंस ग्लोबल के एमडी अश्वथ राम भी मौजूद थे। साथ ही जमशेदपुर प्लांट के प्रमुख मनीष झा, एचआर प्रमुख दीप्ति महेश्वरी, अनुपमा कॉल, पल्लवी देसाई, भीखम सिंह यूनियन नेता अरुण सिंह, मनोज सिंह, एहसान अहमद सिराजी, रामाकांत करुआ आदि मौजूद थे। नए एमडी के साथ यूनियन नेताओं की परिचय कराया गया। फिर कंपनी की वर्तमान व भविष्य की योजनाओं पर भी चर्चा की गई। मंदी से उबरने व लागत नियंत्रण करने की बात कही गई। कर्मचारियों को क्र्वाटर खाली कराने के साथ लंबित ग्रेड रिवीजन मामले का निदान कराने की बात भी उठी।
क्या है क्वार्टर का मामला
टाटा मोटर्स अपने जर्जर क्वार्टरों को तोडऩे व उसका मेंटीनेंस कार्य शुरू किया है। इसी क्रम में टाटा मोटर्स कर्मचारियों के साथ कमिंस के 96 कर्मियों को भी आवास खाली कराने का फरमान जारी हुआ है। इसके साथ ही 37 ऐसे कमिंस कर्मियों को चिन्हित कर उन्हें लेटर दिया गया है जो अपने क्वार्टर में नहीं रहते, उसे बंद कर रखा है या फिर एक मोटी रकम लेकर उसे भाड़े पर दे रखा है। टाटा कमिंस यूनियन नेताओं का कहना है कि जब टाटा मोटर्स कर्मियों को क्र्वाटर खाली कराने के बाद उन्हें नए क्वार्टर आवंटित होता है तो उन्हें क्यों नहीं आवास मिलेगा ? क्वार्टर खाली करने वाले कर्मियों को वैकल्पिक व्यवस्था होनी चाहिए।