तरुणदीप की निगाह bullseye पर, पेरिस विश्वकप तीरंदाजी होगा टोक्यो का ड्रेस रिहर्सल
तरुणदीप राय। भारतीय तीरंदाजी की दुनिया का जाना-पहचाना नाम। एथेंस (2004) व लंदन (2021) ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले इस तीरंदाज के पास लंबा अंतरराष्ट्रीय अनुभव है। तरुणदीप की माने तो टोक्यो ओलंपिक में भारतीय पुरुष तीरंदाजी टीम बेहतर प्रदर्शन करेगी।
जितेंद्र सिंह, जमशेदपुर। तरुणदीप राय। भारतीय तीरंदाजी की दुनिया का जाना-पहचाना नाम। एथेंस (2004) व लंदन (2021) ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले इस तीरंदाज के पास लंबा अंतरराष्ट्रीय अनुभव है। हालांकि एथेंस व लंदन ओलंपिक से उन्हें खाली हाथ वापस लौटना पड़ा था। लेकिन तरुणदीप की माने तो टोक्यो ओलंपिक में भारतीय पुरुष तीरंदाजी टीम बेहतर प्रदर्शन करेगी। फिलहाल तरुणदीप आर्मी स्पोट्र्स इंस्टीट्यूट, पुणे में ओलंपिक की तैयारी कर रहे हैं।
सिक्किम का यह खिलाड़ी ओलंपिक के बाद अपने तीर व धनुष को दीवार पर टांगने की तैयारी कर रहा है। ऐसे में टोक्यो ओलंपिक में पदक जीतने का उनके पास अंतिम मौका है। 2010 एशियाई खेलों में तीरंदाजी में पुरुषों की व्यक्तिगत स्पर्धा में रजत जीतने वाले पहले तीरंदाज बने तरुणदीप जापान की राजधानी टोक्यो में पदक जीत अपने कैरियर का अविस्मरणीय अंत करना चाहते हैं। यह उनके 24 साल के कैरियर का शानदार अंत होगा। टोक्यो ओलंपिक अभी दो महीने दूर हैं, लेकिन तरुणदीप रिकर्व टीम की कामयाबी को लेकर अभी से आश्वस्त हैं।
अतनु दास व प्रवीण के साथ ट्रेनिंग करने से बढ़ जाता आत्मविश्वास
हाल ही में तीरंदाजी विश्वकप में स्वर्ण जीतने वाले अतनु दास व प्रवीण जाधव के साथ ट्रेनिंग करते हैं तो उनका आत्मविश्वास सातवें स्थान पर होता है। वह कहते हैं, अतनु व प्रवीण प्रतिभावान तीरंदाज हैं और उनसे काफी कुछ सीखने को मिलता है। तीरंदाजी विश्व चैंपियनशिप में अपने प्रभावशाली प्रदर्शन के बाद तरुणदीप राय ने जून 2019 में भारत का ओलंपिक कोटा बुक किया, जहां उन्होंने रजत पदक जीता। टोक्यो ओलंपिक में पुरुष तीरंदाजी की इस तिकड़ी को व्यक्तिगत इवेंट में भी खेलने का मौका मिलेगा।
बोले तरुणदीप, हम सब पदक के भूखे
बकौल तरुणदीप, अगर आप टोक्यो में पुरुष टीम प्रतियोगिता को देखें तो मैं कह सकता हूं कि भारत के पदक जीतने की संभावना अधिक है। पहले भी मैंने ओलंपिक में प्रतिनिधित्व किया था, लेकिन इस बार मैंने अपनी तकनीक पर ज्यादा ध्यान दिया है। और में जानता हूं, हम जीत सकते हैं। अभ्यास के दौरान अतनु दास व प्रवीण की समर्पण भावना को देखकर तो यही लगता है कि हम सब पदक के भूखे हैं। दोनों काफी फोकस्ड हैं। वह अच्छी तरह जानते हैं कि मैदान पर आखिर क्यों इतना पसीना बहा रहे हैं। उन्हें देखकर मुझमें भी नया आत्मविश्वास पैदा होता है, मुझे भी प्रेरणा मिलती है।
पेरिस विश्वकप तीरंदाजी में होगा लिटमस टेस्ट
गौरतलब है कि ग्वाटेमाला में विश्वकप तीरंदाजी स्टेज-1 में भारतीय पुरुष टीम पदक जीतने में नाकामयाब रही थी। 21 जून से पेरिस में शुरू होने वाले विश्वकप तीरंदाजी स्टेज-3 में टीम का बहुत कुछ दांव पर होगा, क्योंकि टोक्यो ओलंपिक के पहले अंतिम अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता होगी। तरुणदीप राय भी मानते हैं कि यह ओलंपिक से पहले आखिरी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट है। ऐसे में टोक्यो ओलंपिक जितना इस टूर्नामेंट का महत्व है।आप कह सकते हैं कि यह ओलंपिक से पहले एक ड्रेस रिहर्सल है और आपको यह भी पता चल जाएगा कि आपने कितनी तैयारी की है और आप कहां खड़े हैं। अगर विश्वकप में अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो आत्मविश्वास बढ़ेगा। उनका यह भी मानना है कि तीनों तीरंदाजों में टोक्यो में व्यक्तिगत स्पर्धा में भी प्रदर्शन करने की क्षमताहै, लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि दिन विशेष में आप कैसा प्रदर्शन करते हैं।