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गायक सुरेश वाडेकर बोले,आज के म्यूजिक डायरेक्टर्स नहीं हैं कॉन्फीडेंट

बॉलीवुड के सदाबहार पाश्र्व गायक सुरेश वाडेकर का मानना है कि आज के म्यूजिक डायरेक्टर्स कॉन्फीडेंट नहीं हैं। वे खुद को ही असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, इसीलिए अर्थहीन गीत बन और गाए जा रहे हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 14 Nov 2018 02:33 PM (IST)Updated: Wed, 14 Nov 2018 02:33 PM (IST)
गायक सुरेश वाडेकर बोले,आज के म्यूजिक डायरेक्टर्स  नहीं हैं कॉन्फीडेंट
गायक सुरेश वाडेकर बोले,आज के म्यूजिक डायरेक्टर्स नहीं हैं कॉन्फीडेंट

 जमशेदपुर(जेएनएन)। बॉलीवुड के सदाबहार गायक सुरेश वाडेकर का मानना है कि आज के म्यूजिक डायरेक्टर्स कॉन्फीडेंट नहीं हैं। वे खुद को ही असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, इसीलिए अर्थहीन गीत बन और गाए जा रहे हैं। लोगों को अच्छा लग रहा है, यह कहकर आप कुछ भी नहीं परोस सकते।

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अपनी धरोहर को बचाना हमारा भी कर्तव्य है। पब्लिक का नाम लेकर अपना घोड़ा दौड़ाना बंद करना होगा। यही कारण है कि आज के गीत अच्छे लगते हैं, लेकिन बहुत अच्छे नहीं लगते। आज के संगीत में वेराइटी कम हो गई है। एक जैसे गाने आ रहे हैं। इसी वजह से अच्छे सिंगरों को काम नहीं मिल पा रहा है। 

संगीत जल्‍द मेलोडियस पर आ जाएगा

सूर्य मंदिर में छठ के मौके पर आयोजित सांस्कृतिक संध्या में अपनी प्रस्तुतियां देने आए सुरेश वाडेकर बुधवार को बिष्टुपुर स्थित एक होटल में पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दुनिया गोल है। आज का संगीत जिस मुकाम पर है, बहुत जल्द फिर मेलोडियस पर आ जाएगा। उन्होंने बताया कि वे 1968-69 में जमशेदपुर आए थे। तब वे 12 साल के थे। अपने गुरु पंडित जियालाल बसंत के साथ। उनका बच्चों का आरकेस्ट्रा था और टाटा स्टील में उन्होंने अपनी प्रस्तुतियां दी थी।

जमशेदपुर का हो गया हूं फैन

इसके बाद फिर मुख्यमंत्री रघुवर दास से मिलने सात महीने पहले जमशेदपुर आए थे। मुख्यमंत्री ने उसी वक्त छठ पर सूर्य मंदिर में संगीत प्रस्तुति देने का न्योता दे दिया था। उन्होंने कहा कि जमशेदपुर के श्रोताओं को देखकर मैं हैरान रह गया। यहां के लोगों ने उन गानों को सुनने की फरमाइश की, जो संगीत को बहुत गहराई से जानते हैं। यहां के लोग संगीत के बहुत शौकीन हैं और मैं जमशेदपुर के लोगों का फैन हो गया हूं। लता मंगेशकर के साथ गाने में हड़बड़ाहट के सवाल पर उन्होंने कहा कि गाने से पहले ही 5-6 बार रिहर्सल करता था। इसके बावजूद भारी दबाव में रहता था कि कहीं गलती न हो जाए। अपने फेवरेट गाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुझे ऑफबीट गाने अच्छे लगते हैं। जैसे सीने में जलन...।

रोज तीन-चार घंटे करते रियाज

उन्होंने कहा कि मैं आज भी तीन-चार घंटे रियाज करता हूं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कोई भी गायक गाना बंद नहीं करता है। लता मंगेशकर ने 85 साल गाया। मैं खुद 40 साल से गा रहा हूं। लेकिन, वैसे गाने के ऑफर आने चाहिए जो वो गाना चाहते हैं। अभी मेरे भजन, अलबम, मराठी और ओडिया भाषा की फिल्मों में गाने आ रहे हैं। 


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