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पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा स्वर्णरेखा नदी का किनारा

नदी तट के किनारे खाली स्थानों पर विभिन्न प्रकार के पौधे जिसमें छायादार से लेकर फलदार पौधे लगाए जाने हैं। तट को पर्यटन केंद्र के तौर पर विकसित किया जाएगा।

By Edited By: Published: Wed, 20 Jun 2018 10:00 AM (IST)Updated: Wed, 20 Jun 2018 05:33 PM (IST)
पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा स्वर्णरेखा नदी का किनारा
पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा स्वर्णरेखा नदी का किनारा

जेएनएन, जमशेदपुर : नमामी गंगे की तर्ज पर केंद्र सरकार ने झारखंड के दो नदियों स्वर्णरेखा व दामोदर के किनारा को पौधा लगाने के लिए चिन्हित किया है। दोनों नदी के किनारे बसे चार शहरों जमशेदपुर, रांची, धनबाद तथा बोकारो से बहने वाली नदियों के किनारे को चकाचक करने का मकसद है। नमामी गंगे की तरह शहर के किनारे नदी तट को साफ-सुथरा रखकर हरियाली लाना इस योजना का मकसद है। जिले में बहने वाली स्वर्णरेखा नदी के किनारे छह स्थानों के 21 किलोमीटर क्षेत्र को पौधा लगाने के लिए चिन्हित किया गया है। जहां विभिन्न प्रकार के फल, फूल, छायादार पौधे लगाए जाएंगे। केंद्र सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना को स्वर्णरेखा नदी के किनारे बड़ाबांकी से दो जुलाई 2018 को इसकी शुरुआत की जाएगी।

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पर्यटन के तौर पर विकसित होगा नदी का किनारा
नदी तट के किनारे खाली स्थानों पर विभिन्न प्रकार के पौधे जिसमें छायादार से लेकर फलदार पौधे लगाए जाने हैं। तट को पर्यटन केंद्र के तौर पर विकसित किया जाएगा। जब शहर में बाहर से लोग आएंगे तो नदी के किनारे की सुंदर दृश्य को बिना देखे जा नहीं सकते। जमशेदपुर के डीएफओ सबा आलम अंसारी ने बताया कि नदी के किनारे पौधे लगाने से मानव जीवन के लिए कई तरह के फायदे हैं। उन्होंने बताया कि पौधे से भू-क्षरण रूकेगी, जिससे बाढ़ से बचा जा सकता है। बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने में पर्यावरण संरक्षण के रूप में काम करेगी। नदी के किनारे चूंकि सभी पौधे को कंटीले तार से घेराबंदी की जानी है। ऐसी स्थिति में लोग नदी के किनारे शौच नहीं कर सकेंगे इससे नदी तट की स्वच्छता में चार चांद लग जाएंगे। नदी के किनारे अतिक्रमण, अवैध बालू, मिट्टी की अवैध खनन पर रोक लग सकेगी।

डीएफओ बोले- लोगों को लुभाएगा नदी का किनारा
जमशेदपुर के डीएफओ सबा आलम अंसारी का कहना है कि नमामी गंगे की तर्ज पर इस महत्वपूर्ण योजना पर दो जुलाई से पौधे लगाने का काम शुरू होगा। इसके लगने से नदी का किनारा सुंदर व हरियाली बन जाएगी। जमशेदपुर आने वाले पर्यटक या नाते रिश्तेदार को बरबस अपनी ओर आकर्षित करेगा। पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित होगा। बालू व मिट्टी की अवैध चोरी बंद होगी। जिससे नदी का किनारा समुद्र तट के जैसा बन जाएगा, जहां शहरवासी आनंद उठा सकेंगे।


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