Move to Jagran APP

Lok Sabha Polls 2019 : हेलो मैं अमित शाह.., हेलो मैं हेमंत सोरेन बोल रहा हूं, क्या हाल है..

Lok Sabha Polls 2019. पहले चुनाव के दौरान जिला अध्यक्षों को जितनी तरजीह मिलती थी अब नहीं मिल रही। अब बूथ कमेटियों की ताकत बढ़ी है। केंद्रीय कमेटी के नेता सीधे अपडेट ले रहे।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Tue, 19 Mar 2019 09:40 AM (IST)Updated: Tue, 19 Mar 2019 09:40 AM (IST)
Lok Sabha Polls 2019 : हेलो मैं अमित शाह.., हेलो मैं हेमंत सोरेन बोल रहा हूं, क्या हाल है..
Lok Sabha Polls 2019 : हेलो मैं अमित शाह.., हेलो मैं हेमंत सोरेन बोल रहा हूं, क्या हाल है..

जमशेदपुर [वेंकटेश्वर राव]। राजनीति बदल रही है। राजनीति करने का तरीका भी। पहले चुनाव के दौरान जिला अध्यक्षों को जितनी तरजीह मिलती थी, अब उतनी नहीं मिल रही। अब बूथ कमेटियों की ताकत बढ़ी है। केंद्रीय कमेटी के नेता सीधे बूथ कमेटी के पदाधिकारियों से बात कर अपडेट ले रहे हैं। रोजाना कार्यक्रमों को लेकर दिशा निर्देश दे रहे हैं। भाजपा के बूथ कमेटी के पदाधिकारियों को राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह सीधे फोन लगा रहे तो झामुमो नेता हेमंत सोरेन भी सीधे बूथ समिति से ऑनलाइन हो रहे हैं। बूथ कमेटी के कार्यों की मॉनिटरिंग का जिम्मा भी केंद्रीय कमेटी के नेताओं को ही सौंपा गया है।

loksabha election banner

बूथ कमेटी के लिए बने भाजपा ने बनाये सारे कार्यक्रम

पिछले दो साल से भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने बूथ कमेटी के लिए ही सारे कार्यक्रम लागू किए है। इसमें हमारा परिवार, भाजपा परिवार प्रमुख है। लोकसभा चुनाव में बूथ कमेटी को कंट्रोल केंद्रीय स्तर के नेता कर रहे हैं। रोजाना प्रगति प्रतिवेदन भी दे रहे हैं। बूथ कमेटी अपने-अपने बूथ में घूम-घूमकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए कार्यो के बारे में विस्तार से बता रहे हैं। खासकर पुलवामा हमले के बाद भारतीय सेना द्वारा की गई कार्रवाई को जोर-शोर से उठाया जा रहा है।

कांग्रेस वेट एंड वाच की स्थिति में 

जमशेदपुर संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस वेट एंड वाच की स्थिति में है। हालांकि कांग्रेस ने अपनी बूथ कमेटी व पंचायत कमेटी बना ली है। पंचायत कमेटी तो धीरे-धीरे बैठक कर रही है। लेकिन इसके कार्यकर्ता पूरी तरह से राजनीतिक मैदान में खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं। सीट पर प्रत्याशी की मुहर लगने के बाद इस पार्टी के कार्यकर्ता अपना पत्ता खोलेंगे।

झामुमो में प्रखंड कमेटी का गठन नहीं

बूथ कमेटी को कितनी अहमियत दी गई है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अब प्रखंड कमेटियों का गठन ही नहीं किया है। बूथ कमेटियों का पुनर्गठन करते हुए प्रत्येक बूथ कमेटी के चार-चार प्रमुख पदाधिकारियों के नाम केंद्रीय कमेटी को फोन नंबर के साथ उपलब्ध करा दी गई है। जिनके नंबर उपलब्ध कराये गए है सभी के स्मार्ट फोन इंटरनेट सुविधा के साथ उपलब्ध है। पार्टी की बूथ कमेटी के पदाधिकारी वन जमीन से आदिवासियों व मूलवासियों को बेदखल करने की साजिश, भूमि अधिग्रहण बिल से किसानों को हो रहे नुकसान, सीएनटी व एसपीटी एक्ट से छेड़छाड़ व सरकार की विफलताओं के बारे में प्रचार कर रही है।

ये कहते नेता

बूथ कमेटी के पदाधिकारी सीधे केंद्रीय नेताओं के सपंर्क में हैं। रोजाना निर्देश मिल रहे हैं और हम इस पर काम कर अपनी रिपोर्ट सीधे केंद्रीय कमेटी को भेज रहे हैं। झामुमो की टीम पूरी मुस्तैदी से डटी है।

-काजल डॉन, सक्रिय सदस्य, झामुमो

पिछले दो साल से भाजपा ने बूथ कमेटी को मजबूत कर रखा है। केंद्रीय नेतृत्व का पूरा फोकस बूथ कमेटी पर है। बूथ कमेटी के भरोसे ही लोकसभा चुनाव लड़ा जाएगा। इस कारण उन्हें कई अधिकार दिए गए हैं।

-प्रभाष जोशी, मंडल अध्यक्ष, जुगसलाई भाजपा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.