ठंड में खूंखार हो जाते हैं आवारा कुत्ते, तीन माह में 124 लोगों को काटा Jamshedpur News
शहर में ठंड दस्तक दे दिया है। एेसे में आपको विशेष अलर्ट होने की जरूरत है। ठंड संबंधित बीमारी तो बढ़ेगा ही साथ में कुत्ते भी खूंखार हो जाते है। महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कालेज अस्पताल का आंकड़ा देखा जाए तो बीते तीन माह में कुल 124 लोगों...
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता) । शहर में ठंड दस्तक दे दिया है। एेसे में आपको विशेष अलर्ट होने की जरूरत है। ठंड संबंधित बीमारी तो बढ़ेगा ही साथ में कुत्ते भी खूंखार हो जाते है। महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कालेज अस्पताल का आंकड़ा देखा जाए तो बीते तीन माह में कुल 124 लोगों को आवारा कुत्तों ने अपना शिकार बनाया है। सबसे अधिक अक्टूबर माह में कुल 49 लोग शिकार हुए हैं।
वहीं, अगस्त में 33 व सितंबर में 42 लोगों को कुत्तों ने काटा है। विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड के मौसम में आवारा कुत्ते इरिटेट होकर खूंखार हो जाते हैं। साथ ही इस मौसम में इंसान व मनुष्य अधिक नजदीक होते है। जिसका कारण डॉग बाइट के मामले अधिक देखे जाते हैं। अस्पताल के आंकड़े भी इस बात की पुष्टि करती है। अक्टूबर से लेकर मार्च तक डॉग बाइट के मामले अधिक सामने आते हैं।
टीएमएच, रेड क्रास व सदर अस्पताल में भी आते मरीज
तीन माह में 124 लोगों को कुत्ते काटने की संख्या सिर्फ एमजीएम की है। टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच), साकची स्थित रेड क्रास व परसुडीह स्थित सदर अस्पताल का आंकड़ा मिला लिया जाए तो प्रतिमाह यह संख्या 90 से 100 तक पहुंच जाएगा। यानी हर माह करीब 100 लोगों को आवारा कुत्ते अपना शिकार बना रहे है। इन सभी अस्पतालों में एंटी रेबीज इंजेक्शन दिया जाता है। इसमें एमजीएम व सदर अस्पताल में निश्शुल्क इंजेक्शन मिलता है। जबकि निजी अस्पतालों में एक इंजेक्शन का 300 से 400 रुपये लिए जाते है।
कुत्ता या फिर कोई भी जानवर काटे तो उसे नजर अंदाज नहीं किया जाना चाहिए। तत्काल चिकित्सक से दिखाकर इंजेक्शन लेना चाहिए। नहीं लेने से रेबीज होने का खतरा बना रहता है। रेबीज एक वायरस है। यह वायरस सेंट्रल नर्वस सिस्टम को फेल कर देता है, जिससे पीड़ित इंसान सामान्य नहीं रह पाता है। - डा. आरएल अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष, आइएमए।