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Stock Market : टाटा ग्रुप की इन कंपनियों के बारे में जानते हैं आप, निवेशकों को देती है अच्छा रिटर्न

Stock Market नमक से लेकर हवाई जहाज चलाने वाली टाटा ग्रुप के पास 100 से अधिक कंपनियां हैं जो निवेशकों को कभी निराश नहीं करती। देश की सबसे पुरानी औद्योगिक समूह के पास ऐसी कई कंपनियां हैं जिनका आपने नाम भी नहीं सुना होगा....

By Jitendra SinghEdited By: Published: Fri, 21 Jan 2022 08:30 AM (IST)Updated: Fri, 21 Jan 2022 03:47 PM (IST)
Stock Market : टाटा ग्रुप की इन कंपनियों के बारे में जानते हैं आप, निवेशकों को देती है अच्छा रिटर्न
Stock Market : टाटा ग्रुप की इन कंपनियों के बारे में जानते हैं आप, निवेशकों को देती है अच्छा रिटर्न

जमशेदपुर : टाटा समूह सहित कुछ कंपनियों के कई ऐसे शेयर है जो भले ही दूसरी कंपनियों की तरह लोकप्रिय भले ही न हो लेकिन बेहतर रिटर्न देती है। ऐसे में आपको भी इन शेयरों को अपने वॉच लिस्ट में शामिल करना चाहिए। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन के कुशल नेतृत्व में कई कंपनियां बेहतर रिटर्न दे रही है जिसके कारण निवेशक अच्छा रिटर्न प्राप्त कर रहे हैं।

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चंद्रशेखरन फरवरी 2017 में समूह के चेयरमैन बने और कंपनी का मार्केट कैपिटल दोगुना से भी अधिक हो गया है। इसमें टाटा समूह के कुछ शेयर ने लाखों रुपये का रिटर्न दिया है। ऐसे में हम आपको कुछ ऐसे शेयर के नाम बता रहे हैं जिन्होंने बेहतर रिटर्न दिया।

1. ऑटोमोटिव स्टैम्पिंग और असेंबली

ऑटो सहायक फर्म मुख्य रूप से टाटा मोटर्स के लिए मुख्य रूप से शीट मेटल स्टैम्पिंग, वेल्डेड असेंबली और पैसेंजर कार व कॉमर्शियल व्हीकल के लिए मॉड्यूल बनाती है। इन उत्पादों का कुल राजस्व का 95 प्रतिशत से अधिक हिस्सा है। जो बॉडी-इन-व्हाइट (बीआईडब्लयू) स्ट्रक्चरल पैनल, स्किन पैनल, फ्यूल टैंक, रियर ट्विस्ट बीम, ऑयल सम्प और सस्पेंशन जैसे उत्पाद बनाती है।

टाटा मोटर्स के अलावा, ऑटोमोटिव स्टैम्पिंग्स एंड असेंबलियों (एएसएएल) अपने उत्पादों को जनरल मोटर्स इंडिया, फिएट इंडिया, पियाजियो व्हीकल, अशोक लीलैंड, जेसीबी, टाटा हिताची और एमजी मोटर्स जैसी शीर्ष ऑटोमोबाइल कंपनियों को भी उत्पाद बेचती है। कंपनी के चार ऑपरेशन यूनिट है। इसमें पुणे में दो, गुजरात के हलोल और उत्तराखंड के पंतनगर में एक यूनिट संचालित है।

वर्तमान में उक्त कंपनी में टाआ समूह की 75 प्रतिशत हिस्सेदारी है। 52 सप्ताह पहले इस कंपनी का न्यूनतम कीमत 31 रुपये जबकि उच्चतम राशि 923.85 रुपये है। बुधवार को यह शेयर पांच प्रतिशत गिरावट के साथ 679.25 रुपये पर बंद हुआ। वित्तीय स्थिति में सुधार के दम पर कंपनी का प्रदर्शन भी शानदार है। वित्तीय वर्ष 2021-22 की पहली छमाही में कंपनी का घाटा 256.8 मिलियन से घटकर 81.3 मिलियन हो गया है। जबकि कंपनी का ऑपरेशन रेवेन्यू 930 मिलियन से 2.4 बिलियन हो गया।

2. टिनप्लेट कंपनी

टिनप्लेट कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड (टीसीआईएल) भारत की सबसे बड़ी टिन उत्पाद बनाने वाली कंपनी है। जो फूड पैकेजिंग कंपनियों के लिए टिन के डिब्बे बनाती है। इसके अलावा जमशेदपुर में संचालित टिनप्लेट कंपनी फूड ऑयल, कीटनाशक, प्रोसेस्ड फूल, बैटरी, एरोसोल, बोतल के लिए अलग-अलग साइज के डिब्बे बनाती है। टिनप्लेट कंपनी, टाटा स्टील की सहायक कंपनी है जिसमें उनका 74.96 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।

टाटा समूह के अनुषंगी इकाई होने के कारण उक्त कंपनी को टाटा स्टील यूरोप से टेक्नोलॉजी, रिसर्च और बेस्ट प्रैक्टिस की मदद मिल रही है। टिनप्लेट कंपनी का प्रदर्शन लगातार बेहतर होता जा रहा है। साथ ही कंपनी अपने प्लांट का विस्तारीकरण भी कर रही है। कंपनी का शुद्ध लाभ भी तीन साल में पांच से 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो चुकी है। इसके अलावा कंपनी का मार्केट कैपिटल भी 33.7 अरब रुपये हो चुका है। 52 सप्ताह पहले कंपनी के शेयर की कीमत 146.30 रुपये थी और 376 रुपये का भी हाई बनाया है। बुधवार को 362.25 रुपये पर बंद हुआ।

3. ऑटोमोबाइल कॉर्पोरेशन ऑफ गोवा लिमिटेड

ऑटोमोबाइल कॉर्पोरेशन गोवा ऑफ गोवा लिमिटेड, गोवा में स्थापित होने वाली पहली प्रमुख इंजीनियरिंग इकाई थी। इसे 1980 में टाटा मोटर्स और ईडीसी (पूर्व में गोवा, दमन और दीव के आर्थिक विकास निगम के रूप में जाना जाता था) द्वारा संयुक्त रूप से स्थापित किया गया था। यह कंपनी शीट मेटल उत्पाद, असेंबली और बस कोच बनाती है।

यह फर्म टाटा मोटर्स की पुणे यूनिट के लिए प्रेसिंग और असेंबली का काम करती है। यह टाटा मोटर्स की ही अनुषंगी इकाई है जिसमें टाटा मोटर्स का 48.98 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। इस ऑटोमोबाइल कंपनी ने पिछले एक साल में अपने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है। 52 सप्ताह पहले इस कंपनी के एक शेयर की कीमत 360 रुपये थी और इसने 1017.05 रुपये का भी हाई बनाया है। वर्तमान में यह 974.05 रुपये पर ट्रेड कर रहा है।

4. नेल्को

नेल्को, टाटा समूह का एक आईटी नेटवर्किंग उपकरण स्टॉक कंपनी है। जो रक्षा के क्षेत्र में सिक्योरिटी एंड सर्विलांस, सिविल एप्लीकेशन, ट्रैक्शन, इलेक्ट्रॉनिक्स, लोकोमोटिव के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स, डेटा एक्वीजिशन सिस्टम, एसी व डीसी ड्राइव, रियल टाइम एंड एम्बेडेड सॉफ्टवेयर, वीसैट नेटवर्क सहित नेटवर्क मैनेजरमेंट सिस्टम के क्षेत्र में काम करती है। इसके अलावा कंपनी रक्षा, रेलवे, स्टील, सीमेंट, ऑटोमोबाइल, ऑयल एंड गैस, पेपर, चीनी मिट्टी के सामानों का निर्माण करने वाली कंपनियों को अपनी सेवा देती है।

इस कंपनी में टाटा पावर यूटिलिटी फर्म की सबसे बड़ी 48.64 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। नेल्को का शेयर रखने वाले निवेशकों को जबदस्त रिटर्न मिला। 12 माह पहले इस कंपनी 178.80 रुपये का निचला आंकड़ा छुआ तो 52 सप्ताह में इसने 968.55 रुपये के आंकड़े को भी छूते हुए निवेशकों को 400 प्रतिशत का रिटर्न दिया। वर्तमान में यह बीएसई में 836.05 रुपये पर ट्रेड कर रहा है। इस कंपनी के शेयर में आई रैली का मुख्य कारण दूर संचार विभाग (डीओटी) ने मई 2021 में टेली नेट सर्विसेज से इंटरनेट सेवा प्रदाता लाइसेंस और वी-सेट लाइसेंस के हंस्तातंरण की मंजूरी हासिल कर ली है।

अभी, कंपनी के पास वीएसएटी लाइसेंस, आईएसपी लाइसेंस और दूरसंचार विभाग द्वारा जारी इनफ्लाइट और समुद्री संचार लाइसेंस है। इनफ्लाइट और समुद्री संचार लाइसेंस अब नेल्को के लिए एयरलाइन और शिपिंग क्षेत्रों में काम करने के लिए दरवाजे खोल सकता है।

इसके अलावा कंपनी ने कनाडा स्थित वैश्विक उपग्रह कंपनी टेलीसैट के साथ भी एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। जो ग्रामीण और अलग-अलग क्षेत्रों में मोबाइल कनेक्शन को बदलने की क्षमता वाले लो-अर्थ-ऑर्बिट (एलईओ) उपग्रहों को तैनात कर रहा है। भारतीय गांवों में इस तकनीक की अपार संभावनाएं हैं। इससे नेल्को के उपयोगकर्ता आधार में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। हाल ही में एक प्रयास में कंपनी को तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) से 400 मिलियन से अधिक का टेंडर मिला है।

5. रैलिस इंडिया

टाटा समूह की कंपनी रैलिस इंडिया का 150 से अधिक वर्षों का इतिहास है। कंपनी एग्रोकेमिकल्स के निर्माण के क्षेत्र में है और कृषि क्षेत्र में बीज, जैविक पौधे के क्षेत्र में काम करती है। रैलिस इंडिया वैश्विक स्तर के संगठनों के साथ अनुबंध पर काम करती है। पिछले छह माह में कंपनी का स्टॉक दबाव में है और इसके शेयर में 12 प्रतिशत से ही की गिरावट आई है।

देश में असमय मानसून ने भी कंपनी को निराश किया है जिसके कारण निवेशक काफी प्रभावित हुए हैं। सितंबर तिमाही में कंपनी का प्रदर्शन भी काफी कमजोर रहा है। हालांकि शेयर में फिर भी तेजी बनी हुई है। पिछले 30 दिनों में बीएसई में रैलिस इंडिया के शेयर में 11 प्रतिशत की तेजी आई है। एक रिपोर्ट के अनुसार प्रबंधन में हुए हालिया बदलाव के बाद कंपनी अपनी व्यापार नीति, अपने उत्पादों को और फ्रेंडली बनाने घरेलू बाजार में अपनी खोई हुई हिस्सेदारी को वापस पाने के लिए काम कर रही है।

इसके अलावा अपनी कैपेक्स योजनाओं, नए उत्पादों को लांच करने में फोकस करते हुए निर्यात के क्षेत्र में आगे बढ़ रही है ताकि उनके कैश फ्लों में बढ़ोतरी हो सके। कंपनी का बैलेंस शीट काफी मजबूत है और पिछली तिमाही में कंपनी ने अच्छा रेवेन्यू जनरेट किया है। रैलिस इंडिया में टाटा कैमिकल्स की 50.06 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।

इसके कारण निवेशक इस कंपनी पर भरोसा कर रहे हैं और यह बेहतर ब्रांड बनकर उभरा है। साथ ही टाटा का नाम जुड़ा होने के कारण भी कस्टमर इसके उत्पादों पर ज्यादा भरोसा करते हैं। इसके अलावा भारत में इलेक्ट्रिकल व्हीकल रिचार्ज इंफ्रास्ट्रक्चर, हरित ऊर्जा, सेमी कंडक्टर के असेंबली बिजनेस, ऑल इन वन ई-कॉमर्स के माध्यम से भी कंपनी काम कर रही है।

सितंबर 2021 में हुए इक्विटी मास्टर सर्वेक्षण में देश के 17 लोकप्रिय कॉरपोरेट में टाटा समूह सबसे भरोसेमंद समूह बनकर उभरा है जिसमें 5274 उम्मीदवारों ने समर्थन में वोट किया है। समूह को पिछले वर्ष 31.8 प्रतिशत अंक मिले थे जो इस वर्ष बढ़कर दोगुने से भी अधिक 66.3 प्रतिशत हो गया है। टाटा समूह ने अपने 153 साल पुराने इतिहास और भरोसे को अब भी कायम रखा है। जिसके कारण निवेशक टाटा समूह की कंपनियों पर सबसे ज्यादा भरोसा करते हैं।


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