जबरन इस्तीफा लिए जाने के मामले में स्टील स्ट्रीप्स व्हील्स कंपनी को नोटिस Jamshedpur News
उप श्रमायुक्त ने शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए कंपनी के प्रबंध निदेशक समेत कई वरीय अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। गोविंदपुर स्थित स्टील स्ट्रीप्स व्हील्स के कर्मचारियों से जबरन इस्तीफा लेने और इस्तीफा के लिए दवाब बनाने तथा पूरा वेतन नहीं देने की शिकायतों को उप श्रमायुक्त राजेश प्रसाद ने गंभीरता से लिया है।
उन्होंने पंकज कुमार सिंह समेत 69 कर्मचारियों के हस्ताक्षरयुक्त शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए कंपनी के प्रबंध निदेशक समेत कई वरीय अधिकारियों को गुरुवार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। जारी नोटिस में कहा गया है कि उपायुक्त के स्पष्ट आदेश के बावजूद कर्मचारियों को अप्रैल माह का पूरा वेतन नहीं देकर सिर्फ 45 प्रतिशत दिया गया। साथ ही यह शिकायत भी मिली है कि प्रबंधन ने कुछ कर्मचारियों से जबरन इस्तीफा ले लिया है जबकि कुछ पर इस्तीफा देने का दवाब बनाया जा रहा है।
प्रबंधन को इन तमाम मुद्दों पर 5 जून को शाम 4 बजे उनके कार्यालय में उपस्थित होकर बिंदुवार जवाब देने के लिए संगत कागजातों व दस्तावेजों के साथ हाजिर होने के लिए कहा है। साथ ही चेतावनी भी दिया है कि जांच पड़ताल में हाजिर नहीं होने पर वैधानिक कार्रवाई शुरू की जाएगी। इधर इसी मुद्दे को लेकर यूथ इंटक के नेता राजीव पांडेय ने भी 1140 कर्मचारियों को लेकर डीएलसी और उपमुख्य कारखाना निरीक्षक से भी मिला।
स्टील स्ट्रिप्स के प्लांट हेड को धमकी, गोङ्क्षवदपुर थाना में शिकायत
गोविंदपुर थाना क्षेत्र की औद्योगिक कंपनी स्टील स्ट्रिप्स के प्लांट हेड विनीत अग्रवाल को जान से मारने की धमकी देने का मामला सामने आया है। उन्होंने इसकी शिकायत गोविंदपुर थाने में दर्ज कराई है। उनका आरोप है कि गोविंदपुर के ही राजीव कुमार और बागबेड़ा के गोपाल ठाकुर ने फोन से धमकी दी। गाली-गलौज करते हुए बुरे परिणाम भुगतने की बात कही। प्लांट हेड ने फोन करने युवकों का नंबर भी पुलिस को उपलब्ध करा दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
वहीं इस मामले को कंपनी प्रबंधन ने गंभीरता से लिया है। प्रबंधन की ओर से दोनों के खिलाफ दी गई शिकायत में धमकी देने और कर्मचारियों को भड़काने का आरोप लगाया गया है। गौरतलब हैं कि लॉकडाउन में कंपनी प्रबंधन ने 69 में से 52 अधिकारियों से इस्तीफा ले चुकी है। इसकी शिकायत कर्मचारियों ने उपायुक्त और श्रमायुक्त से की है। प्रबंधन पर अधिकारियों व कर्मचारियों पर दबाव बनाने का आरोप लगाया गया है।