Move to Jagran APP

Jamshedpur GST Scam: इतनी सी गलती पर पकड़ा गया जमशेदपुर में रहकर दो साल तक चाईबासा पुलिस की नजरों से बचा रहा शख्‍स, जानिए

कहते हैं कि अपराधी लाख सुबूत मिटा दे कोई न कोई ऐसी चूक कर बैठता है जिससे वह पुलिस को सूत्र पकड़ा देता है। जीएसटी विभाग कोचूना लगाने की कोशिश कर इतने दिनों तक छिपकर रहने में कामयाब होने वाले कमल ने ये गलती कर दी।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 21 Jan 2021 12:00 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jan 2021 08:03 AM (IST)
Jamshedpur GST Scam: इतनी सी गलती पर पकड़ा गया जमशेदपुर में रहकर दो साल तक चाईबासा पुलिस की नजरों से बचा रहा शख्‍स, जानिए
जमशेदपुर से चाईबासा पुलिस के हत्‍थे चढ़ा जीएसटी घोटाले का आरोपी कमल राय।

जमशेदपुर, जासं। जमशेदपुर से चाईबासा की दूरी महज 80 किलोमीटर है, जिसे लगभग दो घंटे में पूरा किया जा सकता है। लेकिन चाईबासा पुलिस को यह दूरी तय करने में लगभग दो वर्ष लग गए। चौंकिए मत, यह सौ फीसद सही है। जमशेदपुर में रहने वाला कमल राय नामक शख्स चाईबासा में फर्जीवाड़ा करके दो साल तक यहां छिपा रहा, लेकिन चाईबासा पुलिस को भनक तक नहीं लगी। कमल पकड़ाया तो अपनी गलती से।

loksabha election banner

कहते हैं कि अपराधी लाख सुबूत मिटा दे, कोई न कोई ऐसी चूक कर बैठता है जिससे वह पुलिस को सूत्र पकड़ा देता है। वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) विभाग को करीब 15 करोड़ रुपये का चूना लगाने की कोशिश कर इतने दिनों तक छिपकर रहने में कामयाब होने वाले कमल ने यदि एक गलती नहीं करता तो शायद नहीं पकड़ा जाता। उसने अपने बैंक खाते से 100 रुपये का वैट चालान कटा लिया, जिससे उसकी पहचान उजागर हो गई। अमूमन वैट चालान का भुगतान फर्म के नाम से किया जाता है।

ऐसे आ गया पकड़ में

बस इसी सूत्र के सहारे जीएसटी विभाग से धोखाधड़ी करने वाला आरोपित कमल राय पुलिस के जाल में फंस गया। उसी बैंक खाता की पड़ताल करते हुए पुलिस ने पहले कमल राय का पता निकाला, उसके बाद फर्जी फर्म चलाने वाले छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिला निवासी राकेश कुमार गर्ग व ब्रजेश प्रसाद तिवारी का पता लगाया। कमल राय को जमशेदपुर के सोनारी आवास से 19 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि अन्य दोनों आरोपित अपने पते से गायब हैं। पुलिस दोनों की गिरफ्तारी के लिए लगातार झारखंड, बिहार व छत्तीसगढ़ में छापामारी कर रही है। कमल जमशेदपुर में रहकर साकची में सागर होटल के पास किराये का आफिस लेकर टैक्स संबंधी काम करता था। 

 16 फरवरी 2019 को दर्ज हुआ था केस

इनपुट टैक्स क्रेडिट के माध्यम से जीएसटी विभाग को चूना लगाने की कोशिश करने वाले कमल राय और उसके सहयोगियों के खिलाफ चाईबासा स्थित सदर थाना में 16 फरवरी 2019 को झारखंड राज्य जीएसटी विभाग, चाईबासा सर्किल के कर-उपायुक्त ने फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर जालसाजी व धोखाधड़ी के माध्यम से टैक्स की चोरी का मामला दर्ज कराया था। इसमें प्राथमिक अभियुक्त कास्ट एकाउंटेंट कमल राय, मेसर्स तिरुपति इंटप्राइजेज के प्रोपराइटर राकेश कुमार गर्ग व मेसर्स बालाजी इंटरप्राइजेज के प्रोपराइटर ब्रजेश कुमार तिवारी को आरोपी बनाया गया था। इसके बाद पुलिस जांच में जुटी गई। कमल राय ने इसके लिए चाईबासा में एक घर भी किराये पर लिया था, लेकिन उसमें कभी रहने नहीं गया। उसने व्यवसाय का पता चाईबासा स्थित एफएस टावर का पता दिया था, लेकिन पुलिस को वहां कोई कार्यालय नहीं मिला। इससे दोनों फर्जी फर्म का पता नहीं चल पा रहा था। पुलिस पदाधिकारी लगातार जांच में जुटी रही, लेकिन कोई सूत्र नहीं मिल रहा था, जिससे आरोपित पकड़े जा सकें। दोनों फर्म का जीएसटी में इलेक्ट्रानिक्स सामान और पान मसाला के नाम पर निबंधन कराया गया था। 

 2016-17 से ही फर्जी फर्म खोलकर राकेश, ब्रजेश व कमल कर रहे थे जालसाजी

चाईबासा के एफएस टावर में फर्जी फर्म खोलकर कार्य करने वाले राकेश वर्ग, ब्रजेश तिवारी व कमल राय 2016 -17 से ही कारोबार शुरु कर टैक्स की चोरी कर रहे थे। इस बीच जुलाई 2017 में केंद्र सरकार ने जीएसटी लागू कर दिया। इसके बाद टिन नंबर के आधार पर फर्जी फर्म का भी जीएसटी नंबर बदल गया। इसके बाद वह फर्जी फर्म के नाम से बिहार और झारखंड में टैक्स की चोरी करने लगे। जीएसटी आने के बाद टैक्स को लेकर लगातार हो रहे बदलाव से अधिकारियों का ध्यान भी इस ओर नहीं गया। इसका लाभ उठाकर आरोपितों ने वैट व जीएसटी विभाग को लगभग 15 करोड़ का चूना लगाने की कोशिश की थी।

15 करोड़ रुपये का मामला होने से विभाग पीछे पड़ा

कमल राय ने जुलाई 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद फर्जीवाड़ा किया। उस दौरान देश भर में करोड़ों रुपये का फर्जीवाड़ा हुआ था, जिसके आरोपित एक-एक करके पकड़े गए। कमल ने भी लगभग 15 करोड़ रुपये का फर्जी आइटीसी आगे बढ़ा दिया था। 2019 में इसकी जांच जोर-शोर से शुरू हुई, लेकिन कुछ पता नहीं चल रहा था। उस वक्त झारखंड के जीएसटी आयुक्त केके खंडेलवाल के आदेश पर चाईबासा में कमल राय व अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। जांच में यह बात भी सामने आयी है कि चाईबासा स्थित एफएस टावर में इलेक्ट्रॉनिक्स और पान गुटखा का व्यापार करने वाला कोई कंपनी ही नहीं है। फर्जी कंपनी बनाकर सरकार को वैट और जीएसटी में धोखाधड़ी कर लगभग 15 करोड़ रुपये का चूना लगाने की कोशिश की गई है। इसके आधार पर छत्तीसगढ़ स्थित बिलासपुर निवासी राकेश कुमार गर्ग और बृजेश कुमार तिवारी की गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है। छापामारी दल में विशेष अनुसंधान विंग पुलिस निरीक्षक चंदन कुमार, हैप्पी मिंज, अनिल सिंह, आनंद, शिव कुमार, विनय उरांव समेत अन्य पुलिस पदाधिकारी शामिल थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.