Weekly News Roundup Jamshedpur : समर्थक का टूट गया एक्सटेंशन, पढ़िए कॉरपोरेट जगत की अंदरूनी खबर
Weekly News Roundup Jamshedpur.क्वार्टर में बनाए जा रहे आलीशान ड्राइंग रूम टूटने से बेचारे कमेटी मेंबर को काफी आíथक नुकसान हुआ है। उधर कमेटी के अन्य सदस्य आनंद में हैं।
जमशेदपुर, निर्मल प्रसाद। Weekly News Roundup Jamshedpur टाटा वर्कर्स यूनियन अध्यक्ष आर रवि प्रसाद का एक पुराना समर्थक है, जिन्हें साकची स्टेट माइल रोड पर टाटा स्टील का क्वार्टर आवंटित है। पिछले दिनों सत्ता समर्थक कमेटी मेंबर अपने क्वार्टर में बिना अनुमति सामने के हिस्से का एक्सटेंशन कर रहे थे। सोचा था कि अध्यक्ष के समर्थक हैं, कुछ होगा तो अध्यक्ष की ढाल किस दिन काम आएगी।
लेकिन, जैसे ही जुस्को व इस्टेट विभाग को इसकी भनक लगी, उन्होंने इस अवैध हिस्से को तोड़ने का फरमान सुना दिया। हालांकि अध्यक्ष साहब ने एक्सटेंशन न टूटे इसके लिए काफी जुगत लगाई लेकिन, सफल नहीं हो पाए। उन्हें अधिकारियों ने दो टूक कह दिया कि जब बनाना ही था तो अनुमति ले लेते। क्वार्टर में बनाए जा रहे आलीशान ड्राइंग रूम टूटने से बेचारे कमेटी मेंबर को काफी आíथक नुकसान हुआ है। उधर, कमेटी के अन्य सदस्य आनंद में हैं। उन्हें लग रहा कि चहेता होना काम नहीं आया।
कोरोना पर रवि की किरकिरी
कोरोना वायरस के चक्कर में पिछले दिनों देश की सबसे बड़ी यूनियन टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष आर रवि प्रसाद की जमकर किरकिरी हुई। वायरस से बचाव के लिए महामंत्री सतीश ¨सह ने कार्यालय बंद करने का नोटिस निकाल दिया। अध्यक्ष ने अपना अपमान समझा और अगले ही दिन पदाधिकारियों की बैठक बुलाकर आदेश को पलट दिया। तर्क दिया कि यह देश की सबसे बड़ी यूनियन है। हर दिन सैकड़ों कर्मचारी अपनी समस्या लेकर आते हैं। लेकिन, दूसरे दिन गलती का एहसास होते ही पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला को पत्र लिखकर उन्होंने पूछ डाला कि कार्यालय बंद करें या खुला रहने दें। इस पत्र के जवाब में उपायुक्त कार्यालय से जवाब आया- यूनियन कार्यालय बंद रखें। इस आदेश के बाद महामंत्री गुट गदगद है। उन्हें अब यह महसूस हो रहा कि उनकी जीत हो गई है। उधर, आदेश से यूनियन अध्यक्ष की खूब किरकिरी हो रही है।
कोरोना के बीच चुनाव क्यों
जुस्को में जनवरी 2018 से ग्रेड रिवीजन समझौता लंबित है। लेकिन, यूनियन अध्यक्ष रघुनाथ पांडेय ने कोरोना वायरस के बीच जितनी तत्परता चुनाव कराने में दिखाई, उससे आधी भी ग्रेड रिवीजन कराने में दिखाते तो शायद कर्मचारियों को वेतन समझौते का लाभ मिल जाता। लेकिन, सच तो यही कि पहले कुर्सी, बाद में कर्मचारी। पांडेय जी जुस्को के कर्मचारी भी नहीं हैं तो क्या जाने 26 माह के वेतन समझौता लंबित होने का दर्द। इन्हें तो बस कुर्सी चाहिए इसलिए कोरोना वायरस के बीच किसी तरह चुनाव कराने के पक्षधर थे। भीड़ से बचने के लिए अलग-अलग चुनाव कराने, सेंट्रलाइज्ड की जगह अलग-अलग निर्वाचन में मतदान केंद्र बनाने की तैयारी तक हो गई थी कि क्या पता कब कंपनी प्रबंधन की नजरे इनायत हट जाए। लेकिन, सारी कोशिश उस समय धरी की धरी रह गई जब कंपनी प्रबंधन ने ही चुनाव को अगले आदेश तक रोक दिया। बेचारे पांडेय जी।
गजब का है प्रबंधन
जमशेदपुर शहर की अधिकतर कंपनियां टाटा समूह से संबधित हैं। उनका अपना नैतिक मूल्य है। वे इसका अक्षरश: पालन भी करती हैं। कभी इन्हीं कंपनियों में एक कंपनी शुमार थी जिसका नाम था टाटा टिमकेन। लेकिन, जब से उक्त कंपनी से टाटा का नाम हटा है, प्रबंधन के अधिकारी गजब हो गए हैं। ये न ही किसी की सुनेंगे और न ही कोई आदेश मानेंगे। पिछले साल यूनियन नेताओं ने प्रबंधन के एकतरफा निर्णय का विरोध किया तो उन्हें जमीन समतलीकरण करने भेज दिया। जिसने विरोध किया, उन्हें बर्खास्त कर दिया। जिले के अधिकारियों ने जांच कर हस्तक्षेप किया तो उनकी भी नहीं सुनी। मान्यता प्राप्त यूनियन से वार्ता को भी तैयार नहीं हुए। हाईकोर्ट से स्टे मिला है। जब उपश्रमायुक्त ने हड़काया कि कोई स्टे नहीं है, मान्यताप्राप्त यूनियन से ही वार्ता करें। तब जाकर वार्ता की गाड़ी आगे बढ़ी। लेकिन, ऐसी टेढ़े अधिकारियों का भगवान ही मालिक है।