कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में नहीं हैं विशेषज्ञ डॉक्टर
सूबे का नंबर वन सदर अस्पताल चिकित्सक व नर्सों की कमी से नहीं जूझ रहा है।एमजीएम में भी डॉक्टर बहुत कम हैं।
जमशेदपुर (जासं)। चाहकर भी मरीजों को बेहतर सुविधा उपलब्ध करना आसान नहीं है। शहर के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों का घोर अभाव है। न केवल सूबे का नंबर वन सदर अस्पताल चिकित्सक व नर्सों की कमी से नहीं जूझ रहा है बल्कि कोल्हान के सबसे बड़े अस्पताल महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) में भी डॉक्टर बहुत कम हैं। यही हालत पूरे जिले में संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) का भी हैं।
खासमहल स्थित सदर अस्पताल में न तो सर्जन डॉक्टर हैं और न ही मेडिसीन विभाग में स्पेशलिस्ट डॉक्टर। 100 बेड के इस अस्पताल में कुल 31 चिकित्सकों की जरूरत है। जबकि तैनात सिर्फ 16 ही है। यानी आधे चिकित्सकों के पद रिक्त पड़े हुए हैं। ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा झारखंड के नंबर वन अस्पताल से नवाजे गए सदर अस्पताल में बेहतर इलाज की उम्मीद बेमानी है। बीते रविवार की रात दैनिक जागरण की पड़ताल में खुलासा हुआ था कि सदर अस्पताल के इमरजेंसी विभाग में ड्यूटी पर नेत्र रोग विशेषज्ञ तैनात थीं। इस दौरान वहां पर पहुंचने वाले मरीजों को सीधे एमजीएम अस्पताल रेफर किया जा रहा था। इमरजेंसी विभाग के ड्यूटी में मेडिसीन, सर्जन व हड्डी रोग विशेषज्ञ होने चाहिए थे। वहीं नर्सों की संख्या भी काफी कम है। कुल 70 नर्सों के स्थान पर सिर्फ 20 ही तैनात है।
एमजीएम में चिकित्सकों के 94 पद रिक्त, 1994 से नर्सों की नहीं हुई बहाली
दैनिक जागरण ने पड़ताल में एमजीएम अस्पताल के हड्डी रोग, नेत्र, ईएनटी विभाग के चिकित्सक व नर्स ड्यूटी रूम में ताला लटका पाया। जबकि वार्ड मरीजों से भरा पड़ा था। वहीं मेडिसीन विभाग में न तो सीनियर नर्स और न ही डॉक्टर तैनात थे। इसका कारण है कि अस्पताल में चिकित्सक व नर्सों की भारी कमी है। एमजीएम में वरीय रेजीडेंट डॉक्टरों के कुल 121 पद हैं। इसमें सिर्फ 27 ही तैनात है। इसी तरह, 1994 से यहां पर नर्सों की फ्रेश बहाली नहीं हुई है। जिसके कारण उनकी संख्या घटकर 48 हो गई है। जबकि नर्सों के कुल 274 पद स्वीकृत हैं। एमजीएम अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. नकुल प्रसाद चौधरी ने बताया कि सरकार चिकित्सकों की कमी को दूर करने का प्रयास कर रही है। उम्मीद है कि जल्द ही रिक्त पदों को भर लिया जाएगा।