मछली उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार की खास पहल, ये रही किसानों के लिए योजनाएं
पूर्वी सिंहभूम जिले में खपत के अनुपात में मछली का उत्पादन बढ़ाने और अधिक से अधिक लोगों को मत्स्य उत्पादन से जोड़ने के लिए मत्स्य विभाग की ओर से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। मत्स्य विभाग किसानों को प्रशिक्षण देने की व्यवस्था भी करा रहा है।
जमशेदपुर, जासं। पूर्वी सिंहभूम जिले में खपत के अनुपात में मछली का उत्पादन बढ़ाने और अधिक से अधिक लोगों को मत्स्य उत्पादन से जोड़ने के लिए मत्स्य विभाग की ओर से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। मत्स्य विभाग किसानों को प्रशिक्षण देने के साथ ही उनको भत्ता, मत्स्य किसानों का बीमा, आवास, ठेला रिक्शा या ऑटो रिक्शा, हेचरी स्थापना समेत कई लाभकारी योजनाओं का लाभ दे रही है।
जिला मत्स्य कार्यालय, पूर्वी सिंहभूम के मत्स्य प्रसार पर्यवेक्षक नाजीम अंसारी ने बताया कि मत्स्य पालक, मत्स्य विक्रेता या इच्छुक व्यक्ति जिनके पास साझा या निजी जलकर हैं वैसे मत्स्य कृषकों को प्रशिक्षण दिया जाता है। इस दौरान उन्हें प्रतिदिन दो सौ रुपये का प्रशिक्षण भत्ता व मार्ग व्यय अधिकतम चार सौ रुपये सरकार की तरफ से दिया जाता है। भोजन पर होने वाला व्यय प्रशिक्षणार्थियों द्वारा वहन किया जाता है। इसके साथ ही रियरिंग तालाब निर्माण योजना के तहत इच्छुक व्यक्ति जिनके पास निजी जमीन हो तथा प्रशिक्षण प्राप्त या मत्स्य व्यवसाय का अनुभव हो उन्हें तलाब बनाकर दिया जाता है। एक एकड़ जलक्षेत्र के तालाब निर्माण कराए जाने का मॉडल प्राक्कलित जिसकी राशि पांच लाख रुपये है। सामान्य व पिछड़ा जाति को 70 एवं अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति कोटि के मत्स्य कृषकों को तालाब निर्माण के लिए 80 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। इसके साथ ही मत्स्य किसानों के साथ इस व्यवसाय से जुड़ने वाले लोगों के लिए कई योजनाएं चल रही हैं।
योजना का नाम: मत्स्य बीज उत्पादकों को स्पॉन, फीड एंव जाल आपूर्ति
कौन होंगें लाभार्थी : प्रशिक्षित मत्स्य बीज उत्पादक जिन्होंने रांची से प्रशिक्षण लिया हो।
क्या होगा लाभ: अनुदान पर मत्स्य स्पॉन, फीड व जाल।
योजना का नाम: मत्स्य विपणन योजना अंर्तगत खुदरा बिक्री के लिए उपकरण, स्टॉल, ठेला, ऑटो रिक्शा
कौन होंगें लाभार्थी : खुदरा व थोक मछली विक्रेता व मछली उत्पादक
क्या होगा लाभ: खुदरा विक्रेताओं के लिए पांच हजार तक के उपकरण जिसमें विभागीय अनुदान 95 प्रतिशत
मछली विपणन के लिए स्टॉल व ठेला जिसकी लागत चालीस हजार रुपये तक होगी और उसमें विभागीय अनुदान 90 से 95 प्रतिशत रहेगा। मछली विपणन के लिए ऑटो रिक्शा एक टन क्षमता वाला-विभागीय अनुदान 60 प्रतिशत या अधिकतम 1.80 लाख रुपये
योजना का नाम : प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना
कौन होंगें लाभार्थी : मत्स्य कृषक, मत्स्य विक्रेता, इच्छुक व्यक्ति व समिति
क्या होगा लाभ: बीज उत्पादन के लिए नए मत्स्य हैचरी की स्थापना, नए रियरिंग तालाब का निर्माण एवं नए संचय तालाब का निर्माण, मिश्रित मत्स्य पालन, पंगेशियस, तिलापिया मछली पालन के लिए आदानों की व्यवस्था, जलाशय में मत्स्य अंगुलिकाओं का संचयन, ब्रीडिंग एवं रियरिंग के लिए इकाई की स्थापना, जलाशय में मत्स्य केज का अधिष्ठापन, पेन कल्चर, मत्स्य कोल्ड स्टोरेज व आर्द्र प्लांट का निर्माण व आधुनिकीकरण, रेफ्रिजेरेटेड वाहन, इन्सुलेटेड वाहन, आई बॉक्स युक्त मोटर साईकिल एवं मछली ब्रिकी के लिए ई-रिक्शा। इसके लिए लाभुक को किसी अन्य सरकारी योजना से इस कार्य हेतु अनुदान प्राप्त नहीं होने से संबंधित घोषणा पत्र देना होगा, फिश फीड मिल व प्लांट, खुदरा मछली बाजार का निर्माण (एक्वेरियम बाजार सहित), मछली कियोस्क का निर्माण आदि कर सकते हैं।
योजना का नाम : मछुआरों के लिए सामूहिक आकस्मिक दुर्घटना बीमा योजना
कौन होंगे लाभार्थी : मत्स्य कृषक, मत्स्य विक्रेता, मत्स्य पालक
क्या होगा लाभ : बीमित मछुआ के आकस्मिक निधन या पूर्ण स्थायी अपंगता की स्थिति में दो लाख रुपये, स्थाई आंशिक अपंगता की स्थिति में एक लाख रुपये का बीमा दावा भुगतान किया जाता है।
योजना का नाम: जलाशयों में मत्स्य अगुलिकाओं का संचयन
कौन होंगें लाभार्थी : बीज उत्पादक व जलाशय समिति
क्या होगा लाभ: भारतीय मेजर क्रॉप मत्स्य अंगुलिकाओं के क्रय के लिए सरकारी दर 750/- (सात सौ पचास) रुपये और ग्रास क्रॉप के लिए 15 सौ रुपये प्रति हजार बीज उत्पादक को भुगतान किया जाता है।
पुरस्कार व सम्मान
कौन होंगें लाभार्थी : उत्कृष्ट मत्स्य कृषकों, मत्स्य मित्रों, मत्स्य बीज उत्पादकों, आरएफएफ समूहों व हैचरी संचालकों को पुरस्कार स्वरूप सम्मानित करने के लिए अधिकतम राशि 30 हजार और प्रचार-प्रसार एवं विपणन के लिए मोटरसाईकिल, डीप फ्रीजर, मोपेड आईस बॉक्स के खरीद के लिए प्रोत्साहन राशि देने का प्रवधान है।