Move to Jagran APP

रघुवर दास के कब्जे से छिना सोन मंडप, जमशेदपुर अक्षेस को हस्तांतरित Jamshedpur News

सोन मंडप आखिरकार जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति को हस्तांतरित कर दिया गया। जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने इस बाबत निर्देश दिया था।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 23 Jan 2020 03:20 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jan 2020 03:20 PM (IST)
रघुवर दास के कब्जे से छिना सोन मंडप, जमशेदपुर अक्षेस को हस्तांतरित Jamshedpur News
रघुवर दास के कब्जे से छिना सोन मंडप, जमशेदपुर अक्षेस को हस्तांतरित Jamshedpur News

जमशेदपुर, जासंं।  सिदगोड़ा स्थित सूर्य मंदिर परिसर में बना सोन मंडप आखिरकार जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति को हस्तांतरित कर दिया गया। जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय के निर्देश पर पूर्वी सिंहभूम के उपविकास आयुक्त (डीडीसी) सह सोन मंडप के अध्यक्ष विश्वनाथ माहेश्वरी ने इस आशय का पत्र जारी कर दिया। 

loksabha election banner
डीडीसी ने बताया कि उन्होंने सोन मंडप के कार्यकारी अध्यक्ष कमलेश सिंह व सचिव पवन अग्रवाल को पत्र जारी कर सोन मंडप से संबंधित सभी कागजात जमशेदपुर अक्षेस के विशेष पदाधिकारी के सुपुर्द करने का आदेश दे दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के विधायक प्रतिनिधि रहे पवन अग्रवाल व रघुवर दास के करीबी कमलेश सिंह ही अब तक सोन मंडप का संचालन कर रहे थे। इन्हीं दोनों के हस्ताक्षर से बिल-भुगतान किया जाता था। तत्कालीन डीडीसी ददन चौबे ने वर्ष 2012-13 में सोन मंडप के लिए जो कमेटी बनाई थी, उसमें डीडीसी पदेन अध्यक्ष और कमलेश सिंह कार्यकारी अध्यक्ष व पवन अग्रवाल सचिव बनाए गए थे। डीडीसी ने बताया कि उन्होंने अभी तक वह कागज नहीं देखा है, जिससे यह पता चले कि वह सोन मंडप कमेटी के अध्यक्ष हैं। कमलेश सिंह टाटा वर्कर्स यूनियन के सहायक सचिव भी हैं। 
सोन मंडप में 70 लाख लगे, चार साल में 3.80 मिले
सोन मंडप के लिए पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 15 अप्रैल 2011 को विधायक निधि से अनुशंसा की थी। इसके बाद 21 मई 2011 को इसके लिए विधायक निधि से 9,23,900 रुपये आवंटित किए गए। इसका निर्माण 2012-13 में पूर्ण हुआ, तो तत्काल डीडीसी ने कमेटी बना दी। इसके बाद 13 लाख 400 रुपये से सांस्कृतिक भवन का निर्माण हुआ, तो 2015 में 47 लाख छह हजार 600 रुपये से सोन मंडप के ऊपरी तल का निर्माण किया गया। इस प्रकार सोन मंडप के निर्माण में करीब 70 लाख (69,30,900) रुपये लगे।
विधायक निधि में जमा किए गए रुपये
विध्‍नियम के मुताबिक संचालन समिति को सोन मंडप के किराये से होने वाले लाभ को वापस जमशेदपुर पूर्वी के विधायक निधि में जमा भी करना था। आडिट रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2014-15 व 2015-16 में 40-40 हजार रुपये, 2016-17 में 75 हजार और 2017-18 में 2.25 लाख रुपये विधायक निधि में जमा किए गए। यह राशि जिला परिषद में जमा होती थी। विवरण के मुताबिक सोन मंडप से सरकार को अब तक 3.80 लाख रुपये ही मिले, जबकि निर्माण में करीब 70 लाख रुपये लगे। 

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.