Move to Jagran APP

शिल्प बाजार की चमक बढ़ाएगी कोल्हान की माटी, ये है तैयारी

आधुनिक फैशन के दौर में माटी से बने आभूषण खासे पसंद किए जा रहे हैं। मिट्टी से बने कान की बाली गले की हार समेत ब्रेसलेट और अन्य आभूषणों की सुंदरता देखते ही बनती है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 06 Mar 2019 01:53 PM (IST)Updated: Wed, 06 Mar 2019 01:53 PM (IST)
शिल्प बाजार की चमक बढ़ाएगी कोल्हान की माटी, ये है तैयारी
शिल्प बाजार की चमक बढ़ाएगी कोल्हान की माटी, ये है तैयारी

जमशेदपुर, [दिलीप कुमार]।  वह दिन दूर नहीं जब कोल्हान की माटी से बनी वस्तुएं शिल्प बाजार की चमक बढ़ाएगी। इससे एक ओर जहां शिल्पकारों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी, वहीं दूसरी ओर रोजगार और बाजार की उपलब्धता भी सुनिश्चित होगी। आधुनिक फैशन के दौर में माटी से बने आभूषण खासे पसंद किए जा रहे हैं। मिट्टी से बने कान की बाली, गले की हार समेत ब्रेसलेट और अन्य आभूषणों की सुंदरता देखते ही बनती है। मिट्टी से बने पानी की बोतल, कप, प्लेट समेत सजावट के सामान लोगों को बरबस की अपनी ओर आकर्षित करता है। 

loksabha election banner

प्लास्टिक पर प्रतिबंध से कुल्हड़ की मांग बढ़ी : प्लास्टिक पर प्रतिबंध के बाद प्लास्टिक से बने कप चलन में कम हुए हैं। इसे देखते हुए ट्रेनों व चाय के होटल आदि में कुल्हड़ की मांग बढ़ी है। शहरों में मिट्टी के बर्तन से बने पकवान विशेष रूप से पसंद किए जा रहे हैं। हंडी मटन का प्रचलन शहरों में फैशन बन गया है। अब मिट्टी के बर्तन भी बाजार में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। गर्मी के दिनों में मिट्टी की हंडी, सुराही के साथ पूजा-अर्चना में उपयोग होने वाले मिट्टी के सामान को आधुनिक तकनीक से बजाया जाएगा। अब माटी शिल्पकार सजावट के सामान समेत आभूषण और अन्य सामान को आधुनिक तकनीक से बनाने के लिए हुनरमंद बन रहे हैं।

इसी माह खुलेगा प्रशिक्षण केंद्र

झारखंड में माटी कला बोर्ड माटी शिल्प को बढ़ावा देने और शिल्पकारों व कुम्हारों को तकनीक से जोडऩे के लिए पूर्वी सिंहभूम जिले में इसी माह प्रशिक्षण केंद्र खोलेगा। इस केंद्र में पूरे कोल्हान प्रमंडल के माटी कलाकारों को प्रशिक्षित किया जाएगा। पूरे राज्य में इस प्रकार के सात प्रशिक्षण केंद्र शुरू होंगे। बोर्ड गठन के बाद इससे जुड़े शिल्पकारों को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजना शुरू की गई हैं। बोर्ड शिल्पकारों को तकनीकि कौशल विकास प्रशिक्षण के जरिये हुनरमंद बनाकर उनका रोजगार बढ़ाना चाहता है।

चमकेगी कोल्हान की माटी

रिफाइन और प्रोसेसिंग के बाद कोल्हान की माटी शिल्प बाजार के लिए उत्तम गुणवत्ता वाली हो जाएगी। वैसे देश के विभिन्न राज्यों में मिट्टी शिल्पकला के लिए कलाकार साहेबगंज के तालझरी की मिट्टी ले जाते हैं। रिफाइन और प्रोसेसिंग के बाद कोल्हान की माटी से बने सामान गुजरात, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश की मिट्टी से बने सामान को टक्कर देंगे।

प्रशिक्षण के साथ अनुदान पर सामग्री

जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित माइकल जॉन सभागार में मंगलवार को एक सौ माटी कलाकारों को बिजली से चलने वाले चाक दिए गए। 80 फीसद अनुदान पर चाक मिलने से कलाकारों ने काम में सहूलियत होने की बात कही। वहीं माटी कला बोर्ड की ओर से मिट्टी गूंथने, जीगर जॉली, ब्लंजर आदि समेत काम में आने वाले मशीन दी जाएगी। इसके साथ ही माटी कलाकारों को प्रशिक्षण देकर आधुनिक तकनीक की जानकारी भी दी जा रही है। प्रथम चरण में कोल्हान के 10 शिल्पकारों को प्रशिक्षण दिया गया है। वहीं आठ मार्च से दूसरे चरण का प्रशिक्षण प्रारंभ होगा।

मिलेगा बाजार

झारक्राफ्ट, खादी ग्रामोद्योग समेत नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायत के मार्केट कांप्लेक्स में माटी शिल्प की दुकानें रहेंगी। माटी शिल्पकारों को बाजार उपलब्ध कराने के लिए माटी कला बोर्ड सरकार के साथ योजना बना रहा है।

राज्य में खुलेंगे सात प्रशिक्षण केंद्र

माटी कला बोर्ड शिल्पकारों को प्रशिक्षित कर उन्हें तकनीक की जानकारी देने के लिए इसी माह से राज्य में सात प्रशिक्षण केंद्र शुरू कर रहा है। हर क्षेत्र की मिट्टी को रिफाइन और प्रोसेसिंग कर उसे मानक के अनुरूप बनाने पर काम हो रहा है। निश्चित रूप से माटी शिल्पकारों की आमदनी बढ़ेगी और रोजगार के नए अवसर सृजन होंगे।

- श्रीचंद प्रसाद प्रजापति, अध्यक्ष, झारखंड माटी कला बोर्ड


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.