सेवा है इनका जुनून, नर्सिंग परफॉरमेंस के लिए राष्ट्रपति से अवार्ड पा चुकी हैं शैलजा
मिसेज वाई. शैलजा को मेहनत लगन व सेवा की वजह से 12 मई 2016 को नर्स डे पर नर्सिंग परफॉरमेंस में बेहतर करने के लिए पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने पुरस्कृत किया था।
जमशेदपुर,[ दिलीप कुमार]। समाज सेवा ही इनका जुनून है। झारखंड के जमशेदपुर के टेल्को में जन्मी, यहीं पली-बढ़ी, पढ़ी-लिखी और अब इसी शहर में समाजसेवा में लगी हुई है मिसेज वाई. शैलजा। इनकी मेहनत, लगन व सेवा की वजह से 12 मई 2016 को 'नर्स डेÓ पर नर्सिंग परफॉरमेंस में बेहतर करने के लिए पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने पुरस्कृत किया था।
वाई. शैलजा के पति वाईवी एसएन मूर्ति एमटीएमएच में कार्यरत हैं। वाई. शैलजा ने 1987 में जीवन ज्योति स्कूल ऑफ नर्सिंग से चार साल की डिप्लोमा कोर्स किया। इनमेंं बचपन से ही जरूरतमंद व असहाय लोगों को मदद करने की चाहत थी। फिर इनके मनोनकुल टाटा मोटर्स में समाज सेवा के क्षेत्र में योगदान करने का मौका भी मिल गया।
संभाल चुकी टेल्को वर्कर्स यूनियन के उपाध्यक्ष का पद
टाटा मोटर्स अस्पताल में नर्सिंग के क्रम में मरीजों से मिलकर उनकी पीड़ा सुनना व उसके निराकरण कराने में जुट जाना इनकी आदत से बन गई थी। अपनी कार्यकुशलता की वजह से ही 2008 में इन्हें टेल्को वर्कर्स यूनियन का उपाध्यक्ष बनाया गया। फिलहाल वाई. शैलजा टाटा मोटर्स के कम्युनिटी सेंटर व नवजाग्रत समाज संस्थान के जरिए सामाजिक कार्य कर रही है। शहर के विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले कुष्ठ रोगियों से मिलने, समय-समय पर उनके बीच जाकर उन्हें दवा मुहैया कराने व बेहतर उपचार करने का काम कर रही है। टेल्को परिवार कल्याण संस्थान के माध्यम से मां व उनके बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बना रही है। नारी सशक्तिकरण में बढ़ -चढ़कर काम करना इनकी हॉबी सी बन गई है। कहा है कि जहां नारी खुशहाल है, वह घर या परिवार स्वर्ग के समान है।
पेशे से चिकित्सक पर समाजसेवा का है जुनून
जमशेदपुर की की जानीमानी एनेस्थेसिया विशेषज्ञ डॉ नीलम सिन्हा को समाजसेवा का जुनून है। वे अपने काम से कुछ पल निकालकर दूसरों की सेवा करना नहीं भूलती हंै। टाटा मोटर्स अस्पताल में पदस्थापित डॉ. नीलम एक गरीब छात्रा की पढ़ाई का जिम्मा भी लिया है। छात्रा की वर्षभर की फीस कालेज को देती हैं। चिकित्सा सेवा करने के साथ ही डॉ. नीलम सिन्हा इनर व्हील क्लब जमशेदपुर इस्ट, रोटरी क्लब, गैर सरकारी संस्था समाधान आदि समेत कई संगठनों से जुड़कर समाजसेवा करती हैं। उनका मानना है कि महिलाएं अपने आप में ही सक्षम हैं, उन्हें किसी के सहयोग की आवश्यकता नहीं है।
टाटा मोटर्स अस्पताल में हैं मेडिकल ऑफिसर
धनबाद में स्कूली शिक्षा लेने के बाद भागलपुर स्थित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालेज से एमबीबीएस की शिक्षा हासिल की। उन्होंने वर्ष 1994 में तत्कालीन टेल्को अस्पताल ट्रेनी के रूप में योगदान दिया था। वर्तमान के टाटा मोटर्स अस्पताल में कंपनी ने वर्ष 1997 में उन्हें मेडिकल ऑफिसर के रूप में पदस्थापित किया। डॉ. नीलम समय-समय पर चिकित्सा कैैंप में लोगों का इलाज निशुल्क करती है।