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दो विधायकों का सामाजिक बहिष्कार, नहीं कर पाएंगे ये काम

अब मेनका सरदार व लक्ष्मण टुडू से आदिवासी समुदाय के लोग कोई वास्ता नहीं रखेंगे।

By Sachin MishraEdited By: Published: Wed, 24 May 2017 11:45 AM (IST)Updated: Thu, 25 May 2017 04:22 PM (IST)
दो विधायकों का सामाजिक बहिष्कार, नहीं कर पाएंगे ये काम
दो विधायकों का सामाजिक बहिष्कार, नहीं कर पाएंगे ये काम

संवाद सूत्र, पोटका। आदिवासी समाज ने पोटका विधानसभा क्षेत्र की विधायक मेनका सरदार और घाटशिला क्षेत्र के विधायक लक्ष्मण टुडू का सामाजिक बहिष्कार कर दिया। मंगलवार को राजदोहा में हुए आदिवासी समुदाय की सबसे बड़ी पंचायत ‘लो-बीर दोरबार’ में बहिष्कार की प्रक्रिया पूरी की गई। अब मेनका सरदार व लक्ष्मण टुडू से आदिवासी समुदाय के लोग कोई वास्ता नहीं रखेंगे। न शादी ब्याह में उन्हें न्यौता दिया जाएगा और न ही उनके घर कोई जाएगा। अगर किसी ने मेनका व लक्ष्मण से लेनदेन या बातचीत तक भी की तो बातचीत करने वाले को भी बहिष्कार का दंश झेलना पड़ेगा।

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‘धर्म डाक’ कर किया बहिष्कार का एलान:

मंगलवार को ‘धर्म डाक’ यानी तीन बार ‘हरि बोलो हरिबोल..’ का डाक (उच्चारण) कर मेनका सरदार व लक्ष्मण टुडू के बहिष्कार की पारंपारिक औपचारिकता पूरी की गई। इससे पहले लो-बीर दोरबार में देश परगना बैजू मुमरू, जुगसलाई तोरोप परगना दसमत हांसदा व बरहा दिशोम परगना श्रीकांत हांसदा के नेतृत्व में लक्ष्मण टुडू व मेनका सरदार के सामाजिक बहिष्कार की पारंपरिक विधि पूरी की गई।

सीएनटी पर घिरे, पक्ष न रखने पर बहिष्कार:

भाजपा के दोनों विधायकों (मेनका व लक्ष्मण) का बहिष्कार छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम (सीएनटी एक्ट) व संताल परगना काश्तकारी अधिनियम (एसपीटी एक्ट) में संशोधन किए जाने के मामले में समुदाय का पक्ष सदन व ट्राइबल एडवाइजरी कमेटी में न रखने के कारण हुआ। दोनों विधायकों को सीएनटी संशोधन पर आदिवासी स्वशासन व्यवस्था की बैठक में पक्ष रखने के लिए तीन बार बुलाया गया था, लेकिन वे तीनों बार नहीं नहीं आए। दलमा में हाल में हुए ला बीर दोरबार में भी उन्हें पक्ष रखने के लिए बुलाया गया था, लेकिन वे नहीं आए। इस कारण समाज से उनका बहिष्कार कर दिया गया। बैठक में परगना बाबा ने कहा कि दोनों टीएसी में सदस्य हैं। दोनों ने संशोधन का टीएसी में विरोध किया होता तो विधानसभा जाता ही नहीं।

सैकड़ों ग्राम प्रधान व परगना की उपस्थिति में हुआ बहिष्कार:

राजदोहा में ‘आराग् बुरु सेंदरा’ के बाद मंगलवार को लो बीर दोरबार का आयोजन किया गया था। इसमें आस-पास के दर्जनों गांव के ग्रामीण तो शामिल हुए ही, पोटका से घाटशिला तक के सैकड़ों माझी बाबा (ग्राम प्रधान) भी शामिल हुए। सैकड़ों माझी बाबा की उपस्थिति में दोनों विधायकों का सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया। लो बीर दोरबार में देश परगना बैजू मुर्म, जुगसलाई परगना दशमत हांसदा, राजदोहा माझी बाबा युवराज टुडू, हरिपदों मुर्म(आसनवनी तोरोप परगना), दुर्गाचरण मुर्मू (तालसा माझी बाबा) गुड़ाबांधा ग्राम प्रधान सह पूर्व विधायक रामदास सोरेन, श्रीकांत हांसदा (बरहा दिशोम परगना), रामचंद्र मुर्म(दिशोम पराणिक), सेलाई गागराई (मानकी), राकेश हेंब्रम (दलमा राजा), हरिश भूमिज समेत अन्य लोग शामिल थे।

बहिष्कार के बाद अब ऐसा होगा

- दोनों विधायकों से आदिवासी समुदाय का कोई भी परिवार बातचीत या लेनदेन नहीं करेगा।

-दोनों विधायकों के परिवार के लड़के-लड़कियों की शादी समाज में किसी के घर नहीं हो पाएगी।

-दोनों विधायकों के घर किसी की मृत्यु होने पर समाज का कोई व्यक्ति अंतिम यात्र में शामिल नहीं होगा।

-दोनों विधायकों को आदिवासी समुदाय के किसी भी परिवार की शादी-ब्याह या पर्व त्योहार में नहीं बुलाया जाएगा।

-दोनों विधायकों के परिजनों से समाज का कोई व्यक्ति बातचीत तक करता दिखा तो उसका भी बहिष्कार होगा। 

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