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करम महोत्सव में गीत, संगीत व नृत्य से बिखेरी माटी की खुश्बू Jamshedpur News

बिष्टुपुर स्थित गोपाल मैदान में आयोजित प्रकृति उपासना के महापर्व करम महोत्सव में रविवार को झारखंडी कला संस्कृति की छटा बिखेरी।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Mon, 09 Sep 2019 02:35 PM (IST)Updated: Mon, 09 Sep 2019 02:35 PM (IST)
करम महोत्सव में गीत, संगीत व नृत्य से बिखेरी माटी की खुश्बू Jamshedpur News
करम महोत्सव में गीत, संगीत व नृत्य से बिखेरी माटी की खुश्बू Jamshedpur News

जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। बिष्टुपुर स्थित गोपाल मैदान में आयोजित प्रकृति उपासना के महापर्व करम महोत्सव में रविवार को झारखंडी कला संस्कृति की छटा बिखेरी। कुड़मी सेना, राष्ट्रीय की ओर से आयोजित करम महोत्सव में कलाकारों ने अपने गीत, संगीत व नृत्य से माटी की खुश्बू को बिखेरा। झारखंड, बंगाल व ओडिशा के कलाकारों ने पारंपरिक वस्त्र पहनकर पारंपरिक वाद्य यंत्र मांदर, नगाड़ा व धमसा की थाप पर उपस्थित लोगों को झूमाया।

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महोत्सव में कलाकारों ने मुख्य अतिथियों को भी अपनी पारंपरिक कला-संस्कृति की प्रस्तुति से कायल कर दिया। महोत्सव में मुख्य अतिथि के तौर पर बिहार के संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार और बतौर विशिष्ट अतिथि झारखंड पुलिस एसोसिएशन के पूर्वी सिंहभूम जिला सचिव संतोष महतो, जदयू नेता संजय ठाकुर, भाजपा नेता रतन महतो, आरटीआइ कार्यकर्ता दिनेश महतो, हरि मुखी आदि शामिल हुए।

पर्यावरण बचाने के लिए पूरी दुनिया को करनी चाहिए करम पूजा

बिहार के संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि पर्यावरण बचाने के लिए पूरी दुनिया को करम पूजा करना चाहिए। करम पर्व झारखंड  के अलावा बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा समेत कई राज्यों में मनाया जाता है, लेकिन झारखंड में इसकी भव्यता अलग ही है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन से होने वाले नुकसान को लेकर चिंतित है।

आने वाले दिनों में सबसे बड़ी समस्या पानी की ही होगी। हमारे पूर्वज पेड़ काटने से होने वाले नुकसान को जानते थे। इसलिए उन्होंने प्रकृति को अपनी सभ्यता से जोड़ा और पेड़ों की पूजा करने लगे। करम प्रकृति संरक्षण का सबसे बड़ा पर्व है। उन्होंने कहा कि जो संस्कृति और सभ्यता प्रकृति से प्रेम करता है उनका झंडा हमेशा बुलंद रहता है। कुड़मी सेना की ओर से आयोजित भव्य करम महोत्सव से लोगों के बीच पर्यावरण संरक्षण का संदेश जाता है।

उन्होंने कहा कि सीएनटी-एसपीटी के दायरे में आने वाले लोगों को समान सुविधा मिलना चाहिए। कुड़मी सेना ने इस मांग को विभिन्न मंच से सरकार के सामने उठाया है। महोत्सव को संतोष महतो व रामाश्रय प्रसाद ने भी संबोधित किया। धन्यवाद ज्ञापन कुड़मी सेना राष्ट्रीय के अध्यक्ष शैलेंद्र महतो ने दिया। अपने भाषण में उन्होंने कहा कि समाज के गरीब व पिछड़े परिवार के बच्चों को कुड़मी सेना उच्च शिक्षा लेने में मदद करेगा।

करम डाली गाड़कर हुई पूजा-अर्चना

महोत्सव के दौरान पारंपरिक रीति-रिवाज से करम डाली गाड़कर करम पूजा किया गया। पूजारी सुषेन महतो ने पूजा-अर्चना कराया। करम डाली मंच के सामने स्थापित की गई थी, जिसकी पूजा गोपाल मैदान पहुंचते ही श्रवण कुमार समेत सभी अतिथियों ने की। इसके पूर्व करम गीतों के साथ जावा थापना करने के बाद करम डाली गाड़ा गया। यहां महिला-पुरुषों ने पारंपरिक करम नृत्य किया।

अतिथियों व दर्शकों को दिए एक-एक पौधे

 लोगों को प्रकृति संरक्षण व संवर्धन करने के लिए जागरूक करने के मकसद से करम महोत्सव में अतिथियों व दर्शकों को एक-एक पौधा दिया गया। कुड़मी सेना ने करम महोत्सव में लोगों से अपील किया कि वे कम से कम एक पौधा अवश्य लगाए। 

मंतोष महतो कुड़मी रत्न से सम्मानित

कुड़मी सेना की ओर से आयोजित करम महोत्सव में राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार प्राप्त मंतोष महतो को कुड़मी रत्न से सम्मानित किया गया। मौके पर मुख्य अतिथि श्रवण कुमार ने उनकी पत्नी अनिता महतो को शॉल ओढ़ाकर और प्रशस्ति पत्र व पौधा देकर सम्मानित किया। कुड़मी रत्न से सम्मानित होने वाले पूर्वी सिंहभूम जिले के परिवहन पदाधिकारी दिनेश रंजन और पटमदा के डीएसपी विजय कुमार महोत्सव में नहीं पहुंचे।


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