Move to Jagran APP

सियासी अड्डा : जमशेदपुर की सत्ता के तीन दावेदार

जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र भाजपा के लिए किसी मिठाई से कम नहीं है। जो दिखाई तो सबको देता है लेकिन उसे गले के अंदर तर कर लेने और स्वाद लेने की इच्छा हर नेता की होती है। इस मिठाई को पाने में ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ती है।

By Jitendra SinghEdited By: Published: Wed, 30 Dec 2020 04:52 PM (IST)Updated: Wed, 30 Dec 2020 04:52 PM (IST)
सियासी अड्डा : जमशेदपुर की सत्ता के तीन दावेदार
जमशेदपुर में कुणाल व सांसद विद्युत के बीच तलवारें तन चुकी हैं।

जमशेदपुर, जासं। जमशेदपुर शहर या कहें जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र भाजपा के लिए किसी मिठाई से कम नहीं है। जो दिखाई तो सबको देता है, लेकिन उसे गले के अंदर तर कर लेने और स्वाद लेने की इच्छा हर नेता की होती है। इस मिठाई को पाने में ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ती है। बस टिकट मिलने की देर है, जीतने में कोई कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता नहीं है।

loksabha election banner

शायद यही कारण है कि यहां सांसद बनने के लिए उम्मीदवार टिकट पाने के लिए अभी से एड़ी-चोटी का पसीना बहा रहे हैं। वर्तमान सांसद को चार साल तक तो कोई दिक्कत नहीं होगी, लेकिन टर्म पूरा होने के बाद भी टिकट आरक्षित रहे, इसकी जुगत में विद्युत वरण महतो लगे हैं। दूसरी ओर नए दावेदार के रूप में बहरागोड़ा से आए कुणाल षाड़ंगी ने सांसद विद्युत वरण महतो के पास ही घर ले लिया है। उन्हें लग रहा है कि जब तक बहरागोड़ा में रहेंगे, तो जमशेदपुर से रोज-रोज आने में दो वर्ष का समय आने-जाने में ही बीत जाएगा। बिष्टुपुर में घर लेने के साथ ही यह तय हो गया है कि जमशेदपुर संसदीय सीट से उनकी दावेदारी पुख्ता हो गई है। 

उधर, सांसद विद्युत वरण महतो को जब पता चल गया कि बहरागोड़ा में कुणाल षाड़ंगी ने सीट खाली कर दी है, तो सांसद ने बहरागोड़ा के खाली मैदान में अपने पुत्र को खेलने भेज दिया है। संयोगवश उनका नाम भी कुणाल ही है, बस अंतर है तो षाड़ंगी और महतो का।

सोच है कि लोकसभा या विधानसभा, कोई तो घर में आए। वैसे भी बहरागोड़ा के लोगों को कुणाल नाम ही याद रहता है। टाइटल के पीछे कोई नहीं जाना चाहता है। उन्हें बस एक कुणाल चाहिए, चाहे वह किसी रूप में हो। हालांकि वहां पहले से घात लगाए भाजपा के पूर्व प्रदेश डा. दिनेशानंद गोस्वामी का क्या होगा, यह बात ना सांसद विद्युत वरण महतो सोच रहे हैं, ना भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता बने कुणाल षाड़ंगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.