सियासी अड्डा : दुलाल खोज रहे मुख्यधारा में लौटने का रास्ता
झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री रहे तीन-तीन बार विधायक रह चुके दुलाल अब झामुमो की मुख्यधारा में लौटने का रास्ता खोज रहे हैं। इसके लिए उन्होंने दो बार डीसी आफिस पर प्रदर्शन किया लेकिन उन पर किसी ने ध्यान नहीं दिया।
जमशेदपुर, जासं। किसी ने सोचा नहीं था कि झारखंड मुक्ति मोर्चा की दिग्गज हस्ती रहे किसी व्यक्ति को अब उसी दल में महत्व पाने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री रहे, तीन-तीन बार विधायक रह चुके दुलाल अब झामुमो की मुख्यधारा में लौटने का रास्ता खोज रहे हैं। इसके लिए उन्होंने दो बार डीसी आफिस पर प्रदर्शन किया, लेकिन उन पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। तीसरी बार कोरोना जांच कराने के लिए कहने पर जमीन पर बैठे। जिला प्रशासन से केस खा गए, फिर भी पार्टी ने सुध नहीं ली। टाटा स्टील के गेट पर प्रदर्शन किया, उसमें भी कोई बड़ा नेता नहीं पहुंचा। उस मामले में भी दुलाल केस खा गए, लेकिन कोई सांत्वना देने भी नहीं आया। एक बार फिर शहीद निर्मल महतो जयंती के दिन बिना मास्क पहने डीसी के सामने खड़े हो गए। लेकिन यहां भी मंशा पूरी नहीं हुई।
दरअसल, उनका यह हाल सिर्फ इस वजह से हुआ कि उन्होंने पिछले पांच साल में कपड़े की तरह पार्टी बदली। झारखंड विकास मोर्चा से भाजपा और कांग्रेस में जाने के बाद भी उनका मन नहीं भरा तो बहुजन समाज पार्टी में भी शामिल हो गए। अपनी पत्नी अंजना भुइयां को बसपा के टिकट पर पलामू से चुनाव लड़ा दिया। जब वहां करारी हार मिली, तो पुत्र विप्लव भुइयां को जुगसलाई विधानसभा से झामुमो का टिकट मांगा। वह भी नहीं मिला तो दुलाल के पास गरीब-गुरबों की राजनीति करने के सिवा कोई चारा नहीं बचा है। उन्हें पूरा विश्वास है कि इन्हीं के नाम पर अब तक विधायक-मंत्री बने हैं, तो झामुमो का रास्ता भी इन्हीं के सहारे प्रशस्त हो सकता है।