सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स ने वित्त मंत्री को भेजा पत्र, दंडात्मक ब्याज माफ करने की अपील
उद्योगों और लाखों व्यापारियों व पेशेवरों द्वारा विभिन्न वैधानिक अनुपालनों के लिए निर्धारित तारीखों बल्कि समय सीमा तय की गई है जिसमें विफल रहने पर वे संभावित चूक के लिए दंडात्मक ब्याज या नोटिस देने के लिए उत्तरदायी होंगे।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन को एक पत्र भेजा है जिसमें वैधानिक दायित्वों का पालन नहीं करने पर 31 मार्च 2022 तक दंडात्मक ब्याज को माफ करने का आग्रह किया गया है। सिंहभूम चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष विजय आंनद मूनका का कहना है कि मार्च 2020 से शुरू हुई कोरोना महामारी वैश्विक स्तर पर तबाही मचा दी।
देश भर में लाकडाउन के कारण उद्योग-धंधे बंद हो गए। कई कंपनियों में काम ठप हो गए। संक्रमण का स्तर कम होने पर धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हुई और दहशत में डूबे देशवासियों ने 8-9 महीने बाद राहत की सांस ली। इससे पहले कि आर्थिक गतिविधियां फिर से तेज होती कि कोविड की दूसरी लहर भड़क उठी और फिर से आर्थिक गतिविधियों में व्यवधान उत्पन्न हो गया। अब, नया वायरस ओमिक्रोन पहले की तुलना में तेजी से फैल रहा है। ऐसे में नियामक प्रतिबंधों और आंशिक लॉकडाउन के कारण व्यावसायिक काम में बाधा आ रही है, हालांकि उस हद तक नहीं, जिस हद तक पहली लहर ने किया था।
दंडात्मक ब्याज या शुल्क को 31 मार्च 2022 तक समाप्त करना
मूनका का कहना है कि उद्योगों और लाखों व्यापारियों व पेशेवरों द्वारा विभिन्न वैधानिक अनुपालनों के लिए निर्धारित तारीखों, बल्कि समय सीमा तय की गई है, जिसमें विफल रहने पर वे संभावित चूक के लिए दंडात्मक ब्याज या नोटिस देने के लिए उत्तरदायी होंगे। जबकि पूर्व के अनुभवों के अनुसार व्यापारी व विभिन्न उद्योगों से जुड़े लोग वास्तव में यह महसूस करते हैं कि सभी वैधानिक अनुपालनों के लिए नियत तारीखों का पालन करना उनके लिए असंभव होगा। वास्तविक कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए सरकार को उद्योगों और व्यापारियों द्वारा वैधानिक दायित्वों का पालन न करने के लिए दंडात्मक ब्याज या शुल्क को जनहित में 31 मार्च 2022 तक के लिए समाप्त करना चाहिए ताकि सभी निर्भीक होकर काम कर सकें।