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दिल्ली में सज्जन को सजा, शहर के सिखों में खुशी, बंटे लड्डू, गुरुद्वारों में अरदास

वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगा के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट से काग्रेस के वरिष्ठ नेता व लोकसभा सदस्य रहे सज्जन कुमार (73) को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने पर शहर के सिखों ने खुशी जाहिर की है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Dec 2018 08:30 AM (IST)Updated: Tue, 18 Dec 2018 08:30 AM (IST)
दिल्ली में सज्जन को सजा, शहर के सिखों में खुशी, बंटे लड्डू, गुरुद्वारों में अरदास
दिल्ली में सज्जन को सजा, शहर के सिखों में खुशी, बंटे लड्डू, गुरुद्वारों में अरदास

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगा के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट से काग्रेस के वरिष्ठ नेता व लोकसभा सदस्य रहे सज्जन कुमार (73) को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने पर शहर के सिखों ने खुशी जाहिर की है। अदालत में सजा सुनाए जाने के बाद सोमवार को मानगो गुरुद्वारा में अरदास किया गया तो लड्डू का वितरण भी किया गया। वहीं खड़ंगाझाड़ चौक पर भी मदर टरेसा वेलफेयर ट्रस्ट, सिख यूथ ब्रिगेड व टेल्को नौजवान सभा ने संयुक्त रुप से लड्डू वितरण किया।

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शहर के सिखों ने किया फैसले का स्वागत

शहर के सिखों ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। दंगा पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए प्रयासरत रहे ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट्स फेडरेशन के पूर्वी भारत अध्यक्ष सतनाम सिंह गंभीर ने कहा कि 34 वर्षो के इंतजार के बाद इंसाफ हुआ है। उन्होंने कहा कि जगदीश टाइटलर ओर कमलनाथ पर लगे आरोपों पर भी तुरंत फैसला आना चाहिए। गंभीर ने कहा कि उन्होंने इस मामले में 100 से ज्यादा बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ट्वीट किया था। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार से भी यहां हुए कत्लेआम के दोषियों को सजा देने के लिए एसआइटी का गठन करने की मांग कई बार की गई है। :::::::::::::

प्रतिक्रिया

सज्जन कुमार व अन्य को सजा सुनाकर कोर्ट ने सिखों के दिल को थोड़ी राहत पहुंचाई है, लेकिन इस बात का मलाल भी है कि सिखों को न्याय मिलने में 34 साल लग गए। न्याय में देरी भी एक तरह का अन्याय ही है। कांग्रेस और उनके शीर्ष नेताओं को सामने आकर माफी मांगनी चाहिए।

- रविंद्र सिंह ¨रकू, अध्यक्ष-बीर खालसा दल

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सिखों को इंसाफ मिलने में काफी समय लग गया। झारखंड में हुए सिखों के कत्लेआम के दोषियों को सजा देने के लिए एसआइटी का गठन किया जाना चाहिए। इससे पीड़ित परिवारों को भी इंसाफ मिल सकेगा।

: गुरुशरण सिंह, बिष्टुपुर

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सज्जन कुमार को फांसी की सजा होनी चाहिए थी, ताकि पीड़ित परिवारों को देश की न्याय व्यवस्था पर विश्वास हो सके। न्याय मिलने में 34 वर्ष लग गए। यह न्याय व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह है। इन 34 वर्षो में कई पीड़ित परिवार मर गए। मामले में जगदीश टाइटलर को भी सजा मिलनी चाहिए।

- शैलेंद्र सिंह, प्रधान-झारखंड प्रदेश गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी

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हाईकोर्ट की ओर से दिया गया फैसला सम्मानजनक है। न्याय प्रणाली पर पहले भी सिखों को भरोसा था और भविष्य में भी रहेगा। इस ंफैसले के बाद कुछ राजनीतिक दल इसका लाभ लेना चाह रहे हैं। कोर्ट ने देर से ही फैसला सुनाया लेकिन दुरुस्त सुनाया।

-गुरमुख सिंह मुखे, प्रधान-सीजीपीसी

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वर्ष 1984 में हुए सिख दंगे भयंकर नरसंहार था, जिसमें सिखों का कत्लेआम किया गया। सज्जन कुमार को उम्र कैद की सजा दी गई है, यह नाकाफी है। उसें फांसी की सजा होनी चाहिए थी तभी सिखों को न्याय मिला माना जाएगा।

- रंजीत सिंह, प्रधान-सिख यूथ ब्रिगेड --

कोर्ट ने बहुत देर से फैसला दिया है, लेकिन दुरुस्त फैसला दिया है। देर से फैसला आने पर सिखों में रोष जरुर है, लेकिन खुशी भी उतनी ही है कि 34 वर्षो बाद सिख कत्लेआम के दोषी सज्जन कुमार व अन्य को उम्र कैद की सजा हुई।

-हरविंदर सिंह मंटू, प्रधान-साकची गुरुद्वारा

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कोर्ट के इस फैसले के बाद वास्तव में हम गर्व महसूस कर रहे हैं। हमे गर्व है कि हम भारतीय हैं। अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए मेरे पास पर्याप्त शब्द नहीं है। कोर्ट के फैसले का स्वागत है।

-भगवान सिंह, प्रधान-मानगो गुरुद्वारा

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इस फैसले से ना सिर्फ सिख बल्कि देश के सभी नागरिक खुश हैं और सब का न्यायपालिका पर विश्वास और गहरा हुआ है। इस फैसले से अदालत ने यह प्रमाणित कर दिया है कि इस देश में कानून का राज है। किसी पार्टी का या किसी नेता का नहीं। आशा करता हूं कि बाकी के दोषियों को भी इसी तरह सजा सुनाई जाए।

- हरपाल सिंह, टेल्को

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पिछले 34 सालों से इस दिन का इंतजार कर रहे लोगों को इंसाफ मिला है और अब भारतीय संविधान तथा न्यायपालिका के प्रति आस्था मजबूत हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एसआइटी गठित की और परिणाम सामने है। झारखंड सरकार भी एसआइटी का गठन करे।

-इंद्रजीत सिंह, उपाध्यक्ष-तख्त श्री हरिमंदिर साहिब पटना

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सिखों को 34 वर्षो के बाद इंसाफ मिला यह खुशी की बात है। झारखंड सरकार भी केंद्र सरकार की तरह एसआइटी का गठन कर पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाने का काम करे।

- रविंद्र सिंह ¨रकू, अध्यक्ष-वीर खालसा दल -------

दंगा पीड़ितों को 34 वर्षो के बाद इंसाफ मिला है। इससे खुशी तो बहुत हो रही है, लेकिन मामले के अन्य आरोपितों को भी कटघरे में सरकार खड़ा करे तो बात बने। इस फैसले के बाद हजारों लंबित मामले के भुक्तभोगियों को भी इंसाफ मिलने की उम्मीद बढ़ी है। प्रधानमंत्री ने एसआइटी गठित की। यह उसी का परिणाम है।

- जसपाल सिंह बिरसानगर प्रधान


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