सिख धर्म में अपनी भूमिका से अवगत हुईं सिख महिलाएं Jamshedpur News
सिख धर्म में महिलाओं की क्या भूमिका होनी चाहिए और क्या भूमिका थी ? इस पर मानगो गुरुद्वारा में चल रही गुरमत में जानकारी जानकारी दी गई।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : सिख धर्म में महिलाओं की क्या भूमिका होनी चाहिए और क्या भूमिका थी ? इस पर मानगो गुरुद्वारा में चल रही गुरमत एक घंटे की कक्षाओं में कोलकाता की लवजीत कौर, सुमन कौर व टाटानगर की मनप्रीत कौर व हरप्रीत कौर ने रविवार की दोपहर महिलाओं को जानकारी दी।
गुरमत ज्ञान मिशनरी कॉलेज के प्रोफेसर शमशेर सिंह ब्रह्मपुरा ने कक्षाओं में सिख युवक व युवतियों का योगदान कौम में किस प्रकार होना चाहिए बच्चों को जानकारी दी। बताया कि सिखी से दूर नहीं सिखी के नजदीक नौजवानों का होना चाहिए। सुबह छह बजे से शिविर की शुरुआत की गई। इस दौरान निशान साहिब को सलामी दी गई। कक्षा के दौरान बच्चों को गुरु इतिहास, सिखी का महत्व, रहत मर्यादा की जानकारी दी गई। गुरमत मिशनरी कॉलेज के सुखविंदर सिंह ने जपजी साहिब की वाणी का एक-एक अर्थ बच्चों को समझाया।
विशेष कक्षाएं की गई आयोजित
विशेष कक्षाएं महिलाओं के लिए रविवार की दोपहर 2-3 बजे तक कक्षाएं आयोजित की गई थी। सात दिवसीय आयोजन सिख फोरम कोलकाता द्वारा मानगो गुरुद्वारा के सहयोग से गुरमत ज्ञान व सिख इतिहास से जुड़ी कक्षाओं के लिए गुरमत शिक्षा शिविर का आयोजन मानगो गुरुद्वारा में किया गया है। इस शिविर में कोलकाता, भुवनेश्वर, आसनसोल, पुरुलिया, राउरकेला, कटक, खड़गपुर, रांची व जमशेदपुर के बच्चे शामिल हुए।
इन्होंने किया बच्चों को शिक्षित
बच्चों को शिक्षित पंजाब स्थित तख्त श्री दमदमा साहिब साबका जत्थेदार से ज्ञानी केवल सिंह जी, कैप्टन यशपाल सिंह जी, एसजीपीसी से कवि सुखविंदर सिंह जी, गुरमत ज्ञान मिशनरी कालेज से सुखविंदर सिंह जी व शमशेर सिंह जी, कोलकाता के सिख फोरम के सचिव गुरुशरण सिंह व मीत प्रधान व¨रद्र पाल सिंह कर रहे हैं। इसमें उनका सहयोग मानगो गुरुद्वारा के प्रधान भगवान सिंह, जसवंत सिंह, गुरमीत सिंह, गुरुशरण सिंह, हरविंदर सिंह आदि कर रहे हैं।