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shelter Home: बेसहारों का सहारा बना जमशेदपुर के डिमना रोड का आश्रयगृह, उम्मीदों से अपनों को निहार रही आंखें

Jamshedpur shelter Home. महिला ने कहा कि वह कोलकाता से भागकर जमशेदपुर आ गयी यह बहुत ही अच्छा हुआ। उन्हें एक आश्रय मिल गया नहीं तो वह कोलकाता में कहां और किस तरह रहती यह सोचकर भी मन भयभीत हो जाता है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sun, 07 Feb 2021 06:47 PM (IST)Updated: Sun, 07 Feb 2021 06:47 PM (IST)
shelter Home: बेसहारों का सहारा बना जमशेदपुर के डिमना रोड का आश्रयगृह, उम्मीदों से अपनों को निहार रही आंखें
कोलकाता में घर से निकाली गई महिला पहुंची डिमना रोड स्थित आश्रय गृह।

जमशेदपुर, जासं। केंद्रीय समाज कल्याण विभाग की ओर से वरिष्ठ महिलाओं के लिए डिमना रोड में खोला गया नागरिक गृह बेसहारों का सहारा बन गया है। कोलकाता में ससुराल वालों ने मारपीट व प्रताड़ित कर घर से निकाल दिया। महिला हावड़ा स्टेशन पहुंच गयी। हावड़ा से वह ट्रेन में बैठकर टाटानगर स्टेशन पहुंच गयी।

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स्टेशन में वह भटक कर गुमशुम होकर एक ओर बैठी थी। जब रेल पुलिस की नजर उक्त महिला पर पड़ी तो उससे पूछताछ करने लगी। उसने बताया कि ससुराल पिरूजोड़ा है। ससुर, देवर व देवर की पत्नी ने मारपीट कर घर से निकाल दिया। वह कई बार बारिश में भीग कर रही, लेकिन किसी को दया नहीं आइर्। इसलिए वह भटक कर जमशेदपुर आ गयी। रेल पुलिस ने पूछताछ करने के बाद मानगो डिमना रोड स्थित आश्रयगृह के संचालक भास्कर कुमार से संपर्क किया। इसके बाद महिला को डिमना रोड स्थित आश्रयगृह में पहुंचा दिया गया। जब महिला से पूछा गया तो उसने अपना नाम सुष्मिता सरकार व पति का नाम प्रबीर सरकार बताया। महिला ने कहा कि वह कोलकाता से भागकर जमशेदपुर आ गयी, यह बहुत ही अच्छा हुआ। उन्हें एक आश्रय मिल गया, नहीं तो वह कोलकाता में कहां और किस तरह रहती यह सोचकर भी मन भयभीत हो जाता है। पति करते दीघा के किसी होटल में काम

महिला से जब पूछा गया कि पति कहां हैं तो बताया कि पति दिघा के किसी होटल में काम करते हैं। मां-पिता के पास क्यों नहीं गए, इस पर सुष्मिता ने बताया कि पिता तो अच्छे हैं, लेकिन मां मुझे नहीं रखना चाहती। महिला ने बताया कि मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि करें तो आखिर क्या करें। कभी मेरे मन में आत्महत्या करने तक की बात आ रही थी, लेकिन क्या मन में आया कि हावड़ा से जमशेदपुर आ गयी। हालांकि आश्रयगृह में वह अपने आप को पूरी तरह सुरक्षित महसूस कर रही है। फिलहाल महिला आश्रयगृह में किसी अपनों के इंतजार में है कि कब कोई आए और उसे अपने साथ ले जाए। इस संबंध में आश्रयगृह के संचालक भास्कर कुमार ने बताया कि उनके परिजनाें से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है। संपर्क हो जाने पर महिला को उनके परिजनों को सौंप देंगे।


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