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अब पहले पढ़ेगी, फिर रबनी के हाथ होंगे पीले

पटमदा प्रखंड क्षेत्र के कियाबोहाल गांव में स्कूली छात्राओं ने हस्तक्षेप कर कक्षा 9 में पढऩे वाली अपनी सहेली रबनी टुडू को बालिका वधु बनने से बचा लिया है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Mon, 24 Dec 2018 12:16 PM (IST)Updated: Mon, 24 Dec 2018 02:13 PM (IST)
अब पहले पढ़ेगी, फिर रबनी के हाथ होंगे पीले
अब पहले पढ़ेगी, फिर रबनी के हाथ होंगे पीले

पटमदा, मिथिलेश तिवारी। पूर्वी सिंहभूम जिले के पटमदा प्रखंड क्षेत्र के कियाबोहाल गांव में स्कूली छात्राओं ने हस्तक्षेप कर कक्षा नौ में पढ़ने वाली अपनी सहेली को बालिका वधू बनने से बचा लिया है। बालिका का नाम है- रबनी टुडू।

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यह गांव लावा पंचायत में है। यहीं राज्य संपोषित उच्च विद्यालय में रबनी टुडू छात्रा है। पिता इंदू टुडू ने रबनी टुडू की शादी फरवरी, 2019 में तय कर दी थी। शादी की तारीख अभी तय नहीं हुई थी। घर में शादी की तैयारियां चल रही थीं। उधर, रबनी टुडू शादी नहीं करना चाहती थी। वह पढ़ना चाहती थी, आगे बढ़ना चाहती थी। मन की बात किससे कहती! एक दिन उसने हिम्मत करके शादी तय होने की बात सहेलियों को बता दी।

इसके बाद उसी की कक्षा में पढ़ने वाली श्रेया वर्मा के नेतृत्व में सहेलियां समूह बना कर रबनी टुडू के घर पहुंच गईं। परिजन से बाल विवाह नहीं करने की बात कही। परिजन को समझाया कि बाल विवाह से किस प्रकार की दिक्कतों का सामना उनकी बेटी को करना पड़ सकता है। बेटी की सहेलियों की बात से परिजन इस कदर प्रभावित हुए कि उन्होंने अभी शादी करने का इरादा छोड़ दिया।

दरअसल, श्रेया वर्मा पढ़ाई के साथ साथ यूनिसेफ के लिए भी काम करती है। पांच माह पहले इन लड़कियों ने मिलकर गांव की लक्ष्मी कर्मकार की शादी भी रुकवाई थी। इस इलाके में यूनिसेफ बाल विवाह के विरुद्ध जागरूकता अभियान चला रहा है। यूनिसेफ के विद्यालय निरीक्षक उत्तम कुमार महतो ने कहा कि बाल विवाह के प्रति गांव में लड़कियां जागरूक हो रही हैं। यह शुभ संकेत है।

उधर, रबनी टुडू ने कहा कि पहले पढ़ाई फिर विदाई का यह कारवां आगे बढ़ता रहे। इसलिए वह भी इस अभियान में बढ़चढ़कर हिस्सा लेगी। रबनी टुडू ने बताया कि उसकी शादी रुकवाने में स्कूल शिक्षक पंकज कुमार की भी अहम भूमिका रही। हर कदम पर उन्होंने छात्राओं का हौसला बढ़ाया।

 उधर, रबनी टुडू के पिता इंदू टुडू ने कहा कि उनके समाज में बच्चियों की शादी कम उम्र में ही हो जाती है। इसी कारण उन्होंने भी अपनी बेटी की शादी तय कर दी। बेटी की सहेलियों की बात उचित लगी। इसलिए मैंने शादी टाल देने का निर्णय लिया। वैसे भी अभी तारीख तय नहीं हुई थी। वर पक्ष को इसकी सूचना उन्होंने दे दी है। कहा कि अब बेटी पहले पढ़ाई पूरी करेगी और उम्र होने पर ही शादी होगी। बीपीएल परिवार से आने वाले इंदू टुडू खेतिहर मजदूर हैं।


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