Shardiya Navratri 2019: कलश स्थापन के साथ नवरात्र शुरू, पहले दिन शैलपुत्री की पूजा
शक्ति की अधिष्ठात्री देवी मां दुर्गा की आराधना का महापर्व नवरात्र रविवार से शुरू हो गया। मंदिरों पूजा समितियों के पंडालों और घरों में कलश स्थापना की गई और मां का आवाहन हुआ।
जमशेदपुर, जेएनएन। कलश स्थापन के साथ ही लौहनगरी में शक्ति की अधिष्ठात्री देवी मां दुर्गा की पूजा-आराधना का महापर्व नवरात्र रविवार से शुरू हो गया। मंदिरों, पूजा समितियों के पंडालों और घरों में कलश स्थापना की गई और मां दुर्गा का आवाहन किया गया।
आदिवासी मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के जमशेदपुर के घोड़ाबांधा स्थित आवास पर भी कलश स्थापना के साथ नवरात्र पूजा का शुभारंभ हुआ। मुंडा के घर पर प्रतिवर्ष कलश स्थापन कर विधिवत मां दुर्गा की आराधना की जाती है। राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास का आवास भी जमशेदपुर में है, लेकिन रांची में होने की वजह से उन्होंने रांची स्थित मुख्यमंत्री आवास पर कलश स्थापना कर नवरात्र पूजा प्रारंभ की। अर्जुन मुंडा ने पूजा की जानकारी ट्रिवट कर साझा की। उन्होंने लिखा- वन्दे वांछितलाभाय, चंद्रार्धकृतशेखराम्। वृषारूढां शूलधरां, शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥ आज मेरे घर घोड़ाबांधा(जमशेदपुर)में कलश स्थापन के साथ नवरात्र पूजा प्रारंभ हुआ।
पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा
पहले दिन देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों में प्रथम शैलपुत्री की पूजा हुई। इस स्वरूप में माता वृषभ पर आरूढ़ होती हैं। उनके एक हाथ में त्रिशूल जबकि दूसरे हाथ में कमल पुष्प सुशोभित होता है। पूर्व जन्म में सती अपने पति भगवान शंकर के अपमान को सहन नहीं कर सकी थी और उन्होंने पिता दक्ष के यज्ञ का विध्वंस कर योगाग्नि द्वारा खुद को भस्म कर लिया था। उन्होंने अगले जन्म में शैलराज हिमालय की पुत्री के रूप में जन्म लिया तथा शैलपुत्री के रूप में विख्यात हुईं। नवरात्र पूजन में पहले दिन इन्हीं का पूजन षोडशोपचार विधि से किया जाता है।