Move to Jagran APP

शब-ए-बरात के इस्तकबाल में सज रहे कब्रिस्तान

जागरण संवाददाता जमशेदपुर रोशनी का त्योहार शब-ए-बरात 21 अप्रैल को है। शहर में इसकी तैय

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Apr 2019 09:02 AM (IST)Updated: Mon, 15 Apr 2019 09:02 AM (IST)
शब-ए-बरात के इस्तकबाल में सज रहे कब्रिस्तान
शब-ए-बरात के इस्तकबाल में सज रहे कब्रिस्तान

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : रोशनी का त्योहार शब-ए-बरात 21 अप्रैल को है। शहर में इसकी तैयारी जोर-शोर से शुरू हो गई है। शहर की कब्रिस्तानों की साफ-सफाई की जा रही है। साकची कब्रिस्तान, धतकीडीह कब्रिस्तान, सोनारी कब्रिस्तान, बर्मामाइंस कब्रिस्तान, जुगसलाई कब्रिस्तान, बारीनगर कब्रिस्तान, जाकिर नगर कब्रिस्तान और जवाहर नगर कब्रिस्तान में कब्रों पर मिट्टी चढ़ाने का काम हो रहा है।

loksabha election banner

कब्रिस्तानों की चारदीवारी का रंगरोगन किया जा रहा है। कब्रिस्तानों में जो पक्की कब्रें हैं उनकी पोताई हो रही है। कच्ची कब्रों पर भी सीमेंट का घोल कर उसे चढ़ाया जा रहा है ताकि कब्र का निशान बाकी रहे। शब-ए-बरात वाले दिन लोग अगरबत्ती व मोमबत्ती जला कर अपनों की कब्र पर फातेहा पढ़ेंगे। शब-ए-बरात के दिन कब्रिस्तान व मस्जिदें रोशनी से जगमग होंगी।

वाटर कूलर व गुस्ल को नया रूम : साकची कब्रिस्तान में आने वाले और राहगीरों को ठंडा पानी पिलाने के लिए कमेटी एक वाटर कूलर लगा रही है। कमेटी के संयोजक रियाज शरीफ ने बताया कि कब्रिस्तान में लावारिस मय्यत को गुस्ल देने के लिए एक पुराना कमरा था। इसकी जगह 12 गुणे 12 फीट का एक नया कमरा बनाया गया है। कब्रिस्तान कमेटी के जवादुल हसन ने बताया कि कब्रिस्तान में मौजूद शेड को भी 50 फीट बड़ा किया जा रहा है ताकि बारिश में बरसात से बचने या गर्मी में धूप से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोग शेड के नीचे बैठ सकें। इसमें पंखा भी लगाया जाएगा। कब्रिस्तान कमेटी के पास एंबुलेंस भी है। कमेटी के सचिव रवि मलिक ने बताया कि शब-ए-बरात के दिन रात भर कब्रिस्तान गुलजार रहेगी।

दागे जाएंगे पटाखे, होगी मिलाद :

15 शाबान सन् 255 हिजरी को 11 वें इमाम हजरत हसन अस्करी अ. के घर 12 वें इमाम हजरत महदी अलैहिस्सलाम की वेलादत हुई थी। वो अल्लाह के हुक्म से पर्दे में है। अल्लाह के हुक्म से एक दिन जाहिर होकर राक्षसों का नाश कर दुनिया को इंसाफ से भर देंगे। शिया मुसलमान इमाम के जन्मदिन की खुशी मनाते हैं। इफ्तेखार अली बताते हैं कि शाम को मगरिब के बाद कब्रिस्तान से लौट कर घरों को रौशन किया जाएगा। पटाखे दागे जाएंगे। मस्जिदों में इबादत के बाद रात भर महफिल-ए-मिलाद का दौर चलेगा। कसीदाखानी होगी और सुबह फज्र की नमाज से पहले नदी में इमाम के नाम अरीजा डाला जाएगा। अरीजे में लोग अपनी बात कहते हैं। मान्यता है कि इमाम इन बातों को पूरा करते हैं।

रात भर होगी इबादत, सजेगी महफिल : शब-ए-बरात यानी निजात की रात। इस दिन शाम को मगरिब की नमाज के बाद लोग कब्रिस्तान जाएंगे। वहां अपनों की कब्रों पर फातेहा पढ़ने के बाद वापस लौटेंगे। इसके बाद एशा की नमाज के बाद मस्जिदों में रात भर इबादत होगी। दिन में हलवे पर नजर दिलाई जाएगी। उलेमा बताते हैं कि सहाबा ओवैस करनी ने जंग में रसूल ए अकरम का दांत शहीद होने की खबर मिलने पर अपने सारे दांत तोड़ दिए थे। इसलिए हलवे पर उनकी नजर दिलाई जाती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.