आंखों का लाल होना खतरनाक, जा सकती है रोशनी
तेज दर्द के साथ आंखों का लाल होना खतरनाक है। इसे नजरअंदाज करना मंहगा पड़ सकता है। यहां तक कि आंखों की रोशनी भी जा सकती है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : तेज दर्द के साथ आंखों का लाल होना खतरनाक है। इसे नजरअंदाज करना मंहगा पड़ सकता है। यह लापरवाही आपको अंधा बना सकती है। उक्त बातें रविवार को जमशेदपुर ऑप्थलमोलोजिकल सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ. सीबीपी सिंह ने कहीं। टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) व जमशेदपुर ऑप्थलमोलोजिकल सोसाइटी के संयुक्त तत्वाधान में टीएमएच प्रेक्षागृह में 'कोर्निया फेस्ट' का आयोजन किया गया। इसका उद्घाटन टीएमएच के जीएम एयर मार्शल डॉ. राजन चौधरी, डॉ. केपी दूबे, डॉ. सीबीपी सिंह व डॉ. सुशील बाजोरिया ने संयुक्त रूप से किया।
डॉ. राजन चौधरी ने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव हो रहा है। ऐसे में इस तरह के कार्यक्रम होने से डॉक्टरों को नई-नई जानकारी हासिल होगी। वहीं डॉ. सीबीपी सिंह ने मीडिया से बातचीत करने हुए कहा कि कॉर्नियल अल्सर के प्रति लोगों को जागरूक होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आंख के बीच में गोलाकार क्षेत्र को कार्निया (काला वाला गोल हिस्सा, जिसे पुतली भी कहते हैं) कहते हैं। कार्निया पर हुए घाव को कार्नियल अल्सर कहा जाता है। जमशेदपुर में ऐसा मरीजों की संख्या बढ़ रही है। समय से पूर्व बीमारी की पहचान और इलाज होने से मरीज अंधा होने से बच सकता है। यह बीमारी मरीज के लिए बेहद तकलीफदेह होती है। कॉर्नियल अल्सर में आमतौर पर बैक्टीरियल, वायरल और फंगल इंफेक्शन होता है। इसका अल्सर आंख लाला होना, तेज दर्द रहना, सूजन होना, आंख खोलने में दिक्कत, पानी आना सहित अन्य शामिल है।
कॉर्नियल अल्सर होने पर आंख की गर्म पानी में साफ और स्टरलाइज्ड रुई डालकर सिकाई करनी चाहिए। कार्नियल अल्सर आंख की एक गंभीर समस्या है इसलिए इसमें फौरन आंखों के डॉक्टर से इलाज कराना चाहिए। इलाज में देरी करने से आंख में फुला या माड़ा (कार्नियल ओपेसिटी) होने और व्यक्ति के अंधा तक हो जाने की आशंका होती है। इस अवसर पर जमशेदपुर आई हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. एसपी जखनवाल, कोलकाता के डॉ. मोना भार्गव, डॉ. मितल, डॉ. ऋषि गुप्ता, डॉ. सुरजीत सेन, डॉ. जे सिद्धिकी सहित अन्य डॉक्टर उपस्थित थे।