गंदगी देख भड़के स्वास्थ्य मंत्री, एमबीबीएस छात्रों से पूछा-कितने दिनों पर होती सफाई Jamshedpur News
मंत्री ने कॉलेज परिसर में चारों तरफ फैली गंदगी को देखकर अधिकारियों को फटकार लगाई और कहा कि भ्रष्टाचार को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता बुधवार को अचानक महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण करने पहुंच गए। वहां पहुंचने के बाद सबसे पहले वे ब्वॉयज हॉस्टल गए। वहां फैली गंदगी को देखकर बन्ना गुप्ता भड़क गए।
हॉस्टल के वार्डन को बुलवाया और इस गंदगी का कारण पूछा। मंत्री ने कॉलेज परिसर में चारों तरफ फैली गंदगी को देखकर अधिकारियों को फटकार लगाई और कहा कि भ्रष्टाचार के नीयत से की जानेवाली किसी भी तरह की हरकत को लेकर सरकार सख्त है। ठीक से अपना काम नहीं करनेवाली एजेंसी को ब्लैक लिस्ट करने की अनुशंसा की जाएगी। इसके स्वास्थ्य मंत्री कैंटीन गए और वहां का जायजा लिया।
तलब की निर्माणाधीन अस्पताल की रिपोर्ट
कॉलेज परिसर में एलएंडटी कंपनी द्वारा निर्माणाधीन 500 बेड के अत्याधुनिक अस्पताल के संदर्भ में मंत्री ने पूरा रिपोर्ट तलब किया है। ताकि मानक के अनुसार उसे समय पर तैयार किया जा सकें। इसके बाद मंत्री ने प्रिंसिपल डॉ. पीके बारला के साथ मीटिंग कर पूरी समस्याओं से अवगत हुए। मंत्री ने कैंटीन व सफाई एजेंसी से संबंधित पूरी रिपोर्ट मांगी है। मीटिंग में डॉ. आरके मंधान, डॉ. वनिता सहाय, डॉ. उमाशंकर प्रसाद, डॉ. एनके सिन्हा सहित अन्य उपस्थित थे।
बगैर तामझाम पहुंचे मंत्री, छात्रों से पूछा- मैं कौन हूं?
स्वास्थ्य मंत्री एक सामान्य व्यक्ति की तरह एमजीएम कॉलेज का निरीक्षण करने पहुंचे। उनके साथ में न तो कोई काफिला था और न ही सुरक्षाकर्मियों की भीड़। सामान्य व्यक्ति की तरह ही वे पूरे कॉलेज में घूमते रहे और का निरीक्षण किया।
इसके बाद एमबीबीएस की कक्षा में पहुंच गए। वहां छात्राओं से पूछा - मैं कौन हूं? उनके इस सवाल पर अधिकतर छात्राएं तो स्वास्थ्य मंत्री को पहचान गई लेकिन कुछ छात्राएं भ्रम में भी रही। छात्राओं ने कहा-आप स्वास्थ्य मंत्री है। इसपर बन्ना गुप्ता ने कहा- मैं मंत्री की हैसियत से यहां नहीं आया हूं बल्कि सहकर्मी और आपका भाई बनकर आया हूं। आप मुझे यहां की समस्याओं के बारे में बताएं। इस दौरान मंत्री ने मौके पर मौजूद मीडियाकर्मियों को क्लास रूम से कुछ देर के लिए बाहर जाने को कहा, ताकि छात्र-छात्राएं खुलकर अपनी समस्याओं को रख सकें।
बताया जाता है कि क्लासरूम में मौजूद कुछ छात्राओं ने स्वास्थ्य मंत्री से यह भी शिकायत की कि प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर नियमित रूप से क्लास लेने नहीं आते। कभी-कभार आते और हाजिरी बनाकर चले जाते। इस वजह से उनका सिलेबस पूरा नहीं हो पाता। छात्राओं ने यह भी कहा कि शौचालय की स्थिति काफी खराब है। वहां सफाई रोजाना नहीं होती।