Move to Jagran APP

सरयू ने मुख्य सचिव से जमशेदपुर की समस्या हल करने का बनाया दबाव Jamshedpur News

जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय की झारखंड सरकार के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह के साथ बैठक हुई जिसमें उन्होंने जमशेदपुर की तमाम ज्वलंत समस्या हल करने के लिए दबाव बनाया। निर्णय हुआ कि बस्तियों को मालिकाना हक दिलाने पर जल्‍द काम शुरू होगा।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 15 Oct 2020 03:57 PM (IST)Updated: Fri, 16 Oct 2020 07:28 AM (IST)
सरयू ने मुख्य सचिव से जमशेदपुर की समस्या हल करने का बनाया दबाव Jamshedpur News
सरयू राय जमशेदपुर में मालिकाना को लेकर रेस हो गए है।

जमशेदपुर, जासं। जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय की झारखंड सरकार के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह के साथ बैठक हुई, जिसमें उन्होंने जमशेदपुर की तमाम ज्वलंत समस्या हल करने के लिए दबाव बनाया। सरयू ने बैठक में जमशेदपुर की बस्तियों को मालिकाना हक दिलाने के लिए कानून बनाने, केबुल कंपनी को नीलाम होने से बचाने के लिए पहल करने, असंवैधानिक जमशेदपुर अक्षेस की जगह वैधानिक नगर निगम अथवा औद्योगिक शहर बनाने, टाटा लीज नवीकरण समझौता की समीक्षा करने, शिकायत निवारण पदाधिकारी बनाने व कंपनियों के सीएसआर फंड के खर्चे का हिसाब लेने तथा जमशेदपुर की कंपनियों को जमशेदपुर में खर्च करने सहित अन्य कई मुद्दों पर गंभीर चर्चा हुई। इस बैठक में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव केके सोन भी इस बैठक में मौजूद थे।

loksabha election banner

निर्णय हुआ कि बस्तियों को मालिकाना हक दिलाने के मामले में राजस्व सचिव विभिन्न विकल्पों पर विचार करें और एक प्रस्ताव तैयार किया जाए। केबुल कंपनी को नीलामी से बचाने के लिए सरकार महाधिवक्ता से सलाह मांगेगी। इस बारे में पूर्वी सिंहभूम के उपयुक्त को शीघ्र एक प्रतिवेदन देने के बारे में स्मारित किया। विधानसभा में सरयू राय द्वारा प्रस्ताव पर केबुल कंपनी को पुनर्जीवित करने के लिए सरकार द्वारा दिए गए प्रस्ताव की प्रति विधानसभा से मंगाकर महाधिवक्ता को भेजी जाएगी। जमशेदपुर में नगर निगम या औद्योगिक शहर बनाने के बारे में नगर विकास विभाग तेजी से काम कर रहा है। सरकार शीघ्र ही निर्णय पर पहुंचेगी।

 टाटा लीज नवीकरण पर भी होगा ध्‍यान

टाटा लीज नवीकरण समझौता के अनुसार जमशेदपुर के नागरिकों को पानी, बिजली, सफाई, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पार्क आदि जन सुविधाएं टाटा स्टील को अपने खर्च पर मुहैया करानी है और इसके एवज में नागरिकों से उतना ही शुल्क वसूलना है जितना राज्य सरकार की नगर पालिकाएं वसूलती हैं। परंतु इस बारे में शिकायत निवारण पदाधिकारी का प्रावधान लीज समझौता मे नहीं है। एक शिकायत निवारण पदाधिकारी की घोषणा सरकार शीघ्र करेगी, ताकि यदि किसी भी व्यक्ति को कंपनी द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली जन सुविधा में शिकायत करनी हो तो कोई भी व्यक्ति शिकायत निवारण पदाधिकारी के पास जा सकेगा। सचिव ने आश्वस्त किया कि कंपनियों के सीएसआर फंड के उपयोग के बारे मे संबंधित पक्षों की एक बैठक बुलाकर समाधान किया जाएगा। सीएसआर फंड का उपयोग जमशेदपुर स्थित कंपनियों द्वारा जमशेदपुर के विकास के लिए खर्च किया जाना चाहिए। इस फंड से शहर में कंपनियों से निकलने वाले बड़े नालों को ढकने और स्वर्णरेखा नदी को स्वच्छ रखने के लिए नदी तट विकास योजना के प्रस्ताव पर बैठक में विचार हुआ।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.