Jharkhand : हेमंत सोरेन को सरयू की सलाह- खनन कंपनियों से करें कड़ाई से जुर्माना वसूली Jamshedpur News
JHarkhand Politics. आर्थिक तंगी से निपटने के लिए पूर्व मंत्री और निर्दलीय विधायक सरयू राय ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को खास सलाह दी है।
जमशेदपुर, जेएनएन। Jharkhand Politics पूर्व मंत्री व जमशेदपुर पूर्वी के निर्दलीय विधायक सरयू राय ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सलाह दी है कि कोयला कंपनियों पर बकाया राशि की मांग केंद्र सरकार से करें और लौह अयस्क के अवैध खनन के कसूरवार कंपनियों से कड़ाई से अर्थदंड वसूलें। ऐसा करने से सरकार की आर्थिक तंगी हद तक जाती रहेगी।
तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को हराकर देश स्तर पर सुर्खियां बने सरयू राय लगातार सरकार को सलाह देते ही रहते हैं।उन्होंने अपने ताजा ट्रवीट में कहा कि झारखंड का 45 हजार करोड़ रुपया से अधिक का बकाया केंद्र सरकार की कोयला कंपनियों पर है। वैश्विक संकट बनकर सामने खड़े कोरोना वायरस और इसके संक्रमण से बचाव के लिए लॉकडाउन की वजह से उत्पन्न संकट के समय में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बकाया राशि के इसके भुगतान की मांग प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से करनी चाहिए। एक अन्य ट्रवीट में सरयू ने लिखा- लौह अयस्क के अवैध खनन का करीब पांच हजार करोड़ रुपया का अर्थदंड मुख्यमंत्री को जनहित में खनन कंपनियों से कड़ाई कड़ाई से वसूलना चाहिए।
झारखंड का 45,000 करोड़ रू० से अधिक का बकाया केन्द्र सरकार की कोयला कंपनियों पर है. संकट के समय में @HemantSorenJMM को इसके भुगतान की माँग @narendramodi से करनी चाहिये. लौह अयस्क के अवैध खनन का क़रीब 5000 करोड़ रू० का अर्थदंड वे जनहित में खनन कम्पनियों से कड़ाई कड़ाई से वसूलें. — Saryu Roy (@roysaryu) May 14, 2020
वित्त प्रबंधन हो सही
सरयू राय का मानना है कि यदि झारखंड सरकार का वित्त प्रबंधन सही हो जाए और राज्य के वित्तीय-राजनीतिक-प्रशासनिक व्यवस्था की पेंदी में सरकार दर सरकार किया जाता रहा छेद बंद कर दिया जाए तो झारखंड को 'कोख में अमीरी और गोद में ग़रीबी' के विरोधाभासी कटु सत्य से छुटकारा दिलाना मुश्किल नहीं होगा।
सहायता पैकेज केा सरल बनाकर जमीन पर उतारें
सरयू राय ने एक अन्य ट्वीट में लॉकडाउन की वजह से उत्पन्न हालात से निपटने के लिए केंद्र सरकार के सहायता पैकेज को लेकर भी मुख्यमंत्री को सलाह दी है। सरयू का कहना है कि सहायता पैकेज क्लिष्ट है। मुख्यमंत्री को इसे इसे सरल बनाकर ज़मीन पर उतारना चाहिए।
बकाया भुगतान की वकालत
सरयू राय ने कहा है कि झारखंड में हो चुके काम का सात हजार करोड़ रुपया सरकार पर बकाया है। नहीं हुए काम को हुआ दिखाकर दस हजार करोड़ रुपया पीएल खाता में जमा है। इनका भुगतान हो जाने से ठेकेदार, मजदूर, सप्लायर और कर्ज लेने-देने वाले तक नगदी पहुंचेगी और बचा काम पूरा हो सकेगा।