NH 33 को बनाने की मांग पर धरना दे रहे सरयू राय, लड्डू बांट रहे बन्ना गुप्ता के समर्थक
Nh 33. रांची राष्ट्रीय उच्चपथ (एनएच-33) की हालत पारडीह चौक से डिमना चौक तक काफी खराब हो गई थी। इसकी मरम्मत के लिए भाजपा नेता विकास सिंह कई दिनों से आंदोलनरत थे। विकास की पहल पर बुधवार रात से एनएच पर पानी छिड़काव शुरू हुआ।
जमशेदपुर, जासं। टाटा- रांची राष्ट्रीय उच्चपथ (एनएच-33) की हालत पारडीह चौक से डिमना चौक तक काफी खराब हो गई थी। इसकी मरम्मत के लिए भाजपा नेता विकास सिंह कई दिनों से आंदोलनरत थे। विकास की पहल पर बुधवार रात से एनएच पर पानी छिड़काव शुरू हुआ। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकार (एनएचएआइ) के अधिकारियों ने विकास को आश्वासन दिया कि दो माह के अंदर इसकी मरम्मत कर दी जाएगी, गड्ढे भर दिए जाएंगे।
इसी बीच गुरुवार को आनन-फानन भारतीय जनता मोर्चा ने यहां धरना का कार्यक्रम तय कर दिया। गुरुवार को दोपहर करीब 12 बजे मोर्चा के विधायक सरयू राय बिग बाजार के पास धरना पर बैठ गए। उन्होंने एनएचएआइ को चेतावनी दी कि छठ के पहले सड़क की मरम्मत नहीं हुई, तो अंजाम के लिए तैयार रहें। इसी बीच सड़क पर कोलतार या अलकतरा बिछाकर रोड रोलर से सड़क को समतल किया जाने लगा। अभी सरयू राय का धरना समाप्त भी नहीं हुआ था कि स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के समर्थक एनएच पर लड्डू बांटने लगे। उनका कहना है कि मंत्री जी के कहने पर ही एनएच की मरम्मत हो रही है। उधर, भाजमो के कार्यकर्ता कह रहे हैं कि सरयू राय के डर से एनएचएआइ की रूह कांप गई, वरना अभी दो-तीन महीने कुछ नहीं होने वाला था।
श्रेय लेने की मची होड़
बहरहाल, भाजपा, कांग्रेस व भाजमो में एनएच मरम्मत का श्रेय लूटने की होड़ मच गई है। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि तीनों दलों या किसी एक के प्रयास से सड़क की मरम्मत हो गई है, तो अब तीनों इसी तरह ताकत लगाकर छह माह के अंदर एनएच का चौड़ीकरण भी करा दें। सांसद विद्युत वरण महतो इसके लिए राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से दर्जनों बार मिल चुके हैं। कई चिट्ठी लिख चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास भी कई बार इसकी अड़चन दूर करने के लिए अथक प्रयास कर चुके हैं, लेकिन यह सड़क नहीं बनी। टाटा से रांची तक की सड़क का तीन हिस्से में एनएचएआइ ने टेंडर किया, जिसके बाद बुंडू से रांची और गालूडीह से बहरागोड़ा तक की सड़क बन गई, लेकिन इसके बीच की सड़क पर कछुए की गति से काम चल रहा है। चूंकि पारडीह काली मंदिर से बालीगुमा या डिमना चौक तक सघन आवासीय इलाका है, इसलिए यहां ज्यादा खलबली मची है। तमाम राजनीतिक दल इसके लिए आंदोलन करते रहते हैं। करीब एक वर्ष बाद इस सड़क काे चलने लायक बनाया जा रहा है।