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Saraikela News: बिजली गिरने से घायल हुआ दंपत्ति, लेकिन गोद में बैठी बच्ची को खरोंच तक नहीं आई,

Saraikela News बीटा गांव के राकेश कुदादा ने शाम के समय आंधी तूफान व बारिश आते देख घर के बाहर रखा सामान अंदर करने लगा। दोनों पति पत्नी एवं छोटे से बच्चे लिए घर के दरवाजा के पास बैठे ही थी कि जोर से आवाज के साथ ठनका गिर गई।

By Madhukar KumarEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 03:46 PM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 03:46 PM (IST)
Saraikela News: बिजली गिरने से घायल हुआ दंपत्ति, लेकिन गोद में बैठी बच्ची को खरोंच तक नहीं आई,
Saraikela News: आसमानी बिजली गिरने से घायल हुआ दंपत्ति.

सरायकेला, जासं। सरायकेला खरसावां के राजनगर थाना क्षेत्र के पोटका पंचायत अंतर्गत बीटा गांव मे बीते रविवार की शाम को ठनका गिरने से राकेश कुदादा एवं उनकी पत्नी बाल बाल बच गए। राकेश कुदादा एवं शुकुरमनी कुदादा गंभीर रूप से घायल हो गए। हलांकि शुकुरमनी कुदादा के गोद में बैठी छोटे से बच्चे को खरोंच तक नहीं आई। दोनों घायल दम्पति को तुरंत स्थानीय डॉक्टर से इलाज करवाया गया। दोनों अब ठीक है। मिली जानकारी के अनुसार बीटा गांव के राकेश कुदादा ने शाम के समय आंधी तूफान व बारिश आते देख घर के बाहर रखा सामान अंदर करने लगा। इसके पश्चात दोनों पति पत्नी एवं छोटे से बच्चे लिए घर के दरवाजा के पास बैठे ही थी कि जोर से आवाज के साथ ठनका गिर गई। ठनका गिरने से राकेश कुदादा एवं उनकी पत्नी शुकुरमनी कुदादा हल्का झुलस गए, जिससे दोनों दम्पति मामूली रूप से घायल हो गए। आस पास के ग्रामीणों को ठनका गिरने की जानकारी मिलते ही आकर देखा कि राकेश कुदादा एवं उनकी पत्नी घायल हुए हैं। घायल आवस्था मे तुरंत इलाज के लिए डॉक्टर के पास ले गए। इलाज के बाद अभी ठीक है। हलांकि ठनका गिरने के बाद शुकुरमनी कुदादा के गोद में लिए छोटे से बच्चे को खरोंच तक नहीं आयी।

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अभी भी पेंशन से वंचित हैं बुजुर्ग

सरायकेला, जासं। आपका अधिकार आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम की सफलता को लेकर सरकार ने पिछले दिनों अपनी पीठ खूब थपथपाई, लेकिन शिविर में आवेदन देने के बाद भी कई बुजुर्ग पेंशन आज भी योजना से वंचित रह हैं। ऐसा ही एक मामला राजनगर पंचायत के राजनगर गांव की है। जहां उम्र के 70वें पड़ाव पर पहुंचने के बाद भी बुधनी देवी वृद्धाअवस्था पेंशन से वंचित हैं। वे सरकार से पेंशन देने की गुहार लगा रही हैं, बुधनी देवी अपनी किस्मत को कोसती हैं कि आखिर उनकी क्या गलती है? क्या जीवन के अंतिम पड़ाव में भी उन्हें सरकार से पेंशन का लाभ नहीं मिल पायेगा? जब अपने से कम उम्र के बुजुर्गों को पेंशन मिलता देखती है तो बुधनी देवी अपनी बदकिस्मती पर रो पड़ती हैं। आखिरआधार कार्ड में लगभग 70 साल होने के बाद भी उनकी पेंशन स्वीकृत क्यों नहीं हो रही है। बुधनी के छोटे भाई सुभाष महतो कहते हैं, दीदी के पेंशन के लिए काफी बार आवेदन दिया, सीओ बीडीओ के यहां चक्कर काटा लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। सरकार का शिविर में भी आवेदन दिया था, बाद में पता चला कि पंचायत सेवक या किसी पदाधिकारी का हस्ताक्षर छूट गया था। ऐसा बताया गया। इसके बाद आवेदन के बारे में पूछने पर कोई सटीक जवाब नहीं दिया जा रहा। आखिर सरकार सभी बुजुर्गों को पेंशन से जोड़ने की बात कर रही तो फिर एक सत्तर वर्ष की बुजुर्ग के साथ नाइंसाफी क्यों? दीदी के पेंशन को लेकर जल्द ही उपायुक्त से शिकायत करेंगे।


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