संताली गायक मासांग का निधन, आइस्फा ने दी श्रद्धांजलि Jamshedpur News
लगभग बीस फिल्म और सौ से अधिक अल्बम में गाना गाने वाले मासांग 48 वर्ष की उम्र में ही इस दुनिया को अलविदा कह गए।
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। बीते तीस वर्षों से संताली सिनेमा जगत में धूम मचाने वाले मासांग हांसदा का निधन बीती रात तबीयत बिगडऩे के बाद हो गया। उन्होंने मुसाबनी स्थित अपने पैतृक गांव बनालोपा में अंतिम सांस ली। वे अपने पीछे पत्नी और एक पुत्र छोड़ गए। लगभग बीस फिल्म और सौ से अधिक अल्बम में गाना गाने वाले मासांग 48 वर्ष की उम्र में ही इस दुनिया को अलविदा कह गए।
ऑल इंडिया संताली फिल्म एसोसिएशन ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। एसोसिएशन ने श्रद्धांजलि सभा कर उन्हें और उनके गायिकी को नमन किया। मौके पर आइस्फा के अध्यक्ष रमेश हांसदा ने कहा कि मासांग ने तीस वर्षो तक संताली संगीत जगत मे एक तरफा अधिकार जमा कर रखा था। उनके निधन से संताली फिल्म जगत में गायिकी का एक स्थान रिक्त हो गया।
चुनू फिल्म की खोज थे मासांग
चुनू फिल्म ने 1989 में बोयहा माया फिल्म का निर्माण किया था। निर्माता को फिल्म के लिए गायक की तलाश थी। जिसके बाद मासांग के रूप में संताली सिने जगत को गायक मिला जो आगे जाकर गायिकी में प्रसिद्ध हुआ। मासांग ने लगातार एक साल तक जमशेदपुर में दसरथ हांसदा के घर में रहकर पीएन कलुंडिया के संरक्षण मे संगीत की बारीकियां सीखीं। उन्होंने बोयहा माया, सागेन, खेरवाल जुमिड आदि फिल्मों में सुपर हिट गाने गाकर प्रसिद्धी पाई। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। लवडिया, झूड उमूल जैसे सुपर हिट अल्बम में भी गीत गाए।