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बेडरूम में पटाखे फोड़ देते थे सीनियर्स

जमशेदपुर एफसी के संजय बलमुचू ने टीएफए में बिताए पल को किया याद जागरण संवाददाता, जमशेदपुर :

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Jul 2018 07:31 PM (IST)Updated: Mon, 30 Jul 2018 07:31 PM (IST)
बेडरूम में पटाखे फोड़ देते थे सीनियर्स
बेडरूम में पटाखे फोड़ देते थे सीनियर्स

जमशेदपुर एफसी के संजय बलमुचू ने टीएफए में बिताए पल को किया याद

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जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : जमशेदपुर एफसी ने स्थानीय सितारा संजय बलमुचू को आधिकारिक रूप से अपनी टीम में तीन साल के लिए शामिल किया है। संजय सेंटर बैक व डिफेंसिव मिडफील्डर के माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं। टाटा फुटबॉल अकादमी के पूर्व प्रशिक्षु संजय आइ लीग व आइएसएल (इंडियन सुपर लीग) के कई प्रतिष्ठित क्लबों का प्रतिनिधित्व किया है। उन्होंने आइ लीग में चर्चिल ब्रदर्स के साथ कॅरियर की शुरुआत की। बाद में मोहम्मडन स्पोर्टिग व मोहन बागान की ओर से भी खेलने का मौका मिला। चेन्नइयन एफसी में जाने से पहले एफसी गोवा की ओर से खेले।

संजय बलमुचू सोमवार को जेआरडी टाटा स्पो‌र्ट्स कांप्लेक्स में मीडिया से रूबरू हुए। टीएफए में 2008-12 बैच के प्रशिक्षु रहे संजय आज भी अकादमी में बिताए पुराने दिनों को याद करते हैं। उन्होंने बताया कि अकादमी में सीनियर खिलाड़ी अपने जूनियरों को किसी छोटे भाई से कम नहीं मानते थे। ठीक उसी तरह जूनियर भी सीनियरों को काफी सम्मान किया करते थे। एक बार की बात है। आधी रात को सीनियर खिलाड़ियों को उनके बेड के नीचे पटाखा फोड़ दिया। पटाखे की धमाके से तो होश ही उड़ गया। मैं बेड पर ही उछल पड़ा। एकबारगी कुछ समझ नहीं पाया, क्या हुआ। हालत पतली हो गई थी। तभी रूम के बाहर सीनियरों के हंसने की आवाज आई। तब लगा, मेरे साथ उन्होंने मजाक किया है। हालांकि इस हरकत के लिए उन्हें प्रशिक्षकों से डांट भी खानी पड़ी थी। एक बार वार्डेन प्रदीप कुमार पॉल की बाइक को छुपा दिया। पॉल दा को लगा कि उनकी बाइक चोरी हो गई है। वह काफी परेशान रहे, पसीने से तर ब तर। उनकी परेशानी देख हम सभी साथी रूम में बैठकर हंस रहे थे। विनयी स्वभाव के पॉल दा को बाद में उनकी बाइक वापस कर दी गई।

संजय बलमुचू ने कहा कि झारखंड में जमशेदपुर एफसी जैसी पेशेवर टीम होने से राज्य के फुटबॉलरों को काफी फायदा होगा। आप देख रहे हैं कि जमशेदपुर एफसी रिज‌र्व्स टीम में कई स्थानीय खिलाड़ियों को स्थान दिया गया है, वहीं सीनियर टीम में भी गौरव मुखी और मुझे लिया गया है।

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चाईबासा से 70 किलोमीटर दूर ग्रामीण इलाका छोटा लुंटी गांव के रहने वाले संजय बलमुचू नोवामुंडी में मामा मंगल जोंको के घर रहकर फुटबॉल सीखा। वहां टाटा स्टील का फीडर सेंटर में नामांकन लिया। आज से छह साल पहले संजय के माता लक्ष्मी बलमुचू व पिता दिलीप बलमुचू ठेका मजदूर हुआ करते थे।


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