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दलमा के कर्मचारियों का आठ माह से नहीं मिला वेतन, त्यौहार में छाई है मायूसी Jamshedpur Neus

हाथियों के लिए संरक्षित दलमा वन्यप्राणी आश्रयणी में काम करने वाजे मजदूरों को बीते सात माह से वेतन नहीं मिला है। कर्मचारियों को खाने-पीने पर आफत आ पड़ी है कर्मचारियों को वेतन के रुप में 22 लाख रुपये से अधिक का भुगतान करना है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 24 Oct 2020 02:28 PM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 09:04 AM (IST)
दलमा के कर्मचारियों का आठ माह से नहीं मिला वेतन, त्यौहार में छाई है मायूसी  Jamshedpur Neus
दलमा वन्यप्राणी आश्रयणी में काम करने वाजे मजदूरों को बीते सात माह से वेतन नहीं मिला है।

जमशेदपुर, जासं। हाथियों के लिए संरक्षित दलमा वन्यप्राणी आश्रयणी में काम करने वाजे मजदूरों को बीते सात माह से वेतन नहीं मिला है। इसका परिणाम यह हो रहा है कि कर्मचारियों को खाने-पीने पर आफत आ पड़ी है। कर्मचारियों को वेतन के रुप में 22 लाख रुपये से अधिक का भुगतान करना है।

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इसके अलावा दलमा के मकुलाकोचा में 77 से अधिक हिरण व दो पालतू हाथियों के चारा के मद में 12 लाख रुपये की उधारी दुकानदारों की हो गयी है। अब दुकानदारों ने चारा देने से मना कर दिया है। प्रतिदिन मजदूरों का जमावड़ा डीएफओ व रेंजर के कार्यालय में वेतन के लिए आते हैं और बैरंग वापस लौट जाते हैं। 

गाड़ी बंधक रखा, लेकिन नहीं बचा पाया पत्नी की जान 

दलमा के पालतू हाथियों की देखरेख करने वाले महावत रवि सिंह की पत्नी का देहांत पैसा के अभाव में सही से इलाज नहीं कराने के कारण अगस्त 2020 में हो गया। दैनिक जागरण से बातचीत करते हुए महावत रवि सिंह ने बताया कि पत्नी भी काम करती थी, लेकिन उसे जौंडिस (पीलिया) हो गया। इलाज कराने के लिए पैसे नहीं थे। जब देखा कि अब कहीं से पैसे नहीं मिलेंगे तब उन्होंने अपनी मोटरसाइिकल बिक्री कर दी। इसके बाद एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया। इसके बाद रेंजर साहब ने 7 हजार रुपये दिए। इसके बावजूद मैं अपनी पत्नी को नहीं बचा पाए। 

 इसकी भी  कहानी है दुखद

इसी तरह भंवर पहाड़िया व चामू पहाड़िया ने बताया कि अब तो दुकानदार उधार में राशन नहीं दे रहे तो दूसरे दुकान से उधार लेने लगे। सृष्टीधर महतो, भीष्म सिंह आदि मजदूरों ने बताया कि सात माह से वेतन नहीं मिला है अब तो चारों ओर हर दुकान में उधार हो गया है, अब दुकानदार भी उधार देना बंद कर दिया है।

12 लाख से अधिक हाथी, हिरण का चारा का हो गया है उधार 

दलमा के मकुलाकोचा में मृग प्रजनन केंद्र हैं जहां हिरणों को प्रतिदिन भोजन के रूप में चोकर, मकई, दर्रा, राहड़ चुन्नी, पुआल कुट्टी, कैटल फीड आदि दिया जाता है। बड़ी मात्रा में हिरणों का भोजन आने के बाद अब दुकानदारों का 12 लाख रुपये से अधिक का बकाया हो गया है। अब दुकानदारों ने हिरणों का चारा और उधार देने में अनाकानी कर रहे हैं। दलमा के मकुलाकोचा प्रवेश द्वार पर सैलानियों का आकर्षण का केंद्र बने पालतू हाथियों के लिए हरा मकई, गन्ना व केला, लौकी में भी पैसा के अभाव में कमी कर दी गयी है। दलमा के रेंजर दिनेश चंद्रा कहते हैं कि पेट्रोल पंप का भी लाखों का बकाया हो गया है। ऐसी स्थिति में काम करना मुश्किल हो गया है।  

राशि नहीं मिली तो उत्पन्न हो जाएगी भुखमरी की समस्या : डीएफओ 

दलमा वन्यप्राणी आश्रयणी के कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलने से उनके बीच भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गयी है। मजदूरों के बीच रोष है। इस संबंध में विभाग के उच्चाधिकारी को पत्र लिखा गया है। जिसमें कहा गया है कि मजदूरों को जल्द ही वेतन का भुगतान नहीं किया गया तो इस वित्तीय वर्ष के अग्रिम कार्य कराने में कठिनाई हो जाएगी। दुर्गापूजा, दीपावली व अन्य त्यौहार सामने है। ऐसी स्थिति में लंबित मजदूरों का भुगतान अति आवश्यक है। अन्यथा कभी भी कोई दुर्घटना घट सकती है। 

- डा. अभिषेक कुमार, उप वन संरक्षक एवं क्षेत्र निदेशक, गज परियोजना, जमशेदपुर


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