छोटे साहब बन गए राजा
जमशेदपुर से सटे सरायकेला-खरसावां जिले के बड़े साहब यानी डीसी प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए बाह
जमशेदपुर से सटे सरायकेला-खरसावां जिले के बड़े साहब यानी डीसी प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए बाहर चले गए। उन्होंने अपना प्रभार डीडीसी संजय कुमार को दे दिया। डीसी के जाने के बाद डीडीसी के मन में डीसी यानी राजा बनने की इच्छा प्रबल हो गयी। वे आनन-फानन में डीसी की कुर्सी पर बैठ गए। उन्हें कुर्सी पर बैठने से भी शांति नहीं मिली। इसके बाद साहब ने डीसी के नाम से अपना नेम प्लेट भी बनवा कर लगा लिया। इसके बाद तो डीसी कार्यालय में लोग आकर देखने लगे। किसी को सहसा विश्वास नहीं हो रहा था कि ऐसा भी हो सकता है। कर्मचारी से लेकर अधिकारी व मिलने वाले आगंतुक तक उन्हें देख-देखकर घूरने लगे। डीसी प्रशिक्षण से नहीं लौटे हैं, लेकिन उनके कान में यह खबर पहुंच गयी। इससे वह चौंके और सच्चाई जानने के लिए करीबियों से पूछताछ की। सच्चाई का पता चलते ही भौंचक रह गए।
.. और फूंक दिए लाखों रुपये
बाघ आया, बाघ आया, बस इस दहशत को दूर करने के लिए ही डीएफओ साहब अपना सब काम छोड़कर अपने रेंजरों के साथ बाघ को खोजने में ही लाखों रुपये फूंक डाले। लगभग एक माह तक अदृश्य बाघ ने घाटशिला व दलमा के कई गांवों के लोगों के बीच दहशत कायम रखा। इसमें सबसे बड़ा योगदान वनकर्मियों का ही रहा, जिन्होंने खुद बाघ को आंखों से देखने की बात कही। जमशेदपुर, रांची ही नहीं देश की राजधानी दिल्ली तक बाघ की धमक पहुंच गयी। बाघ को खोजने के लिए पूरा तंत्र लगा दिया गया। लेकिन, कहीं सुराग नहीं मिला। अलबत्ता बाघ के नाम पर मारे गए मवेशी के मालिकों को मुआवजा और इलाज कराया गया। इस संबंध में जब डीएफओ डा. अभिषेक कुमार से पूछा गया तो उनका कहना है कि बाघ की सूचना पश्चिम बंगाल के डीएफओ ने दी थी। उन्हीं की सूचना पर उन्होंने खोजबीन शुरू की थी।
ट्वीट पर टकटकी और दिल..
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस समय ट्वीट पर अफसरों को टास्क दे रहे हैं। इसलिए यहां सभी अधिकारी मोबाइल की ओर टकटकी लगाए रहते हैं। जैसे ही टास्क मिलता है दिल की धड़कन बढ़ जाती है। टास्क पूरा करने के लिए अधिकारी रेस हो जाते हैं। अपने अधीन काम करने वाले पदाधिकारियों को रेस करने में जुट जाते हैं। मुख्यमंत्री के ट्वीट का तत्काल लाभ मिलता भी दिख रहा। मुख्यमंत्री कहते हैं कि ट्वीट करने का सुखद परिणाम मिल रहा। जनता के हित में है। विपक्ष आरोप लगा रहा कि सरकार तो ट्वीट से चल रही। पूर्व मंत्री व जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय भी ट्वीट पर ही अपनी बात कह रहे हैं। मुख्यमंत्री से लेकर अधिकारी तक संज्ञान ले रहे हैं। पिछले दिनों जमशेदपुर में कचरे का अंबार लगा था, सूचना ट्वीट होते ही मुख्यमंत्री ने तत्काल जमशेदपुर के उपायुक्त को समस्या दूर कर सूचित करने का निर्देश दिया।
जाम से दिल को सुकून
मानगो पुल पर जाम की समस्या के बाद अब शहर की हृदयस्थली साकची में जाम की समस्या गंभीर हो गई है। निजात दिलाने के लिए जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति की उड़नदस्ता टीम लगातार अभियान चला रही थी। इसे देख फुटपाथ पर दुकान लगाने वाले दुकानदार डर जाते थे। दुकान लेकर इधर-उधर भागने लगते थे। आम जनता राहत महसूस कर रही थी। इसी बीच कुछ दुकानदारों ने इसकी सूचना स्वास्थ्य मंत्री सह विधायक बन्ना गुप्ता को दे दी। मंत्री मौके पर पहुंच गए। अक्षेस कर्मचारियों को फटकार लगाने लगे। फटकार सुनने के बाद कर्मचारी वहां से निकल लिए। इसके बाद फुटपाथ पर दुकानें दोबारा सजने लगीं। दुकानें सजने से मंत्रीजी के दिल में सुकून मिला। दुकानदारों ने भी राहत की सांस ली। आज स्थिति यह कि साकची गोलचक्कर के फुटपाथ व बाजार की सड़कों पर दुकानें ही दुकानें हैं। इसे देखने के बावजूद जमशेदपुर अक्षेस कार्रवाई करती है ना ही थानेदार।