Move to Jagran APP

181 मीटर से ज्यादा पानी छोड़ा तो सीएस पर करेंगे केस : साधु

संवाद सूत्र, आदित्यपुर : बरसात के दौरान चांडिल डैम से 181 मीटर से ज्यादा पानी छोड़ा गया तो भाजप

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Jun 2018 08:14 PM (IST)Updated: Thu, 14 Jun 2018 08:14 PM (IST)
181 मीटर से ज्यादा पानी छोड़ा तो सीएस पर करेंगे केस : साधु
181 मीटर से ज्यादा पानी छोड़ा तो सीएस पर करेंगे केस : साधु

संवाद सूत्र, आदित्यपुर : बरसात के दौरान चांडिल डैम से 181 मीटर से ज्यादा पानी छोड़ा गया तो भाजपा विधायक साधु चरण महतो मुख्य सचिव पर मुकदमा दर्ज कराएंगे। गुरुवार को विधायक ने अपने आवास पर इस बाबत संवाददाता सम्मेलन कर जानकारी दी। विधायक ने कहा कि 181 मीटर से एक इंच भी ज्यादा पानी छोड़ा गया तो वे मुख्य सचिव के साथ-साथ सचिव, प्रशासक, मुख्य अभियंता, कार्यपालक अभियंता समेत तमाम प्रशासनिक पदाधिकारियों पर ईचागढ, कुकडू समेत अलग-अलग थानों में मामला दर्ज कराएंगे। इसके साथ ही विधानसभा में स्वर्णरेखा परियोजना के पदाधिकारियों की संपत्ति की जांच सीबीआइ से कराने की मांग उठाएंगे।

loksabha election banner

विधायक ने आरोप लगाया कि बीते एक वर्ष के दौरान परियोजना के द्वारा डैम के विस्थापितों को मुआवजे का भुगतान नहीं किया गया है, बावजूद विभाग के द्वारा विस्थापितों को घर खाली करने के लिए कहा जा रहा है।

-------

डूब क्षेत्र खतरे में

दरअसल इस बार विभाग के द्वारा डैम में 185 मीटर पानी भंडारण करने की योजना बनाई गई है। जिसके कारण अगल-बगल के सैकड़ों गांव डूब क्षेत्र में आ गए हैं। साधु महतो ने कहा कि ने कहा कि जबतक कुजू डैम से गंजिया बराज और गंजिया से चांडिल डैम का काम पूरा नहीं होगा। तबतक 185 मीटर पानी भंडारण करके विभाग क्या करेगा। कुजू डैम का अभी तक निविदा तक नही किया गया है। विधायक ने कहा कि प्रशासक दोबारा जन्म ले लेंगे तो भी कुजू डैम नहीं बनेगा। कुजू डैम बनने से 86 गांव विस्थापित होंगे।

--

केंद्र सरकार का आदेश पांट वर्ष में होगा दोबारा भूअर्जन: विधायक ने कहा कि केंद्र सरकार व सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि यदि पांच वर्ष में योजना पूर्ण नहीं होगी तो दोबारा जमीन का भूअर्जन व सेटलमेंट करना होता है। जबकि परियोजना 1978 में शुरू हुआ। इसमें अबतक करीब नौ हजार करोड़ खर्च हो चुके हैं। दुर्भाग्य की बात है कि विभाग के द्वारा अबतक इसे पूर्ण नहीं किया जा सका है।

---

चांडिल के नौ गांव को अबतक नही मिला मुआवजा :

चांडिल के नौ गांव पूर्ण रूप से डूब क्षेत्र में आते हैं। उन गांवों को अबतक मुआवजा नहीं मिला है। वहीं 185 मीटर पानी भंडारण करने पर 50 गांव डूंबेंगें, ऐसे में उनका भुगतान कैसे होगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.