आकिब, शाहिद जैसों के लिए बहुत खास है दुर्गापूजा
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : आधी रात के बाद बढ़ी ठिठुरन में सिर से लेकर पूरे शरीर को चाद
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : आधी रात के बाद बढ़ी ठिठुरन में सिर से लेकर पूरे शरीर को चादर में लपेटे आकिब (12) के लिए दुर्गापूजा बहुत खास है। टेल्को के सबुज कल्याण संघ पूजा पंडाल के बाहर मैदान में लगे मेले में एक ढलान पर प्लास्टिक के खिलौने सजाए बैठा आकिब पंडाल की ओर जाते-आते ग्राहकों को देख रहा था कि कोई उसके जैसा बच्चा आए और खिलौने खरीदे तो काम बने। तस्वीर खींचने पर चौंक उठने के बाद पूछने पर उसने बताया कि वह जुगसलाई में रहता है। प्लास्टिक शीट बिछाकर प्लास्टिक के लिए खिलौने बेच रहा है। लिपटी हुई चादर में हरकत होने पर पता चलता है कि उसने अपनी गोद में छोटे भाई को सुला रखा है। मकसद सिर्फ यह कि भीड़ में ज्यादा से ज्यादा खिलौने बिक जाएं। दोपहर से बैठे-बैठे उसे नींद भी आ रही थी, लेकिन भीड़ की चहलकदमी में चौकन्ना होकर आस भरी निगाहों से ग्राहकों को निहारता रहा।
आकिब ही नहीं, सबुज कल्याण संघ के मेले में शाहिद, रॉबिन जैसे कई कम उम्र के लड़के अपनी दुकानों को सजाए बैठे मेला में आये लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते नजर आए। पंडाल के ठीक बाहर मैदान में नीचे ही लाइटिंग वाले खिलौने सजाए बैठा शाहिद भी जुगसलाई से आकर खिलौने बेच रहा था। इसी तरह बिहारशरीफ से इस मेले में पहुंचा अजय लाइटिंग वाले खिलौने को लगातार चालू रखते हुए अपने खिलौनों की मार्केटिंग बखूबी कर रहा था।
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लुभा रही मथुरा से आए रॉबिन की आर्टिफिशियल गहनों की दुकान
मेले में पीछे की ओर आर्टिफिशियल गहनों की चमक लोगों का ध्यान बरबस खींचती नजर आई। 10-11 साल के रॉबिन की ग्राहकों को डील करने की निपुणता से साफ जाहिर हो रहा था कि दुकानदारी में अनाड़ी नहीं है।
उसने बताया कि नेकलेस, टॉप्स, इयर¨रग्स आदि की दुकान यहां हर साल लगती है। वह मथुरा से आया है। दुकान में ज्यादातर उसका बड़ा भाई बैठता है। वह तो सिर्फ साथ में आ गया। ओडिशा, भुवनेश्वर, कटक आदि में लगने वाले मेलों में वे लोग अपनी दुकान लगाते रहते हैं। पढ़ाई के बारे में कहा कि पांचवी कक्षा में पढ़ता हूं जी, अभी तो टाइम नहीं मिलता, लेकिन पढ़ाई भी पूरी करूंगा।