अब हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : टेल्को वर्कर्स यूनियन विवाद मामले में अब 18 मई को उच्चतम न्यायालय में अग
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : टेल्को वर्कर्स यूनियन विवाद मामले में अब 18 मई को उच्चतम न्यायालय में अगली सुनवाई होगी। उससे एक दिन पूर्व झारखंड हाई कोर्ट में 17 मई को इस मामले की सुनवाई होगी। हाईकोर्ट में जो भी फैसला 17 को होगा उसी के आधार पर सुप्रीम कोर्ट 18 मई को अपनी अंतिम मुहर लगाएगी।
दरअसल प्रकाश कुमार ने झारखंड हाईकोर्ट के डबल बेंच द्वारा यूनियन चुनाव पर रोक लगाने वाली याचिका को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है। सोमवार को टेल्को वर्कर्स यूनियन के महामंत्री प्रकाश कुमार की याचिका पर जस्टिस कुरियन जॉसफ व मोहन एम संतानागौदर की खंडपीठ ने सुनवाई की। इसमें टाटा मोटर्स प्रबंधन के अलावा यूनियन नेता सहित कुल 11 प्राइवेट प्रतिवादी ने हिस्सा लिया। केस टेकअप होते ही गुरमीत सिंह की ओर से पक्ष रख रहे वरीय अधिवक्ता ने कहा कि मामले की सुनवाई जब हाई कोर्ट में हो रही है और 17 मई को अगली सुनवाई की तिथि भी निर्धारित है तो फि र इसमें सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने का क्या मतलब है। इस पर प्रकाश कुमार के अधिवक्ता ने आपत्ति जताते हुए कहा कि हाई कोर्ट में सुनवाई को कई प्रयास किये गए है परंतु हमें निराशा ही हाथ लगी है और अंतरिम आदेश की आड़ में टेल्को यूनियन को ही खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। जिस पर कोर्ट ने पूछा कि वर्तमान में क्या हालात हैं, इसपर प्रकाश कुमार के अधिवक्ता ने कहा कि वर्तमान में कोई वैध यूनियन कार्य नहीं कर रही जिसका लाभ एक अवैध यूनियन उठा रही है। प्रबंधन की ओर से पक्ष रख रहे भारत के पूर्व एटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि हमें यूनियन के आतरिक मामले से कोई लेना देना नहीं है, केवल इतना कहना है कि जिस यूनियन का निबंधन ही रद हो गया है उसका क्या होगा। पहले उच्च न्यायलय में मामला का निपटारा होने के बाद ही उच्चतम न्यायालय में इसे पहुंचाना चाहिए। इसपर कोर्ट ने यह कहते हुए आदेश जारी किया कि 17 मई नजदीक ही है अतएव उच्च न्यायलय में प्रकाश कुमार द्वारा फ ाइल स्टे वेकेटिंग (इंटरलोकेटिंग अप्लिकेशन) पर निर्णय करें उसके बाद जो भी निर्णय होगा उस पर 18 को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर निर्णय पारित करेगी। हालांकि गुरमीत सिंह के अधिवक्ता ने कहा कि 17 के आदेश के बाद इन्हें फ्रे श फ ाइलिंग के लिये कहा जाए, परंतु उनकी दलील को कोर्ट ने नहीं माना और 17 के निर्णय पर 18 को सुनवाई की तिथि मुकर्रर कर दी।
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फरवरी-18 में सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई थी याचिका
प्रकाश कुमार ने बताया कि हाई कोर्ट के डबल बेंच के रवैये से परेशान होकर उन्होंने फरवरी 2018 में सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट के डबल बेंच में दो-तीन तिथि मुकर्रर हुई थी लेकिन सुनवाई नहीं हो सकी। सुनवाई में विलंब होने की वजह से ही उन्होंने दिल्ली का रास्ता अख्तियार किया।
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हाई कोर्ट के डबल बेंच ने चुनाव पर लगायी थी रोक
अगस्त 2017 में हाई कोर्ट ने टेल्को वर्कर्स यूनियन के चुनाव पर रोक लगाते हुए यूनियन के तीनों खातों को फ्रीज कर दिया था। फिर 23 अगस्त 2017 को विजय भूषण मिश्रा ने एकलपीठ के उस आदेश को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की थी जिसमें एकलपीठ ने चार अगस्त 2017 को टेल्को यूनियन का चुनाव आठ सप्ताह में कराने का निर्देश दिया था। कंपनी कर्मचारी संदीप कुमार सिंह ने 23 अगस्त को ही यह कहते हुए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है कि मई 2017 में बिहार सरकार द्वारा टेल्को यूनियन का निबंधन रद कर दिया गया है। यूनियन विवाद में यूनियन के पैसे का दुरुपयोग हो सकता है।