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329 मोबाइल अस्पताल खुलेंगे, 10000 कर्मियों की होगी भर्ती

स्वास्थ्य महकमे में तैनात संविदा कर्मियों को बहाली में प्राथमिकता दी जाएगी। उन्हें साक्षात्कार में अलग से 25 नंबर दिए जाएंगे।

By Sachin MishraEdited By: Published: Mon, 29 May 2017 02:17 PM (IST)Updated: Mon, 29 May 2017 04:47 PM (IST)
329 मोबाइल अस्पताल खुलेंगे, 10000 कर्मियों की होगी भर्ती
329 मोबाइल अस्पताल खुलेंगे, 10000 कर्मियों की होगी भर्ती

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। झारखंड के लोगों की सेहत का ख्याल रखने के लिए प्रदेश में 329 मोबाइल अस्पताल खुलेंगे। पूर्वी सिंहभूम में 35 मोबाइल अस्पताल खोले जाएंगे। ये अस्पताल एंबुलेंस में होंगे। एंबुलेंस में ही फोन, डाक्टर, दवाएं और इलाज के अन्य उपकरण होंगे। इसके अलावा, सरकार 10 हजार कर्मियों की भर्ती करेगी। इनमें टेक्नीशियन, स्टाफ नर्स, फार्मासिस्ट आदि की भर्ती होगी।

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साइंस से इंटर पास छात्र-छात्रओं को तीन साल की ट्रेनिंग देकर मिनी डाक्टर बनाने के बाद गांवों के अस्पतालों में तैनात किया जाएगा। यह बातें प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने जमशेदपुर सर्किट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए कहीं। वह चाकुलिया में स्वास्थ्य मेला संपन्न होने के बाद रांची जाने के क्रम में जमशेदपुर आए थे।

उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की। इसके बाद पत्रकारों को बताया कि स्वास्थ्य महकमे में तैनात संविदा कर्मियों को बहाली में प्राथमिकता दी जाएगी। उन्हें साक्षात्कार में अलग से 25 नंबर दिए जाएंगे। मिनी डाक्टर के लिए इंटर पास छात्रों की ट्रेनिंग शुरू हो गई है। ऐसे 60 मिनी डाक्टर ट्रेनिंग ले रहे हैं। मंत्री ने कहा कि अब अस्पतालों में दवा की कमी नहीं होगी।

दवा खरीदने का टेंडर हो गया है। मंत्री ने बताया कि असाध्य रोग योजना के तहत 72 हजार रुपये तक सालाना आमदनी वाले गरीबों का मुफ्त इलाज हो रहा है। यही नहीं हादसे में अंग-भंग होने पर एक लाख रुपये और मौत होने पर दो लाख रुपये का मुआवजा मिल रहा है। गरीबी रेखा से ऊपर के लिए भी स्वास्थ्य बीमा है। 500 रुपये जमा करने पर दो लाख रुपये तक के इलाज की सुविधा है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ के सर्वे में स्वास्थ्य सेवाओं में झारखंड की बेहतर स्थिति है।

आठ एंबुलेंस एनएच-33 पर रहेंगी तैनात:

मंत्री ने कहा आठ मोबाइल एंबुलेंस एनएच-33 पर तैनात होंगी जो हादसे के घायलों का इलाज करेंगी। एंबुलेंस में फोन से लेकर दवा, डॉक्टर और तमाम तरह की मशीनें मौजूद होंगी। जरूरतमंद फोन कर इस मोबाइल अस्पताल का फायदा ले सकते हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जितने भी सामुदायिक केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और स्वास्थ्य उपकेंद्र बनकर तैयार हो चुके हैं वहां उपकरण और मशीनों के लिए टेंडर किया जा चुका है। अस्पतालों की साज-सज्जा होने के बाद यहां डाक्टर और नर्स की तैनाती कर दी जाएगी। 

हजारीबाग, दुमका व पलामू में डेढ़ साल में मेडिकल कॉलेज

मंत्री ने बताया कि हजारीबाग, दुमका और पलामू में डेढ़ साल के अंदर मेडिकल कॉलेज तैयार हो जाएगा। यह मेडिकल कॉलेज 900 करोड़ रुपये की लागत से खुल रहे हैं। एक मेडिकल कॉलेज पर 300 करोड़ रुपये का खर्च आ रहा है। यही नहीं बोकारो, चाईबासा और कोडरमा में भी मेडिकल कॉलेज के लिए जमीन चिह्नित कर ली गई है और डीपीआर तैयार हो रहा है।

तीन साल में बन जाएगा एम्स

मंत्री ने बताया कि देवघर में एम्स की इमारत तीन साल में तैयार हो जाएगी। इसके लिए जमीन का सीमांकन हो चुका है। जमीन स्वास्थ्य विभाग को हस्तांतरित कर दी गई है। एम्स की इमारत का डीपीआर तैयार हो रहा है। डीपीआर तैयार होने के बाद टेंडर के बाद निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

हत्या आरोपियों को नहीं बख्शेंगे मुख्यमंत्री

स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा है कि बच्चा चोरी की अफवाह फैला कर संगठित तरीके से हत्याएं करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री इन्हें बख्शने वाले नहीं है।

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