बैंकों का पैसा बाजार में आने से मिलेगा किक स्टार्ट
आर्थिक मंदी सिर्फ भारत में नहीं है पूरी दुनिया में है। यह एक दिन का परिणाम है भी नहीं। यह अलग बात है कि आजकल इसका शोर ज्यादा सुनाई दे रहा है जबकि इसकी आहट तीन-चार माह पहले से सुनाई दे रही थी। तब लोगों ने यही सोचा कि सिर्फ ऑटोमोबाइल सेक्टर में मंदी है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : आर्थिक मंदी सिर्फ भारत में नहीं है, पूरी दुनिया में है। यह एक दिन का परिणाम है भी नहीं। यह अलग बात है कि आजकल इसका शोर ज्यादा सुनाई दे रहा है, जबकि इसकी आहट तीन-चार माह पहले से सुनाई दे रही थी। तब लोगों ने यही सोचा कि सिर्फ ऑटोमोबाइल सेक्टर में मंदी है। यह पहले भारी वाहन से शुरू हुआ था, तो बाद में कार-बाइक पर असर पड़ना शुरू हुआ। धीरे-धीरे स्टील इंडस्ट्री, टेक्सटाइल, हाउसिंग सेक्टर सभी जगह से मंदी की खबर आने लगी। अब यह सुधार की ओर बढ़ रहा है।
ये बातें टाटा स्टील के पूर्व चीफ फाइनेंशियल आफिसर रमेशचंद्र नंदराजोग ने कहीं। उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि समय रहते केंद्र सरकार ने इसे समझ लिया था। इसी वजह से बजट में बैंकों को 70 हजार करोड़ देने की घोषणा की गई थी, तो अब 1.76 लाख करोड़ रुपये रिजर्व बैंक से केंद्र सरकार ले रही है। यह पैसा बैंकों के माध्यम से बाजार में आएगा तो ठहरी हुई अर्थव्यवस्था को किक स्टार्ट मिलेगा। यह पैसा आने से बैंकों की लिक्विडिटी पर्याप्त बढ़ जाएगी। इसमें कोई संदेह नहीं, लेकिन बैंकों को बहुत सोच-समझकर यह पैसा खर्च करना होगा, वरना यह पैसा फिर फंस सकता है। पंजाब नेशनल बैंक समेत कई बैंकों पर एनपीए का बोझ पहले से ही है। लोन देते समय पार्टी का बैकग्राउंड देखकर मेरिट के आधार पर निर्णय लिया जाना चाहिए। ऐसा नहीं हो कि सिर्फ शक के आधार या अधूरी जानकारी की वजह से सही व्यक्ति इससे वंचित रह जाए। निश्चित रूप से सरकार ने अच्छा कदम उठाया है। रिजर्व बैंक से पहली बार सरकार ने पैसा नहीं लिया है। ऐसा पहले भी होता रहा है।
जहां तक बीएस-4 से बीएस-6 इंजन में परिवर्तन या कनवर्सन की बात है, तो यह भी आर्थिक मंदी का बड़ा कारण रहा है। देश में वाहनों की बिक्री इसकी वजह से प्रभावित हुई, यह आज सभी मान रहे हैं। अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह घोषणा करके अच्छी पहल की है कि भारतीय स्टैंडर्ड (बीएस)-4 इंजन वाले वाहन प्रतिबंधित नहीं किए जाएंगे। पहले यह कहा गया था कि बीएस-4 इंजन वाले वाहन अप्रैल 2020 से सड़क पर नहीं चल सकेंगे। इसका पहला असर भारी वाहन उद्योग की बिक्री और उत्पादन पर पड़ा, तो धीरे-धीरे कार-बाइक तक इसकी चपेट में आ गए। वैसे भी इंजन का कनवर्सन प्रदूषण कम करने के लिए किया जा रहा है। वैसे यह अच्छी बात है कि सरकार प्रदूषण कम करने के लिए इंजन कनवर्सन कर रही है। बीएस-4 इंजन की तुलना में बीएस-6 इंजन से प्रदूषण कम होता।
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जनसंख्या नियंत्रण बेहतर पहल
केंद्र सरकार परिवार कम करने के लिए जो योजना ला रही है, वह भी अच्छी पहल है। ज्यादातर वित्त विशेषज्ञ भी मानते हैं कि जनसंख्या बढ़ने से मानव संसाधन समेत उज्जवला, शौचालय, राशन, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि पर सरकार का करोड़ों-अरबों रुपये का बजट खर्च होते-होते काफी बढ़ जाता है। यदि लोग परिवार कम रखेंगे, तो संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा। यदि सरकार इस विधेयक को लागू कर देती है तो अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करने में काफी मदद मिलेगी।