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बागी होकर चुनाव लड़ने वाले स्वत: पार्टी से निष्कासित : गिलुवा

गिलुवा ने कहा कि पार्टी में अनुशासन तोडऩेवालों के लिए कोई जगह नहीं है। अनुशासन से हरगिज समझौता नहीं हो सकता।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Fri, 09 Nov 2018 12:30 PM (IST)Updated: Fri, 09 Nov 2018 12:30 PM (IST)
बागी होकर चुनाव लड़ने वाले स्वत: पार्टी से निष्कासित : गिलुवा
बागी होकर चुनाव लड़ने वाले स्वत: पार्टी से निष्कासित : गिलुवा

जमशेदपुर (जेएनएन)। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं सिंहभूम के सांसद लक्ष्मण गिलुवा ने कहा कि नगर निगम चुनाव में पार्टी से बागी होकर चुनाव लडऩेवाले स्वत: पार्टी से निष्कासित हो गए हैं। गौरतलब हो कि आदित्यपुर नगर निगम के चुनाव में कई भाजपाइयों ने पार्टी के निर्णय के खिलाफ चुनाव लड़ा था। गिलुवा ने कहा कि पार्टी में अनुशासन तोडऩेवालों के लिए कोई जगह नहीं है। अनुशासन ही भाजपा की खासियत और पूंजी है, इससे हरगिज समझौता नहीं हो सकता।

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मैदान का आवंटन होगा रद

जमशेदपुर से सटे आदित्यपुर में सांसद ने कई कार्यक्रमों में भाग लिया और लोगों की समस्या सुनी। आवासीय कॉलोनी 2 के रोड नंबर चौदह स्थित सार्वजनिक कार्यों में उपयोग की जाने वाली जमीन के आवंटन का मुद्दा फिर गरम है। आवास बोर्ड के आग्रह पर जिला प्रशासन 17 नवंबर से उस जगह को खाली कराने के लिए अभियान चलाने की तैयारी में है, वहीं स्थानीय लोग आवंटन प्रक्रिया रद करवा कर इस मैदान को बचाने की तैयारी कर रहे हैं।  गिलुवा मौके पर पहुंचे और इस मैदान को प्लाटिंग कर किए गए आवंटन को रद कराने के लिए सरकार से बात करने की बात कही। 

आवास बोर्ड के फैसले पर सवाल

बोर्ड द्वारा आवंटित जमीन की स्थिति को देखने के बाद उन्होंने कहा कि खाली जगह के नाम पर मैदान को बेचने का आवास बोर्ड का फैसला गलत था। अब आवंटन की प्रक्रिया को रद कराने के लिए सरकार से बात करेंगे। लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह मामला अब उनके संज्ञान में आया है इसको लेकर उपायुक्त और अनुमंडल पदाधिकारी से बात करके तत्काल अभियान को रोकने का आग्रह किया जाएगा।

सरकार के स्तर पर होगी बात

उसके बाद इस मामले को सरकार स्तर पर उठाकर मामले की जांच कराने के साथ ही भूखंड आवंटन को रद करवाया जाएगा। गिलुवा ने कहा कि इस मुद्दे पर आवास बोर्ड के प्रबंध निदेशक से भी बात होगी। उन्होंने कहा कि अगर इस मामले में न्यायालय का आदेश है तो न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर कर सही तरीके से बात को रखा जाएगा। 


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