Rabindranath Tagore Birth Anniversary : कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर को जानना है, तो आइए रवींद्र भवन
कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर सिर्फ नोबेल पुरस्कार विजेता नहीं थे। वे सिर्फ बांग्ला संस्कृति के अगुवा भी नहीं थे। उनके प्रशंसक-अनुयायी हर भाषा-भाषी के लोग हैं। दुनिया के कोने-कोने में ।
जमशेदपुर, वीरेंद्र ओझा। कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर सिर्फ नोबेल पुरस्कार विजेता नहीं थे। वे सिर्फ बांग्ला संस्कृति के अगुवा भी नहीं थे। उनके प्रशंसक-अनुयायी हर भाषा-भाषी के लोग हैं। दुनिया के कोने-कोने में उनकी कविताओं का हर भाषा-बोली में गुनगुनाया जाता है। उस पर मंचन होता है।
यदि अब भी आप संतुष्ट नहीं हैं और टैगोर को नजदीक से जानना चाहते हैं, तो साकची स्थित रवींद्र भवन आइए। टैगोर सोसाइटी के महासचिव आशीष चौधरी बताते हैं कि रवींद्रनाथ टैगोर भले ही जमशेदपुर नहीं आए, लेकिन रवींद्र भवन का निर्माण और टैगोर सोसाइटी का गठन उनके भतीजे सौमेंद्रनाथ ठाकुर (टैगोर) की प्रेरणा से ही हुआ। शांतिनिकेतन के स्कॉलर सौमेंद्र नाथ 1960 में जमशेदपुर आए थे। उसी दौरान उन्होंने यहां के बंगालियों को सुझाव दिया था कि कविगुरु की कृतियों को संजोने के लिए जमशेदपुर में कुछ होना चाहिए। इसके बाद टैगोर सोसाइटी का गठन हुआ।
राधाकृष्णन ने भवन का शिलान्यास किया था
टाटा स्टील के तत्कालीन महाप्रबंधक सर जहांगीर घांदी ने जमीन आवंटित की। एक वर्ष बाद भारत के उपराष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने भवन का शिलान्यास किया, लेकिन भवन 1967 में बनकर तैयार हुआ। शुरुआत संगीत व नृत्य की शिक्षा से हुई, तो बाद में इसका विस्तार हुआ। 1982 में रवींद्र भवन बनाया गया। उस समय शहर का यह इकलौता एसी हॉल था। इसका उद्घाटन टाटा संस के चेयरमैन जेआरडी टाटा ने किया था। रवींद्र भवन में टैगोर आर्काइव 2013 में बनाया गया, जहां टैगोर के जन्म से लेकर मृत्य तक की हर गतिविधि को तस्वीरों, आलेखों व दस्तावेजों के साथ रखा गया है। यहां टैगोर द्वारा हाथ से लिखी हुई एक चिट्ठी भी है, जो उन्होंने अपनी किसी परिचित महिला नलिनी बाला सेनगुप्ता को लिखा था। नई पीढ़ी यदि टैगोर को नजदीक से जानना चाहती है, तो यहां आ सकती है।
एचएम नेरुरकर ने किया था आर्काइव का उदघाटन
इस आर्काइव का उद्घाटन टाटा स्टील के तत्कालीन प्रबंध निदेशक एचएम नेरुरकर ने किया था। टैगोर की कृतियों को गैर बांग्लाभाषियों तक पहुंचाने के लिए 1975 में टैगोर एकेडमी (अंग्रेजी माध्यम स्कूल) खोला गया। यहां प्रतिवर्ष टैगोर जयंती पर वार्षिक संगीत समारोह होता है, जिसमें रवींद्र संगीत से जुड़े देश-विदेश के शास्त्रीय गायक, नर्तक, कलाकार प्रस्तुति देने आते हैं। शहरवासियों को साहित्य-संस्कृति से जोड़ने के लिए हर साल राष्ट्रीय स्तर का पुस्तक मेला लगाया जाता है।
लगी 11 फुट ऊंची कांस्य की प्रतिमा
टैगोर सोसाइटी के महासचिव आशीष चौधरी।
आशीष चौधरी बताते हैं कि टैगोर सोसाइटी, रवींद्र भवन, टैगोर आर्काइव, रवींद्र कला मंदिर व टैगोर एकेडमी के बाद एक मूर्ति की कमी खल रही थी। यह 2018 में पूरी हुई। कोलकाता में 11 फुट दो इंच ऊंची कांस्य प्रतिमा परिसर में लगाई गई, जिसका अनावरण टाटा स्टील के प्रबंध निदेशक टीवी नरेंद्रन ने किया था।