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हिलोर मारने लगी प्रभु जगन्नाथ की आस्था

शहर के मंदिरों से 14 जुलाई को निकलने वाली रथ यात्रा की तैयारी अंति

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Jul 2018 11:21 PM (IST)Updated: Thu, 12 Jul 2018 11:30 PM (IST)
हिलोर मारने लगी प्रभु जगन्नाथ की आस्था
हिलोर मारने लगी प्रभु जगन्नाथ की आस्था

संवाद सूत्र, जमशेदपुर : शहर के मंदिरों से 14 जुलाई को निकलने वाली रथयात्रा की तैयारी अंतिम चरण में है। इनमें बेल्डीह नागा आश्रम, बिष्टुपर श्रीराम मंदिर, बर्मामाइंस देवस्थान, खासमहल जगन्नाथ मंदिर, बाराद्वारी गांधी आश्रम, सोनारी मां समलेश्वरी शिव मंदिर आदि प्रमुख हैं। इन मंदिरों से प्रभु जगन्नाथ, बड़े भाई बलराम व बहन सुभद्रा को रथ पर बैठाकर भ्रमण कराया जाएगा। वहीं, रथ उत्सव के अवसर पर कई जगहों पर भजन-कीर्तन आदि धार्मिक कार्यक्रम होंगे।

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श्रीराम मंदिर बिष्टुपुर

यहां तीन अलग-अलग रथ पर सवार होकर प्रभु जगन्नाथ, बड़े भाई बलराम व बहन सुभद्रा को निकाला जाएगा। तीनों रथ को तैयार कर राम मंदिर परिसर में रखा गया है। इस्कॉन व जमशेदपुर रथयात्रा आयोजन समिति द्वारा रथयात्रा प्रति वर्ष निकलती है। राम मंदिर से निकाले वाली इस रथयात्रा में हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं।

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खासमहल स्थित जगन्नाथ मंदिर :

आदिवासी कलाकारों द्वारा यहां से रथयात्रा निकाली जाती है। यात्रा की तैयारी को लेकर ओडिशा के ति¨रग से दो कलाकारों को बुलाया गया है। इन कलाकारों द्वारा प्रभु जगन्नाथ के रथ का कायाकल्प किया जा रहा है। वहीं, कुशल कारीगरों द्वारा रथ के गुंबद में लगने वाले कपड़े की सिलाई बारीकी से की जा रही है। कलाकार चिंटू हांसदा व मनसा हेम्ब्रमद्वारा प्रभु जगन्नाथ के रथ को विशेष रूप देकर सजाया-संवारा जा रहा है।

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नागा आश्रम बेल्डीह

वर्ष 1936 से यहां रथयात्रा निकाली जा रही है। इस बार प्रभु के रथ के गुंबद को ओडिशा के पिपली से मंगाए गए कपड़े से तैयार किया गया है। मंदिर के शशि तिवारी ने बताया कि यह नागा बाबाओं को आश्रम हुआ करता था। तब से रथयात्रा आयोजित हो रही है।

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गांधी आश्रम बाराद्वारी

पिछले 99 वर्षो से रथयात्रा का सफल आयोजन यहा हो रहा है। इसमें शहर के तमाम राजनेता, समाजसेवी व गणमान्य शामिल होते हैं। बाराद्वारी स्थित गांधी आश्रम से निकलकर प्रभु का रथ रामलीला मैदान होते हुए साकची मुख्य गोलचक्कर तक जाता है। वहां से पुन: आश्रम स्थित मौसीबाड़ी लौट आता है।

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आज प्रभु को लगाया जाएगा काजल

पिछले पंद्रह दिनों से बीमार प्रभु जगन्नाथ शुक्रवार को स्वस्थ हो जाएंगे। इस अवसर को नेत्रोत्सव के रूप मनाया जाएगा। इसमें प्रभु जगन्नाथ के आंखों पर मोर के पंख से काजल लगाए जाएंगे।


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