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इंस्ट्राग्राम पर रतन टाटा ने साझा की यादें- चेयरमैन बनते ही टाटा मोटर्स में हड़ताल हो गई, बोनस दे कर्मियों को किया खुश

बकौल रतन टाटा जब जगुआर लैंड रोवर को खरीदा गया तो मेरी काफी आलोचना हुई। लोग मेरा मजाक उड़ाते थे कि मैं प्लांट बंद कर वहां रेस्टोरेंट खोलूंगा।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Sat, 25 Jul 2020 07:37 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jul 2020 07:42 PM (IST)
इंस्ट्राग्राम पर रतन टाटा ने साझा की यादें-  चेयरमैन बनते ही टाटा मोटर्स में हड़ताल हो गई, बोनस दे कर्मियों को किया खुश
इंस्ट्राग्राम पर रतन टाटा ने साझा की यादें- चेयरमैन बनते ही टाटा मोटर्स में हड़ताल हो गई, बोनस दे कर्मियों को किया खुश

जमशेदपुर (जेएनएन)। टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन रतन टाटा ने अपने व्यावसायिक जीवन की शुरूआत जमशेदपुर स्थित टाटा स्टील प्लांट से की थी। कुछ वर्षो तक टाटा स्टील और टाटा मोटर्स में काम करते हुए टाटा समूह के चेयरमैन का पद सुशोभित किया। अपने जीवन के महत्वपूर्ण अनुभव और सफलताओं की कहानी शुक्रवार को रतन टाटा ने इंस्ट्राग्राम के माध्यम से देश के 33 हजार युवाओं से साझा की।

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रतन टाटा ने पहली सफल कहानी साझा करते हुए बताया कि जब वे नए-नए चेयरमैन बने थे तो जमशेदपुर स्थित टाटा मोटर्स प्लांट में हड़ताल हो गई। 300-400 कर्मचारी बाहर हड़ताल पर बैठे थे। यूनियन बेहतर वेतन और बोनस की मांग कर रही थी लेकिन प्रबंधन देना नहीं चाहती थी। जब मुझे इसकी जानकारी मिली तो मैं वहां गया और प्रबंधन-यूनियन दोनों से बात की। मैंने स्थानीय प्रबंधन को कर्मचारियों को बोनस देने के लिए तैयार किया। इसका कर्मचारियों पर सकारात्मक असर पड़ा और टाटा मोटर्स प्लांट ने अच्छी तरक्की की। 

बकौल रतन टाटा, जब मैंने जगुआर लैंड रोवर खरीदा तो मेरी काफी आलोचनाएं हुई। कई लोग मेरा मजाक उड़ाते थे कि मैं प्लांट बंद कर वहां रेस्टोरेंट खोलूंगा। अफवाहों के कारण जगुआर के कर्मचारी भी डरे हुए थे। जब मैं जगुआर कंपनी में कर्मचारियों के बीच पहुंचा तो हर किसी के चेहरे पर एक ही सवाल था कि क्या मैं कंपनी बंद कर दूंगा। लेकिन मैंने एक फैसला लिया और कामयाब होने तक मेहनत करते हुए अपने निर्णय को सहीं साबित किया। इसके लिए पहले मैंने कर्मचारियों को भरोसा दिलाया कि मैं प्लांट बंद नहीं करने वाला। इसमें मुझे ब्रिटिश सरकार की काफी मदद मिली। मैंने कर्मचारियों को इनोवेशन के लिए, नए उत्पाद बाजार में उतारने के लिए प्रोत्साहित किया। कस्टमर में एक विश्वास दिलाया कि हम बाजार में वापस आकर बेहतर उत्पाद देंगे। नतीजा आज हम कामयाब हैं और कंपनी अपने पैरो पर खड़ी है।  बेहतर रिजल्ट आने तक मैंने तीन-चार बार प्लांट गया।

रतन टाटा ने देश के युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि मैं आज भी कुछ नया सीखने और वर्चुअल मीटिंग द्वारा स्टार्टअप व इनोवेशन पर अपनी टीम के साथ बात करता रहता हूं। भारत की आधी से अधिक आबादी युवाओं की है और मुझे गर्व है कि हमारे देश के युवाओं में काफी क्षमता है। कोरोना वायरस के कारण देश में जहां लॉकडाउन है, व्यापार पूरी तरह से बंद हैं। ऐसे में युवा इनोवेशन के बारे में सोचे। वे ऐसा क्या कर सकते हैं जो दूसरे से अलग हो। देश का हर युवा बिजनेस एथिक्स और नैतिक व्यवहार के तहत काम करें, जरूर सफल होंगे। 


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