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रतन टाटा ने कहा- उच्च शिक्षा के लिए जमशेदपुर में खुले प्रतिष्ठित संस्थान

Ratan Tata . टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन रतन टाटा ने कहा कि टाटा स्टील के कर्मचारियों के बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए लौहानगरी में एक और प्रतिष्ठित संस्थान खोला जाए ताकि कर्मचारियों के बच्चों को पढ़ाई के लिए शहर से बाहर जाना न पडे।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 05:35 PM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 05:35 PM (IST)
रतन टाटा ने कहा- उच्च शिक्षा के लिए जमशेदपुर में खुले प्रतिष्ठित संस्थान
यूनियन नेताओं से चेयरमैन ने टाटा स्टील के कंपनी बोर्ड रूम में ही मुलाकात की।

जमशेदपुर : टाटा स्टील के कर्मचारियों के बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए लौहनगरी में एक और प्रतिष्ठित संस्थान खोला जाए ताकि कर्मचारियों के बच्चों को पढ़ाई के लिए शहर से बाहर जाना ना करें पडे। बुधवार सुबह बोर्ड रूम में टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन रतन टाटा और टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखर से बात करते हुए टाटा वर्कर्स यूनियन के शीर्ष नेतृत्व ने यह मांग की। चेयरमैन जब भी शहर आते हैं वह पूर्व की परंपरा का निर्वहन करते हुए टाटा वर्कर्स यूनियन कार्यालय जरूर जाते हैं। लेकिन कोविड-19 के कारण यूनियन नेताओं से चेयरमैन ने टाटा स्टील के कंपनी  बोर्ड रूम में ही मुलाकात की। इस मौके पर यूनियन नेताओं ने कर्मचारियों की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए कई मांगों से कंपनी के वरीय अधिकारियों को अवगत कराया। इस मौके पर यूनियन नेतृत्व ने शहर में मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज और मेहरबाई टाटा कैंसर अस्पताल को अपग्रेड करने के लिए शुभकामनाएं दी। साथ ही लौनगरी में एक और एक शैक्षणिक संस्थान खोलने की वकालत भी की है ताकि बच्चों को शिक्षा के साथ बेहतर नौकरियां भी प्राप्त हो सके।

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कंपनी प्रबंधन ने नहीं काटा किसी कर्मचारी का वेतन या छुट्टी

इस मौके पर मुलाकात के दौरान यूनियन नेतृत्व ने बताया कि आज भी हर कर्मचारी जब कंपनी में प्रवेश करता है तो टाटा साहब की प्रतिमा को प्रणाम करके ही अपने काम पर जाता है और शायद इसी का प्रतिफल है कि कंपनी कर्मचारियों अपना 100 प्रतिशत कंपनी को देता है और प्रबंधन भी कर्मचारियों की हर सुविधा का ख्याल रखा और कोविड-19 में किसी भी कर्मचारी का वेतन व छुट्टी नहीं काटी। इसी का नतीजा है कि कोविड के समय जब परिवार जनों ने कर्मचारियों को ड्यूटी जाने से मना किया तो भी कर्मचारी ड्यूटी पर आए और प्रोडक्शन को बाधित नहीं होने दिया। वही यूनियन ने शहर में अधिक से अधिक इलेक्ट्रिक व्हीकल चलाने की भी मांग की। इसके अलावा यूनियन नेतृत्व ने रतन टाटा और टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन को बताया कि यूनियन  नेतृत्व कंपनी प्रबंधन के साथ मिलकर सतत विकास और डिजिटलाइजेशन पर काम कर रही है। संयुक्त परामर्श प्रणाली के सिस्टम को करोना काल में भी बाधित नहीं होने दिया गया और डिजिटल मीडिया के माध्यम से हर एक्टिविटी को जारी रखा ताकि कंपनी प्रबंधन और कर्मचारियों को किसी भी तरह की परेशानी ना हो। आपको बता दें कि टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन रतन टाटा और यूनियन नेतृत्व के बीच हमेशा मित्र व संबंध रहा है और दोनों बेहतर ही आपसी तालमेल से एक दूसरे की जरूरतों को पूरा करते हुए साथ साथ मिलकर काम करते हैं। इस मौके पर एन चंद्रशेखरन ने कहा टाटा स्टील हमारा मदर प्लांट है प्रबंधन और यूनियन को ऑफिस सूझबूझ से औद्योगिक शांति और सहकारिता को बरकरार रखते हुए विकास की हर ऊंचाइयों को हासिल करना है आप सभी के सुझाव हमेशा हमारे लिए महत्वपूर्ण होते हैं और हम कर्मचारियों की सुविधाओं का ख्याल रखेंगे।


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