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रामनवमी में राममय होने को आतुर लौहनगरी, जानिए यहां के अखाड़ों के बारे

लौहनगरी में रामनवमी धूमधाम से मनाया जाता है। इस वर्ष यह त्योहार 13 अप्रैल को मनाया जाएगा। आइए जानिए यहां के अखाड़ों का इतिहास और उसकी तैयारी के बारे में।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 03 Apr 2019 02:27 PM (IST)Updated: Wed, 03 Apr 2019 02:27 PM (IST)
रामनवमी में राममय होने को आतुर लौहनगरी, जानिए यहां के अखाड़ों के बारे
रामनवमी में राममय होने को आतुर लौहनगरी, जानिए यहां के अखाड़ों के बारे

जमशेदपुर, जेएनएन। रामनवमी का त्यौहार चैत्र शुक्ल की नवमी को मनाया जाता है। इस वर्ष यह त्योहार 13 अप्रैल को मनाया जाएगा। रामनवमी के दिन ही चैत्र नवरात्र की समाप्ति भी हो जाती है। हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। अत: इस तिथि को भक्त रामनवमी के रूप में मनाते हैं। हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार त्रेतायुग में रावण के अत्याचारों को समाप्त करने तथा धर्म की स्थापना के लिए भगवान विष्णु ने मृत्युलोक में श्रीराम के रूप में अवतार लिया था। इस दिन लोग उपवास करके भजन-कीर्तन से भगवान राम को याद करते हैं।

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ये हैं जमशेदपुर के अखाड़े

हरिशंकर अखाड़ा नामदा बस्ती

स्थापना-1965

संस्थापक-हरिशंकर जायसवाल

लाइसेंसी- दिनेश कुमार जायसवाल

अध्यक्ष- रब्बा जायसवाल

गोलमुरी नामदा बस्ती से हरिशंकर अखाड़ा 1965 से निकाला जा रहा है। इसमें कुल 50 सदस्य हैं। यह गोलमुरी, आरडी टाटा गोलचक्कर, साकची गोलचक्कर होते हुए मानगो तक जाता है। इसमें बस्ती के युवा ही करतब दिखाते नजर आएंगे। इस अखाड़े की स्थापना भी बड़े रोचक तरीके से हुई थी। एक समय हरिशंकर जायसवाल साकची गोलचक्कर के पास खड़े थे। उनके पास से विशेष समुदाय की रैली जा रही थी। जिसे देखकर उनके मन में भी ख्याल आया कि उन्हें भी रामनवमी में इस तरह की रैली निकालनी चाहिए। तब उन्होंने अखाड़े की स्थापना की। 

श्री श्री गोलमुरी बजरंग अखाड़ा समिति, गोलमुरी

स्थापना- 1956

संस्थापक- काली चरण प्रसाद

लाइसेंसी- आलोक प्रसाद

अध्यक्ष- राजू प्रजापति

गोलमुरी गोलचक्कर से निकलने वाला यह अखाड़ा शहर के पुराने अखाड़ों में से एक है। यह गोलमुरी बाजार से मुस्लिम लाइन, आरडी टाटा गोलचक्कर, साकची गोलचक्कर होते हुए मानगो तक जाता है। इस बार इस अखाड़े में लोगों को कुछ अलग देखने को मिलेगा। समिति द्वारा अखाड़े में वायु सेना के कमांडर के अभिनंदन के बारे में दिखाया जाएगा। झांकी में अभिनंदन बना व्यक्ति नजर आएगा। साथ ही इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि गोलमुरी मस्जिद के पास विशेष समुदाय को लोग अखाड़े का स्वागत धूमधाम से करते हैं।

टुइलाडुंगरी अखाड़ा, टुइलाडुंगरी

स्थापना-1951

संस्थापक- स्व. राम भरोसे साहू 

लाइसेंसी- पितांबर सिंह

स्व. राम भरोसे साहू खडग़पुर से निकलने वाले जुलूस में अखाड़ा खेलते थे। वहां से शहर आने के बाद उन्होंने अपना अखाड़ा शुरू किया। अब इस अखाड़े को पितांबर सिंह निकलवा रहे हैं। अखाड़ा टुइलाडुंगरी से निकल कर मानगो तक जाता है। इसकी विशेषता यह है कि इसमें विशेष समुदाय के युवक करतब दिखाते हैं। 

श्री श्री बजरंग अखाड़ा, बारीडीह

स्थापना- 1973

संस्थापक - देव शंकर सिंह, वैद्य कैलाश महतो

अध्यक्ष - हरेंद्र तिवारी

इसमें कुल सौ से ज्यादा सदस्य हैं, जिन्हें यहां पंचवटी परिवार के रूप में जाना जाता है। इस अखाड़े की विशेषता यह है कि अखाड़े के मंदिर प्रांगण में स्थित बरगद के पेड़ से छह तरह के अलग-अलग पेड़ निकले हुए हैं जिससे मंदिर का नाम पंचवटी हनुमान मंदिर पड़ा। अखाड़ा एग्रिको गोलचक्कर होते हुए मुख्यमंत्री आवास, भुइयांडीह से मानगो तक जाता है।

खड़ंगाझार में 1972 से निकलता है रामनवमी जुलूस

टेल्को खड़ंगाझार हनुमान मंदिर अखाड़ा समिति की ओर से वर्ष 1972 से ही रामनवमी अखाड़ा जुलूस निकलता है। अखाड़ा के संस्थापक लाइसेंसी एसडी सिंह है तथा अब ओमप्रकाश सिंह को लाइसेंसी (अध्यक्ष) बनाया गया है। अखाड़ा समिति के महासचिव प्रकाश सहाय, उपाध्यक्ष सतीश सिंह, मुकुल सिंह थापर, अशोक स्वामी, कोषाध्यक्ष विकास सोनी, संरक्षक जयशंकर व सलाहकार चंद्रमौली मिश्रा हैं। रामनवमी में रामनवमी जुलूस पूरे क्षेत्र में घूमता है। 

  • टेल्को ग्वाला बस्ती तार कंपनी अखाड़ा समिति के लाइसेंसी ओमप्रकाश जायसवाल हैं। समिति में दो दर्जन से ज्यादा सदस्य हैं। ग्वाला बस्ती व तार कंपनी इलाके में रामनवमी जुलूस निकलता है जिसमें बच्चे-बूढ़े, पुरुष-महिला सभी हिस्सा लेते हैं।
  • क्षेत्र का पुराना टेल्को गेट नंबर-दो शिव मंदिर अखाड़ा समिति है। इसके लाइसेंसी गणेश प्रसाद सिंह हैं। रामनवमी में यह अखाड़ा जेम्को, मछुआ बस्ती, बजरंगी नगर, लक्ष्मीनगर, प्रेमनगर आदि क्षेत्रों में घुमाया जाता है।
  • मनीफीट धोबीलाइन अखाड़ा समिति वर्ष 1970 से स्थापित है। इसके लाइसेंसी बलराम रजक हैं। यहां रामनवमी जूलूस में लाठी, तलवार से एक से बढ़कर करतब दिखाए जाते हैं। जुलूस पूरे क्षेत्र में घूमता  है।
  • टेल्को क्षेत्र के चार अखाड़ा को बीते  साल लाइसेंस मिला है। इसमें मछुआ बस्ती जेम्को बजरंगी बगान, न्यू मार्केट हनुमान मंदिर, श्रीश्री अखाड़ा समिति जेम्को आजाद बस्ती व श्रीश्री बजरंग बली अखाड़ा समिति रामाधीन बगान शामिल हैं। मछुआ बस्ती अखाड़ा के लाइसेंसी संदीप मछुआ, न्यू मार्केट का केवी नरसिंहा राव, जेम्को आजाद बस्ती का किशोर दास व रामाधीन अखाड़ा के लाइसेंसी सोनू सिंह है। ये सभी अखाड़े अनुशासित तरीके से पूरे क्षेत्र में घुमाए जाते हैं तथा रामभक्त करतब दिखाते नजर आते हैं।

गोल्डेन जुबली मनाएगी गोविंदपुर का अखाड़ा 

गोविंदपुर ब्रह्मास्थान अखाड़ा समिति इस साल गोल्डेन जुबली मनाएगी। इसे लेकर अभी से तैयारी शुरू हो गई है। इसके लाइसेंसी नंदजी अकेला हैं। क्षेत्र का यह सबसे पूरा अखाड़ा है जिसकी समिति में 50 से ज्यादा सक्रिय सदस्य हैं। रामनवमी के दिन पूरे क्षेत्र में जुलूस निकलता है।

रामभक्तों की सेवा करती है सर्वधर्म सद्भावना व तहरीक-ए-अदब कमेटी

रामनवमी में टेल्को क्षेत्र की दो धार्मिक संस्थाएं सर्वधर्म सद्भावना समिति व तहरीक-ए-अदब कमेटी रामभक्तों की सेवा में तत्पर रहती है। जुलूस में शामिल श्रद्धालुओं को शर्बत पिलाने से लेकर चना खिलाने का काम करती है। सर्वधर्म समिति टेल्को न्यू मार्केट व तहरीक-ए अदब टेल्को यूनियन के निकट शिविर लगाती है।

नन्हें बच्चों से लेकर युवा खिलाड़ी करेंगे प्रदर्शन

श्रीश्री शिव मंदिर औघरमटिया अखाड़ा समिति परसुडीह की स्थापना 1964 में हुई। तब से लेकर अब तक हर वर्ष कमेटी के सदस्य रामनवमी में भव्य जुलूस निकालते आ रहे हैं। जुलूस शिव मंदिर परिसर से ग्वाला पट्टी अवघरमटिया होते हुए परसुडीह में घूमने के बाद स्टेशन के रास्ते मानगो में विसर्जन होता है। कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष धीरज यादव ने बताया कि इस वर्ष कर्तव्य दिखाने वाले खिलाडिय़ों को तीन वर्ग में बांटा गया है। इसमें पांच से सात, 10 से 12 व 15 से 20 वर्ष के खिलाड़ी शामिल हैं। कमेटी में अध्यक्ष राम नरेश ङ्क्षसह, कार्यकारी अध्यक्ष धीरज यादव, लाइसेंसी शंभू ङ्क्षसह यादव, संरक्षक राजेंद्र प्रसाद, कोषाध्यक्ष राम किशोर तिवारी शामिल हैं। 

छऊ नृत्य होगा आकर्षण का केंद्र

श्रीश्री सार्वजनिक महावीर अखाड़ा समिति रोड नंबर-5 बागबेड़ा की ओर से निकाला जाने वाला रामनवमी जुलूस में इस वर्ष छऊ नृत्य आकर्षण का केंद्र होगा। अखाड़ा समिति की स्थापना 1962 में हुई। कमेटी के अध्यक्ष अनिल ङ्क्षसह ने बताया कि जुलूस की झांकी बागबेड़ा, रामनगर, स्टेशन तक जाएगी। स्टेशन चौक पर करतब दिखाने के बाद जुलूस को बागबेड़ा बड़ौदा घाट पर विसर्जन कर दिया जाएगा। जुलूस के एक दिन पूर्व 12 अप्रैल को कमेटी की ओर से भजन संध्या का आयोजन किया गया है। इस वर्ष कमेटी की ओर से रामनवमी के अवसर पर विशेष विद्युत सज्जा की जाएगी। कमेटी के लाइसेंसी विनोद सिंह, अध्यक्ष अनिल सिंह, उपाध्यक्ष उपेंद्र सिंह, अंजनी पांडे हैं।  

श्रीश्री मां दुर्गा अखंड अखाड़ा समिति निकालेगा भव्य जुलूस

श्रीश्री मां दुर्गा अखंड अखाड़ा समिति स्टेशन रोड जुगसलाई की स्थापना 1970 में हुई। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी समिति की ओर से भव्य जुलूस निकाला जाएगा। इस वर्ष जुलूस में आकर्षण का केंद्र होगा छापोल-छापोल नृत्य। कमेटी में लाइसेंसी रवि गिरी महाराज, अध्यक्ष श्रवण मित्तल, महामंत्री दीपक हलदिया, संरक्षक विद्यानंदजी सरस्वती व राजेश मंगोतिया हैं। दूसरी ओर श्रीश्री संकट मोचन अखाड़ा समिति गौरी शंकर रोड के लाइसेंसी है अनमोल शर्मा। इनके द्वारा भी भव्य जुलूस निकालने का निर्णय लिया गया है।  

हरहरगुïट्टू जुलूस में दसाई नृत्य होगा आकर्षण का केंद्र

जासं, जमशेदपुर : श्रीश्री काली मंदिर अखाड़ा समिति जेपी रोड हरहरगुटु से निकलने वाले रामनवमी जुलूस में इस वर्ष दसाई नृत्य होगा आकर्षण का केन्द्र। अखाड़ा समिति की स्थापना सन् 2005 में की गयी थी। तब से लेकर अब तक हर वर्ष समिति द्वारा अलग-अलग तरीके से झांकी निकाली जा रही है। कमेटी के लाइसेंसी राकेश ङ्क्षसह ने बताया कि इस रामनवमी के शुभ अवसर पर 5 अप्रैल से 14 अप्रैल तक राम कथा का आयोजन किया गया है। विसर्जन जुलूस में खिलाडिय़ों का उत्साह बढाने के लिए बंगाल से डंका मंगाया गया है। जुलूस काली मंदिर हरहरगुटु से आरंभ होगा जो जगदीशपुर रोड, डीबी रोड बागबेड़ा होते हुए बड़ौदा घाट तक जाएगा। कमेटी में अध्यक्ष मनोज रजक, महासचिव अजीत प्रधान, उपाध्यक्ष हेमंत शर्मा, संस्थापक संजय ङ्क्षसह व शशि यादव है।  

तरुण संघ, मानगो

स्थापना : 1970

संस्थापक : बीके त्रिवेदी

लाइसेंसी : नितिन चंद्र त्रिवेदी

कार्यक्रम : 12 अप्रैल को शस्त्र चालन प्रतियोगिता, 13 को शरीर सौष्ठव प्रतियोगिता, 14 को कुश्ती प्रतियोगिता में बिहार के बेगूसराय, समस्तीपुर और मोकामा से पांच जोड़ी पहलवान शामिल होंगे। इसके साथ ही 15 अप्रैल को परंपरागत रूप से शोभा यात्रा निकाली जाएगी।

जुलूस का मार्ग : मानगो जवाहरनगर स्थित अखाड़ा से निकलकर शोभा यात्रा चेपा पुल स्थित काली मंदिर जाता है, जहां से पूजा अर्चना के बाद मेन रोड़ होते हुए सुवर्णरेखा नदी पहुंचता है। नदी में झंडा विसर्जन जुलूस का समापन होता है।

श्री बजरंग विजय अखाड़ा

स्थापना : 1962

संस्थापक : स्व. बबुआ सिंह

लाईसेंसी : अशोक सिंह

कार्यक्रम : राम, लक्ष्मण, सीता माता, हनुमान, भोले बाबा, विष्णु जा, साईं बाबा की झांकी के साथ 20 फीट का हनुमान आकर्षण का मुख्य केंद्र रहेगा। शोभा यात्रा में खडगपुर के डंका पर करतबाज हैरतअंगेज खेल का प्रदर्शन करेंगे। इस दौरान छऊ नृत्य का भी आयोजन होगा।

जुलूस का मार्ग : डिमना रोड स्थित संजय पथ से निकलकर मानगो चौक होते हुए शोभा यात्रा नदी किनारे अखाड़ा तक जाता है। इसके बाद झंडा विसर्जन जुलूस गाजे बाजे के साथ सुवर्णरेखा नदी पहुंचता है, जहां झंडा जुलूस संपन्न होता है।

नीलकंठ महादेव अखाड़ा, मानगो

स्थापना : 1978

लाइसेंसी : अशोक सिंह

कार्यक्रम : झंडा विसर्जन जुलूस में अखाड़ा का विशेष आकर्षण मनमोहक झांकी रहेगा। इस वर्ष जुलूस में बग्घी भी शामिल होगा। महोत्सव के दौरान अखाड़ा के आसपास बिजली बत्ती से सजावट किया जाएगा। पूरे शहर में शांति प्रिय ढ़ंग से शोभा यात्रा निकालने में नीलकंठ अखाड़ा का नाम भी शामिल है।

जुलूस का मार्ग : मानगो रोड़ नंबर चार स्थित अखाड़ा से निकलकर शोभा यात्रा मेन रोड़ होते हुए सुवर्णरेखा नदी जाता है।

श्रीश्री बाल मंदिर सेवा समिति

स्थापना : 1976

संस्थापक : गंगापुत्र

कार्यक्रम : 12 मई को भजन संध्या में पटना, सोनीपत, दिल्ली और जमशेदपुर के कलाकार भजन पेश करेंगे। वहीं बजरंगबली का भव्य दरबार सजाने के लिए पश्चिम बंगाल से कुशल कारीगर मंगाया गया है। यहां श्रद्धालुओं के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

संतोष अखाड़ा, एग्रिको

स्थापना : 1969

संस्थापक सह लाईसेंसी : संतोष कुमार कालिंदी

कार्यक्रम : इस वर्ष अखाड़ा अपनी स्वर्ण जयंती मनाएगा। विशेष आकर्षण में ओडिशा मयूरभंज छऊ नृत्य के साथ पगड़ी रश्म, खंडगड़पुर का डंका बाजा, अतिशबाजी और हाथी घोड़ा झांकी रहेगा। जुलूस में मनमोहक अखाड़ा खेल प्रदर्शन होगा।


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