आसमान से बरसती रही आग, डटे रहे रोजेदार
जासं, जमशेदपुर : रोजेदारों ने गर्मी को मात दे दी है। 40 डिग्री के आसपास तापमान था। सूरज की किरणें सी
जासं, जमशेदपुर : रोजेदारों ने गर्मी को मात दे दी है। 40 डिग्री के आसपास तापमान था। सूरज की किरणें सीधे रोजेदारों के सरों पर आग बरसा रही थीं। इसके बावजूद रमजान के दूसरे जुमे में नौ तारीख को मस्जिदों से लेकर बाहर सड़क तक नमाजियों का मजमा उमड़ पड़ा। बाहर सड़क तक खड़े पसीने से सराबोर नमाजी अपने पालने वाले अल्लाह के हुजूर सर ए तस्लीम खम किए हुए सजदे में थे। शहर की बारी मस्जिद और साकची मस्जिद के अलावा कई मस्जिदों में सड़क तक खड़े होकर लोगों ने नमाज पढ़ी। सबकी दुआ यही थी कि ऐ परवरदिगार! इस गर्मी के आजमाइश वाले रमजान में हम सबको साबित कदम रखना। जुमे का खुतबा में उलेमा ने भी रोजेदारों को रमजान की फजीलत बताई और कहा कि गर्मी के इन दिनों में कोई अल्लाह की आजमाइश से मुंह नहीं मोड़े। सब रोजा रखें। इसका बड़ा सवाब है। शहर में साकची जामा मस्जिद गौशाला की मस्जिदे रहमान आम बगान मस्जिद गोलमुरी मस्जिद बर्मा माइंस मस्जिद धतकीडीह बड़ी मस्जिद मक्का मस्जिद शास्त्री नगर की फारूकी मस्जिद अहले हदीस मस्जिद बिष्टुपुर मस्जिद रामदास भट्टा मस्जिद जुगसलाई की मस्जिद ए मेराज शबीना मस्जिद मानगो की मुंशी मोहल्ला मस्जिद बारी मस्जिद अहले हदीस मस्जिद इकरा कॉलोनी मस्जिद जाकिर नगर की इमाम हुसैनी मस्जिद उम्मे खलील शिया जामा मस्जिद आदि में नमाजियों ने जुमे की नमाज अदा की। रामदास भट्टा मस्जिद में पेश इमाम मौलाना शमीम ने लोगों को रोजे की फजीलत बताई।धतकीडीह की मक्का मस्जिद के पेश इमाम मौलाना मंजर मोहसीन हुसैनी ने रमजान की फजीलत बताते हुए कहा कि रोजा रखने से इंसान के अंदर बीमारी से लड़ने की क्षमता पैदा होती है। इसे रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कहते हैं। इसके जरिए इंसान बड़ी बड़ी बीमारी से मुकाबला कर लेता है। इसलिए रोजा जरूर रखना चाहिए। इसका बड़ा सवाब भी है। अल्लाह ने हमें जो जो भी इबादत करने का हुक्म दिया है उसमें हमारी भी भलाई है। ----- बताए गए उम्मुल मोमनीन हजरत खदीजा के फजाएल जाकिर नगर की उम्मे खलील शिया जामा जामा मस्जिद में पेश इमाम सैयद मोहम्मद हसन रिजवी ने लोगों के सामने पैगंबरे अकरम हजरत मोहम्मद मुस्तफा की बीवी जनाबे खदीजा के फजाइल बयान किए। उन्होंने बताया कि हजरत खदीजा ने इस्लाम पर अपनी सारी दौलत कुर्बान कर दी। वह उम्मुल मोमिनीन हैं। ----- औरतों ने भी जमात से पढ़ी जुमे की नमाज शहर की अहले हदीस जामा मस्जिद में औरतों ने भी जुमा की नमाज जमात से अदा की। ओल्ड पुरुलिया रोड की जामा मस्जिद शास्त्रीनगर अहले हदीस जामा मस्जिद के अलावा शहर की कई अहले हदीस जामा मस्जिदों में महिलाएं जुमा के अलावा तराबीह की नमाज भी जमात से अदा कर रही हैं। इन मस्जिदों में महिलाओं के नमाज अदा करने के लिए अलग से इंतजाम है। यही नहीं औरतों के पर्दे का भी इन मस्जिदों में खास ख्याल रखा गया है। औरतों के दाखिल होने का दरवाजा भी अलग है।