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हाथों में नाचती लाठियां, चरम पर रामभक्तों का उत्साह

साकची गोलचक्कर पर सोमवार की शाम के छह बजे आस्था का ज्वार उमड़ रहा था। यहां झंडा जुलूस का भव्य नजारा था। भगवान राम व हनुमान की भक्ति में लीन हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ सड़क पर थी। हर तरफ हर्ष व उल्लास था और वातावरण में जय श्रीराम और जय बजरंग बली के नारे गूंज रहे थे। क्या बच्चे क्या महिलाएं सब की टकटकी आई हास्पिटल वाली रोड की तरफ लगी थी जिधर से अखाड़े के जुलूस आने थे। गोलचक्कर पर लगे स्टालों पर प्रसाद लेने वाले एक पर एक आ रहे थे। तभी 6.07 बजे पहला अखाड़ा जुलूस दिखाई दिया तो साकची गोलचक्कर जय श्रीराम और जय बजरंगबली के नारों से गूंजने लगा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Apr 2019 07:11 AM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2019 06:52 AM (IST)
हाथों में नाचती लाठियां, चरम पर रामभक्तों का उत्साह
हाथों में नाचती लाठियां, चरम पर रामभक्तों का उत्साह

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : साकची गोलचक्कर पर सोमवार की शाम के छह बजे आस्था का ज्वार उमड़ रहा था। यहां झंडा जुलूस का भव्य नजारा था। भगवान राम व हनुमान की भक्ति में लीन हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ सड़क पर थी। हर तरफ हर्ष व उल्लास था और वातावरण में जय श्रीराम और जय बजरंग बली के नारे गूंज रहे थे। क्या बच्चे क्या महिलाएं सब की टकटकी आई हास्पिटल वाली रोड की तरफ लगी थी जिधर से अखाड़े के जुलूस आने थे। गोलचक्कर पर लगे स्टालों पर प्रसाद लेने वाले एक पर एक आ रहे थे। तभी 6.07 बजे पहला अखाड़ा जुलूस दिखाई दिया तो साकची गोलचक्कर जय श्रीराम और जय बजरंगबली के नारों से गूंजने लगा। केसरिया शर्ट पहने चार-पांच युवक अखाड़ा जुलूस में आगे-आगे झंडा लिए चल रहे थे। बीच में युवकों की टोली हैरतअंगेज करतब दिखा भक्तजनों को दांतों तले अंगुली दबाने को मजबूर कर रही थी। आतिशबाजी और पटाखों की गूंज के बीच कुछ युवकों ने तलवार के खतरनाक करतब दिखाए तो लोगों की सांसें थम गई।

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ये गढ़ाबासा का श्री श्री शीतला मंदिर अखाड़ा था। अखाड़े का झंडा बीच चौक पर खड़ा किया गया। झंडे के आसपास श्रद्धालु जमा हो गए। किसी ने लेट कर अपने सीने पर झंडा रखा तो किसी ने अपने माथे पर रख कर झंडा उठाया। ये अद्भुत दृश्य देखने को श्रद्धालु झंडे के आसपास जमा थे। कई युवकों ने लेट कर अपने सीने पर झंडा लिया। श्री श्री शीतला मंदिर अखाड़े के युवकों ने गोलचक्कर पर 26 मिनट तक करतब दिखाया। एक युवक आग के करतब दिखा रहा था। वो मुंह से आग निकाल रहा था। दो युवक तलवार से करतब दिखा रहे थे। इस अखाड़े के आगे बढ़ने के बाद 6.33 बजे बर्मामाइंस हरिजन बस्ती का वीर अखाड़ा गोलचक्कर पहुंचा। 7.10 बजे साकची बाजार का बाल मंदिर अखाड़ा पहुंचा। भक्तिभाव के संगीत पर भक्ति में लीन श्रद्धालु नृत्य कर रहे थे। इस अखाड़े के युवकों के करतब ने लोगों का मन मोह लिया। इस अखाड़े के बाद सुमन अखाड़ा आया। इस अखाड़े के जुलूस में आठ युवकों की टोली करतब दिखा रही थी। इसके बाद एक-एक कर अखाड़े के जुलूस गोलचक्कर पर आते रहे। साकची बाजार की तरफ से जेल गेट अखाड़ा पहुंचा। एक अखाड़े की ट्रक के आगे बजरंबली की मूर्ति आकर्षण का केंद थी तो झांकियां भी निकलीं। साकची गोलचक्कर से अखाड़ों के निकलने का सिलसिला रात साढ़े 11 बजे तक चलता रहा। यहां से निकल कर 18 अखाड़े झंडा शांत करने साकची स्वर्णरेखा घाट पहुंचे। ------------------------

ढोल-ताशे के साथ एनएच से निकला अखाड़ा

शहर में रामनवमी का पहला अखाड़ा पारडीह से निकला। यहां ठीक 3.00 बजे श्रामिक एकता अखाड़ा के तारक मुखर्जी 12 युवकों की टोली के साथ झंडा लेकर पहुंचे और रांची-टाटा राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) 33 पर सिटी इन होटल के सामने खड़ा कर दिया। ढोल-ताशों के बीच कुछ और युवकों और श्रद्धालुओं के आने के बाद 3.20 बजे अखाड़े के तारक मुखर्जी को पगड़ी पहनाई गई। इसके बाद पूरे धूमधाम से जुलूस आगे बढ़ा। श्रद्धालु और युवकों की जुबान पर जय श्रीराम और जय बजरंगबली के नारे थे। कुछ युवक आगे पटाखे दागते हुए चल रहे थे। जुलूस पारडीह चौक से एनएच 33 पर तकरीबन दो किलोमीटर तक आगे बढ़ा और वापस पारडीह चौक आकर चेपा पुल की तरफ रवाना हुआ। इधर, मानगो के 14 नंबर रोड पर 4.20 बजे नितिन त्रिवेदी के तरुण संघ अखाड़े के जुलूस के लिए पूजा-अर्चना हुई। यहां से 4.29 बजे तरुण संघ अखाड़ा का झंडा उठा और चेपा पुल की तरफ रवाना हुआ। अखाड़े में शामिल श्रद्धालुओं की जुबां पर जय श्रीराम के नारे गूंज रहे थे। फिजा राममय थी। अखाड़े का जुलूस 4.44 बजे 15 नंबर रोड पहुंचा और फिर माधवबाग कॉलोनी के पास सिख समाज के लोगों ने जुलूस में शामिल श्रद्धालुओं को चना-हलवा और शर्बत पिलाया। यहां से अखाड़ा 6.05 बजे चेपा पुल पहुंचा जहां आजादनगर थाना शांति समिति और मुस्लिम संगठनों के स्टाल पर तरुण संघ अखाड़ा के नितिन त्रिवेदी पहुंचे और मुस्लिम संगठनों के स्टाल पर मुख्तार आलम खान से हाथ मिलाया और बैठ गए। यहां नितिन त्रिवेदी और उनके साथ आए अखाड़े के अन्य पदाधिकारियों को पगड़ी पहनाई गई। इसके बाद अखाड़ा का जुलूस मानगो गोलचक्कर की तरफ रवाना हुआ।

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स्वर्णरेखा घाट पर 7.20 पर पहुंचा पहला अखाड़ा

साकची के स्वर्णरेखा घाट पर गढ़ाबासा का श्री श्री शीतला मंदिर अखाड़ा शाम 7.20 बजे पहुंचा। घाट पर पहुंचने वाला ये पहला अखाड़ा था। घाट पर झंडे को शांत किया गया। इसके बाद एक के बाद अखाड़े आते गए और उनके झंडे यहां घाट पर शांत किए गए। इसके पहले, सुबह 10 बजे से साकची के स्वर्णरेखा घाट पर बसंती पूजा समितियों का आना शुरू हो गया था। सबसे पहले 10 बजे टिनप्लेट चौक समिति, 11.45 पर साकची की चिनाब रोड पूजा समिति और 3.30 बजे नामदा बस्ती काली मंदिर पूजा समिति पहुंची। इस समिति के अशोक सिन्हा ने बताया कि यहां कलष विसर्जन किया गया। 4.44 बजे सीतारामडेरा की ईस्टबंगाल कॉलोनी समिति और 5.27 बजे रिफ्यूजी कॉलोनी समिति ने घाट पर पहुंच कर विसर्जन किया।

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हनुमान व राक्षस बने आकर्षण का केंद्र

साकची गोलचक्कर पर रामनवमी जुलूस के दौरान हनुमान और राक्षस का रूप धारे दो युवक आकर्षण का केंद्र थे। वो जिधर जाते महिलाएं और बच्चे पीछे-पीछे हो लेते। उनके साथ सेल्फी लेने वालों की लाइन लगी थी। ये दोनों युवक साकची के काशीडीह लाइन नंबर 22 के रहने वाले थे। इनमें से कन्हैया माली हनुमान बने थे तो नारायण माली राक्षस।

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शराब का विरोध करते दिखे केदार

पुराना कोर्ट में बैठने वाले टाइपिस्ट केदारनाथ भारतीय भी रामनवमी जुलूस में साकची गोलचक्कर पर मौजूद थे। वो अपने साथ एक बड़ा पोस्टर लिए हुए थे जिसमें शराब का विरोध करने वाले नारे लिखे हुए थे।


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